मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में लंबे समय से टल रहा मंत्रिमंडल गठन अब शनिवार को होने की संभावना बताई जा रही है। सरकार या पार्टी की ओर से हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन राजभवन में शपथ ग्रहण की तैयारी से जुड़े लोगों को शनिवार दोपहर तीन बजे तक तैयारी पूरी करने को कहा गया है। शपथ के लिए निमंत्रण पत्र छाप लिया गया है। इस पर सवा तीन बजे का समय दिया गया है। ऐसे में कल मंत्रिमंडल गठन लगभग तय माना जा रहा है। माना जा रहा हैं कि 22 से 25 विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।
मंत्री मंडल में 22 मंत्री और बनाए जाने की संभावना
राजस्थान में नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद के शपथ ली थी और उनके साथ दो उपमुख्यमंत्रियों दिया कुमारी तथा प्रेमचंद बैरवा ने भी शपथ ली थी। इसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार हो रहा है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दो बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं लेकिन अब बताया जा रहा है कि शनिवार को यह इंतजार खत्म हो सकता है और दोपहर 3:15 बजे राज्यपाल कलराज मिश्रा नए मंत्रियों को शपथ दिला सकते हैं। नए मंत्रिमंडल में पहले 10 से 15 मंत्रियों को शामिल की जाने की संभावना बताई जा रही थी, लेकिन अब कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ की तर्ज पर पहली बार मैं ही ज्यादातर मंत्री बना दिए जायेंगे। राजस्थान में सीएम सहित तीस मंत्री बनाए जा सकते हैं। तीन पद पहले ही भर चुके हैं ऐसे में 22 मंत्री और बनाए जाने की संभावना है।
मंत्रिमंडल के चेहरों में सबसे मजबूत दावेदार
नई सरकार में मंत्रिमंडल के चेहरों में सबसे मजबूत दावेदार में डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, अनिता भदेल, ओटाराम देवासी, गुरवीर सिंह, जगत सिंह, जवाहर सिंह बेडम, बाबा बालकनाथ, जसवंत सिंह, जोगाराम पटेल, अविनाश गहलोत, छोटू सिंह, किशन कुमार बिश्नोई, केसाराम चौधरी, गजेंद्र सिंह खींवसर झाबर सिंह खर्रा, प्रताप भील, फूल सिंह मीणा, बाबू सिंह राठौड़़, भाग चंद टेकड़ा, मदन दिलावर, शंकर डेचा, हरलाल सहारण, विश्वनाथ मेघवाल का नाम प्रमुख रूप से लिया जा रहा है।
इन दावेदारों पर भी नजर
जितेंद्र गोठवाल और वरिष्ठ विधायक मदन दिलावर को भी दलित वर्ग से मंत्री बनाया जा सकता है। राजपूत समाज से पुष्पेंद्र सिंह राणावत, सिद्धि कुमारी जैसे वरिष्ठ विधायकों के समर्थकों को उम्मीद है कि उनके नेता इस बार जरूर मंत्री बनेंगे। ब्राह्मण समाज से संजय शर्मा, संदीप शर्मा, जेठानंद व्यास जैसे विधायक भी रेस में बने हुए हैं। नए मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा नजरें जाट समाज को मिलने वाले प्रतिनिधित्व पर टिकी होंगी। क्योंकि मुख्यमंत्री, दो उप मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष में से एक पर भी जाट चेहरे को मौका नहीं दिया गया है। अब 12 जाट विधायकों में से कितने लोगों को मंत्री बनाया जाएगा, लोगों की नजरें इस पर टिकी हैं।
भजनलाल ने शपथ लेने के बाद कहा था- कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 15 दिसंबर को पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। उनके साथ ही दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने डिप्टी CM के रूप में शपथ ग्रहण की थी। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत बीजेपी शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। शपथ लेने के बाद सीएम भजनलाल ने कहा था कि मैं भावुक और नतमस्तक हूं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास का संकल्प सर्वोपरि है। राजस्थान को सर्वश्रेष्ठ, समृद्ध और आत्मनिर्भर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।