देसी ठाठ होटल पर यूआईटी ने जड़ा ताला, नियमों को ठेंगा दिखाने वाले मालिकों की कोर्ट ने भी नहीं सुनी

राजस्थान के अलवर के सिलीसेढ़ में देसी ठाठ होटल को यूआईटी ने सील किया। राजस्थान हाई कोर्ट के आदेशों के बाद यूआईटी ने होटल को फिर से सील किया है। जानिए इसकी पूरी कहानी।

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Amit Baijnath Garg
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सुनील जैन @ अलवर

राजस्थान के अलवर के समीप स्थित सिलीसेढ़ में स्थित देसी ठाठ होटल को यूआईटी प्रशासन ने शनिवार शाम को फिर से सील कर दिया। पहले 4 दिसंबर को होटल को सील किया गया था, लेकिन अलवर के एडीजे कोर्ट नंबर 3 ने होटल मालिक को राहत देते हुए 28 दिसंबर तक होटल की सील हटाने का आदेश दिया था। 

फिर से किया गया सील

हालांकि इस आदेश के बाद यूआईटी ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने 12 दिसंबर को सुनवाई करने के आदेश दिए थे। फिर 12 दिसंबर को भी सुनवाई नहीं हुई और 15 दिसंबर को अगली तारीख दी गई थी। अंततः यूआईटी ने होटल को फिर से सील कर दिया।

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होटल मालिक और कर्मचारियों का विरोध

इस कार्रवाई के खिलाफ होटल के मालिक और कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए थे। हालांकि नगर विकास न्यास (यूआईटी) ने उनके विरोध पर कोई ध्यान नहीं दिया और होटल को सील करने की प्रक्रिया जारी रखी। मालिकों का कहना था कि वे न्यायिक प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। इस प्रकार की कार्रवाई से उनके व्यवसाय को नुकसान हो रहा है।

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यूआईटी का पक्ष

यूआईटी के अतिक्रमण निरोधक अधिकारी मानवेंद्र जायसवाल ने बताया कि देसी ठाठ होटल को फिर से सील किया गया है। पहले होटल को सील किया गया था, लेकिन कोर्ट के आदेश पर वह सील हटा दी गई थी। इसके बाद उच्च न्यायालय ने इस आदेश को खारिज कर दिया और फिर से सीलिंग आदेश जारी किए। 

किचन और ऑफिस सील

इस बार होटल के दोनों गेट, किचन और ऑफिस को सील कर दिया गया है। हालांकि कुछ कमरे सील नहीं किए गए, क्योंकि ये कमरे काफी संख्या में थे और कुछ कमरे इसलिए सील किए गए थे, क्योंकि होटल के अधिकारियों का निवास वहां था।

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अवैध होटलों पर कार्रवाई

यूआईटी ने 4 दिसंबर को सिलीसेढ़ क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे 10 होटलों और रेस्टोरेंट्स को सील कर दिया था। इनमें देसी ठाठ, मेधावन, द जंगल लेप, नमन बाग, बाबा होटल, सासू की ढाणी, गुप्ता झील, नील कमल रेस्टोरेंट, राजस्थानी होटल और सिलीसेढ़ इन शामिल थे। 

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कोर्ट चले गए होटल संचालक

देसी ठाठ होटल के संचालक ने कोर्ट में याचिका दायर की और एडीजे कोर्ट ने 6 दिसंबर को होटल की सील खोलने का फैसला दिया। इसके बाद यूआईटी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और कोर्ट ने 12 दिसंबर को फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया। 8 दिसंबर को एडीजे कोर्ट के आदेश पर होटल की सील खोल दी गई थी, लेकिन बाद में प्रशासन ने फिर से होटल को सील कर दिया।

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न्यायिक प्रक्रिया और यूआईटी की कार्रवाई

यह मामला एडीजे कोर्ट थर्ड में था, लेकिन जज के अवकाश पर होने के कारण फाइल को एडीजे कोर्ट फर्स्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। इस दौरान वकील ने कोर्ट में यूआईटी के वाद में जवाब प्रस्तुत किया। यूआईटी ने अपनी कार्रवाई को न्यायिक और कानूनी आधार पर सही ठहराते हुए होटल के भू-परिवर्तन न होने और सुप्रीम कोर्ट की सीईसी और एनजीटी के निर्देशों को आधार बनाया है।

मुख्य बिंदु

  • देसी ठाठ होटल को अवैध संचालन और कानूनी दिशा-निर्देशों का पालन न करने के कारण यूआईटी ने सील किया था। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों का पालन न करना भी कारण बना।
  • होटल के मालिक ने कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद एडीजे कोर्ट ने 6 दिसंबर को होटल की सील खोलने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में यूआईटी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, जिससे होटल को फिर से सील किया गया।
  • यूआईटी की सीलिंग कार्रवाई का मुख्य कारण होटल का अवैध संचालन और उसके भू-परिवर्तन न करने का था। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के दिशा-निर्देशों का पालन न करना भी एक कारण था।
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