देश में परीक्षा पास नहीं हुई, विदेशी से फर्जी डिग्रियां खरीदीं, एसओजी ने 3 नकली डॉक्टरों को पकड़ा

एसओजी ने राजस्थान के दौसा जिले से 16 लाख रुपए में फर्जी एफएमजीई प्रमाण-पत्र और एनएमसी रजिस्ट्रेशन खरीदने वाले 3 डॉक्टरों को गिरफ्तार किया। इन्होंने जॉर्जिया से MBBS की फर्जी डिग्री खरीदी थी। ये तीनों देश में मेडिकल की परीक्षा में फेल हो गए थे।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान के दौसा जिले से तीन डॉक्टरों को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने गिरफ्तार किया है। ये डॉक्टर भारतीय चिकित्सा परीक्षा में बार-बार फेल होने के बाद फर्जी एफएमजीई प्रमाण-पत्र और एनएमसी रजिस्ट्रेशन खरीदने का मामला सामने आया है। एडीजी विशाल बंसल ने बताया कि आरोपियों में एक दलाल भी है और दो डॉक्टर फर्जी तरीके से डिग्रियां प्राप्त कर रहे थे।

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गिरफ्तार आरोपी और उनका फर्जीवाड़ा

गिरफ्तार आरोपी डॉक्टरों में दौसा के डॉ. पीयूष कुमार त्रिवेदी, खेरवां (दौसा) के डॉ. शुभम गुर्जर और खुरी कला (दौसा) के डॉ. देवेंद्र सिंह गुर्जर शामिल हैं। आरोपियों ने मिलकर 16 लाख रुपए में फर्जी एफएमजीई प्रमाण-पत्र और एनएमसी रजिस्ट्रेशन प्राप्त किया। इन दस्तावेजों के माध्यम से डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेजों में इंटर्नशिप की और प्रैक्टिस करने का प्रयास किया।

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पीयूष कुमार त्रिवेदी का असफल प्रयास

डॉ. पीयूष कुमार त्रिवेदी ने 2022 में जॉर्जिया से एमबीबीएस किया। भारत में मेडिकल प्रैक्टिस के लिए अनिवार्य एफएमजीई परीक्षा में उन्होंने 2022, 2023 और 2024 में प्रयास किया, लेकिन तीनों बार वे असफल रहे। बार-बार फेल होने के बाद पीयूष ने डॉ. देवेंद्र से संपर्क किया, जिन्होंने उसे फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद की।

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फर्जी प्रमाण-पत्र और एनएमसी रजिस्ट्रेशन

एसओजी के अनुसार, डॉ. पीयूष को डॉ. देवेंद्र और डॉ. शुभम गुर्जर ने मिलकर 16 लाख रुपए में फर्जी एफएमजीई प्रमाण-पत्र और एनएमसी रजिस्ट्रेशन दिलवाया। इसके बाद पीयूष ने करौली मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप की। इसी प्रकार, डॉ. शुभम ने अलवर के राजीव गांधी अस्पताल में और डॉ. देवेंद्र ने दौसा के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप पूरी की।

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एसओजी की कार्रवाई और आगे की जांच

एसओजी ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद अब अन्य संबंधित लोगों की तलाश शुरू कर दी है। यह मामला चिकित्सा क्षेत्र में भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का उदाहरण पेश करता है। एसओजी अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों में शामिल सभी व्यक्तियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए जांच की जाएगी।

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मेडिकल शिक्षा और प्रमाण-पत्र का महत्व

यह घटना मेडिकल शिक्षा प्रणाली में फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के गंभीर पहलुओं को उजागर करती है। मेडिकल शिक्षा का उद्देश्य योग्य और सक्षम डॉक्टर तैयार करना है, जो समाज की सेवा कर सकें। फर्जी प्रमाण-पत्र और रजिस्ट्रेशन से न केवल चिकित्सा क्षेत्र की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह मरीजों की सुरक्षा के लिए भी खतरे का कारण बनता है।

गिरफ्तार डॉक्टर और उनके फर्जीवाड़े

डॉ. पीयूष कुमार त्रिवेदी : जॉर्जिया से MBBS, भारत में तीन बार असफल एफएमजीई परीक्षा, 16 लाख रुपए में फर्जी प्रमाण-पत्र प्राप्त किया।
डॉ. शुभम गुर्जर : फर्जी एफएमजीई प्रमाण-पत्र के आधार पर इंटर्नशिप की, राजीव गांधी अस्पताल, अलवर।
डॉ. देवेंद्र सिंह गुर्जर : फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दौसा मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप की।

राजस्थान एमबीबीएस मेडिकल दौसा एसओजी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप
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