जयपुर में तलाक का अनोखा मामला : शादी के 43 साल बाद तलाक, एसी में नहीं सोने देती थी पत्नी

43 साल बाद पति ने पत्नी पर मानसिक उत्पीड़न और उम्र छुपाने का आरोप लगाते हुए तलाक की अर्जी दी, जिसे पारिवारिक न्यायालय ने मंजूर कर लिया।  एसी में नहीं सोने देती थी पत्नी

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Gyan Chand Patni
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पति-पत्नी के रिश्ते में सामंजस्य की कमी के कारण कई बार तलाक के मामले सामने आते हैं। खासकर शादी के शुरुआती वर्षों में जब आपसी मतभेद और तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तब तलाक के मामले अधिक होते हैं। इस तरह से थोड़ा अलग राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें एक जोड़े ने शादी के 43 साल बाद तलाक लिया। 

यह मामला पारिवारिक न्यायालय में गया, जहां 67 वर्षीय पति ने अपनी 56 वर्षीय पत्नी पर मानसिक उत्पीड़न और उम्र छिपाने का आरोप लगाते हुए तलाक Divorce Case की अर्जी दी। न्यायालय ने सभी साक्ष्यों का ध्यानपूर्वक मूल्यांकन करने के बाद तलाक की अर्जी को मंजूरी दे दी। जयपुर में शादी के 43 साल बाद तलाक का यह मामला चर्चा में है।

मानसिक उत्पीड़न के कारण पति ने मांगा तलाक

अपने याचिका में पति ने आरोप लगाया कि शादी के बाद उनकी पत्नी ने उन्हें लगातार ताने मारने शुरू कर दिए थे, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हो गए थे। वह इतना तनाव महसूस करने लगे कि उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन भी कर दिया था। हालांकि, बाद में आपसी समझ और सहमति से उन्होंने यह आवेदन वापस ले लिया।
एसी में नहीं सोने देती थी पत्नी
पति का कहना था कि उनकी पत्नी उन्हें एयर कंडीशनर (एसी) वाले कमरे में सोने की अनुमति नहीं देती थीं। इसके अलावा, वह आए दिन अपशब्द कह कर उन्हें अपमानित करती थीं। पति ने अपनी याचिका में यह भी आरोप लगाया कि पत्नी ने अपनी उम्र छुपाई और मानसिक रूप से उत्पीड़ित किया।

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पत्नी ने किया आरोपों का खंडन

पत्नी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी अपने पति को अपशब्द नहीं कहे और न ही मानसिक उत्पीड़न किया। उनका कहना था कि उनका पति सेवानिवृत्ति के बाद विलासिता का जीवन जीना चाहता था।  इस कारण  तलाक के लिए बिना आधार के आरोप लगाए। 

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न्यायालय ने क्या किया

जयपुर पारिवारिक न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस को ध्यान से सुना और पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर पति की ओर से दायर आवेदन पर तलाक मंजूर कर लिया।  

FAQ

1. क्या मानसिक उत्पीड़न तलाक का आधार बन सकता है?
जी हां, यदि कोई व्यक्ति मानसिक उत्पीड़न का सामना करता है और इसे प्रमाणित किया जा सकता है, तो यह तलाक का एक वैध आधार बन सकता है। इस मामले में, पति ने पत्नी पर मानसिक उत्पीड़न और अपमानित करने का आरोप लगाया था।
2. तलाक के लिए उम्र छुपाने का आरोप कैसे साबित किया जा सकता है?
उम्र छुपाने का आरोप तब तक साबित करना मुश्किल हो सकता है जब तक इसके पुख्ता प्रमाण न हों।  यदि यह साबित हो जाए कि किसी ने जानबूझकर अपनी उम्र छुपाई और इससे दूसरे पक्ष पर मानसिक प्रभाव पड़ा, तो यह तलाक का कारण बन सकता है।
3. तलाक के बाद संपत्ति का बंटवारा कैसे होता है?
तलाक के बाद संपत्ति का बंटवारा आमतौर पर दोनों पक्षों के बीच समझौते या न्यायालय के फैसले के आधार पर होता है। यह दोनों पक्षों के द्वारा किए गए दावों पर निर्भर करता है।

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राजस्थान तलाक Divorce Case जयपुर में शादी के 43 साल बाद तलाक मानसिक उत्पीड़न के कारण पति ने मांगा तलाक जयपुर पारिवारिक न्यायालय