राजस्थान हाई कोर्ट ने दिए आदेश : धौलपुर MLA शोभारानी कुशवाह के खिलाफ​ क्रिमिनल केस रद्द किया जाए

राजस्थान हाई कोर्ट ने धौलपुर से कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाह के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश के आरोप में चल रहे ट्रायल को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने पूर्व के मामलों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई केस नहीं बनता है।

author-image
Mukesh Sharma
New Update
shobharani

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jaipur. राजस्थान हाई कोर्ट ने धौलपुर से कांग्रेस विधायक शोभारानी कुशवाह के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश के आरोप में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्रवाई को रद्द कर दिया है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश शोभारानी कुशवाह की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए। 

राजस्थान हाई कोर्ट ने रद्द की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा, एग्जाम से पहले सिलेबस जारी करने के निर्देश

रिवीजन हुई थी खारिज

एडवोकेट जया मित्रा ने बताया कि जनवरी, 2017 में भरतपुर में एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने सह आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी, लेकिन कोर्ट ने 18 अक्टूबर, 2022 को याचिकाकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406 और 120 बी में प्रसंज्ञान ले लिया। इस आदेश के खिलाफ एडीजे कोर्ट ने 12 मई, 2023 को रिवीजन भी खारिज कर दी। 

राजस्थान हाई कोर्ट सख्त : स्कूलों में रंग-रोगन ही करवाते रहोगे या ढांचागत सुधार के मूल मुद्दे पर भी काम करोगे!

वह मात्र शेयर होल्डर

सीनियर एडवोकेट माधव मित्रा ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता महिला है और विपक्षी पार्टी की विधायक हैं। वह न तो कंपनी से संबद्ध हैं, ना ही निदेशक मंडल में हैं। वह मात्र एक शेयर होल्डर है और उसका कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है। 

कोई अपराध नहीं बनता

मित्रा ने कोर्ट को बताया कि अनुसंधान में भी ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जो याचिकाकर्ता को अपराध से जोड़ता हो। कंपनी का शेयर होल्डर होने से उस पर कोई अपराध नहीं बनता। न तो उसके खिलाफ चार्जशीट दायर हुई और ना ही 173-8 में उसके खिलाफ जांच लंबित रखी थी। 

मेहरानगढ़ दुखांतिका : राजस्थान हाई कोर्ट करेगा 216 मौतों की सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात ट्रांसफर नहीं की याचिका

पंजाब व छत्तीसगढ़ में भी नहीं था नाम

एडवोकेट मित्रा ने बताया कि कंपनी के खिलाफ छत्तीसगढ़ और पंजाब में भी मामले दर्ज हुए थे, लेकिन किसी भी मामले में याचिकाकर्ता का नाम नाम नहीं था। उसके पास कंपनी के मात्र नौ हजार शेयर हैं। 

समझौता ही हो चुका

मामले में शिकायतकर्ता के साथ कंपनी का समझौता हो चुका है। मामले एक आरोपी को 11 नवंबर, 2024 को बरी किया जा चुका है। विवाद निवेशक और कंपनी के बीच पूरी तरह से निजी और सिविल नेचर का है। ऐसे में याचिकाकर्ता के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में आपराधिक कार्रवाई जारी रहना कानून का दुरुपयोग होगा।

राजस्थान हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, सरकार को 15 अप्रैल तक निकाय-पंचायत चुनाव करवाने के दिए आदेश

इसलिए रद्द हो मामला

कोर्ट ने कहा है कि प्रार्थिया के खिलाफ पुलिस ने कोई चार्जशीट दायर नहीं की थी। वह मात्र एक शेयर होल्डर है, ना कि मैनेजमेंट का हिस्सा। शिकायतकर्ता और कंपनी के बीच विवाद का निपटारा भी हो चुका है। मामले में सह आरोपी बरी हो चुका है। 

एसआई भर्ती 2025 : राजस्थान हाई कोर्ट की लताड़, भर्ती परीक्षा मामलों में विश्वसनीयता खो चुकी सरकार

कार्रवाई जारी रहना अनुचित

ऐसे में याचिकाकर्ता के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई जारी रहना अनुचित है। मामला वैसे भी सिविल प्रकृति का है। कोर्ट ने शोभारानी कुशवाह के खिलाफ एसीजेएम 2 भरतपुर के 18 अक्टूबर, 2022 के प्रसंज्ञान आदेश और एडीजे महिला उत्पीड़न केसेज, भरतपुर के 12 मई, 2023 के आदेश रद्द कर दिए हैं।

राजस्थान कांग्रेस विधायक राजस्थान हाई कोर्ट भरतपुर धौलपुर शोभारानी कुशवाह
Advertisment