अमृतसर-मुंबई स्वर्ण मंदिर मेल में कोच अटेंडेंट करवा रहा था बेटिकट सफर, यात्रियों ने खोल दी पोल

थर्ड एसी कोच का अटेंडेंट एक यात्री को अवैध रूप से ले जा रहा था। उसे छुपाने के लिए सीट को चादर से ढक दिया गया था। यात्रियों की सक्रियता के चलते मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद रेलवे ने इस यात्री पर 3300 रुपए का जुर्माना लगाया।

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अमृतसर-मुंबई स्वर्ण मंदिर मेल ट्रेन में एक यात्री को अवैध तरीके से यात्रा करते हुए रेलवे अधिकारियों ने पकड़ लिया। यह मामला कोटा मंडल में उस समय सामने आया, जब मुसाफिरों ने शिकायत की कि एक थर्ड एसी कोच का अटेंडेंट एक यात्री को अवैध रूप से ले जा रहा था और उसे छुपाने के लिए सीट को चादर से ढक दिया गया था। यात्रियों की सक्रियता के चलते मामले का खुलासा हुआ, और रेलवे ने इस यात्री पर 3300 रुपए का जुर्माना लगाया।

कैसे पकड़ा गया यात्री?

मुसाफिरों ने बताया कि दिल्ली से कोटा तक और कोटा से चढ़े टीटीई ने इस यात्री की तरफ ध्यान नहीं दिया। इस दौरान सीट को लगातार चादर से ढके रखा गया था, जो यात्रियों के लिए संदिग्ध था। जब मुसाफिरों को इस पर शक हुआ, तो उन्होंने यात्री से पूछताछ की, लेकिन वह न तो अपना टिकट दिखा सका और न ही सवालों के सही जवाब दे सका। इसी बीच, कोच अटेंडेंट भी मुसाफिरों के सवालों से बचता हुआ नजर आया।

इसके बाद यात्रियों ने मामले की शिकायत कोटा मंडल अधिकारियों से की और इस घटना का वीडियो और फोटो भी बनाए। कोटा मंडल अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की और कोच कंडक्टर से जांच की। जांच में पाया गया कि यह यात्री अवैध रूप से सफर कर रहा था। इसके बाद शामगढ़ स्टेशन पर कोच कंडक्टर ने यात्री पर 3300 रुपये का जुर्माना लगाया।

टीटीई और कोच कंडक्टर की जिम्मेदारी

इस मामले में एक महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि यात्रा के दौरान जिम्मेदार टीटीई और कोच अटेंडेंट ने इस मामले पर ध्यान क्यों नहीं दिया। कोच कंडक्टर मुंबई का था, जबकि टीटीई कोटा के थे। हालांकि, इस मामले में अभी तक जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में लापरवाही के रूप में सामने आता है।

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यात्रियों की जागरूकता से हुई कार्रवाई

इस मामले की सफलता यात्रियों की सतर्कता और सक्रियता पर निर्भर रही। मुसाफिरों ने न केवल संदेह जताया बल्कि घटना का वीडियो और फोटो बनाकर उसे रेलवे अधिकारियों तक पहुंचाया। इस कदम के कारण ही रेलवे को इस अवैध यात्रा का पता चला और जुर्माना लगाया गया।

रेलवे अधिकारियों की प्रतिक्रिया

रेलवे अधिकारियों ने मामले की जांच की और कोच कंडक्टर को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। इस दौरान यात्रियों की ओर से की गई जागरूकता की तारीफ की गई, जिसने इस मामले को उजागर करने में मदद की।

भविष्य में सुधार की उम्मीद

रेलवे अधिकारियों से यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर सख्त नियंत्रण रखा जाएगा और ऐसे मामलों की जांच में तेजी लाई जाएगी। इसके अलावा, यात्रियों को अपनी सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखते हुए इस प्रकार की घटनाओं के बारे में जागरूक रहना चाहिए।

अमृतसर-मुंबई स्वर्ण मंदिर मेल के इस मामले में यात्रियों की सक्रियता ने यह साबित कर दिया कि यदि लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें तो किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को उजागर किया जा सकता है। हालांकि, रेलवे अधिकारियों को इस घटना के जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो।

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