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Jaipur.राजस्थान के अंता ​विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के.सी.वेणुगोपाल ने बुधवार को भाया के टिकट की घोषणा की।
भाया तीन बार ​विधायक रह चुके हैं। पिछली कांग्रेस सरकार में खान, डेयरी व गोपालन मंत्री रहे थे। पिछले विधानसभा चुनाव में अंता सीट से प्रमोद जैन भाया बीजेपी के उम्मीदवार कंवर लाल मीणा से हार गए थे। भाया यह चुनाव 5861 वोट से हार गए थे। आपराधिक मुकदमे में सजा होने के कारण कंवर लाल मीणा की ​​विधायकी रद्द हो गई थी।
संभाग के कद्दावर नेता माने जाते हैं भाया
अब अंता में फिर से चुनाव हो रहे हैं। भाया को टिकट ​मिलना पहले से ही तय था। वे यहां से मजबूत दावेदार थे। उनकी संगठन पर भी मजबूत पकड़ है और संभाग के कद्दावर नेता माने जाते हैं।
वह अंता सीट से तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। पहला चुनाव ​निर्दलीय जीते थे। उसके बाद वे कांग्रेस से लगातार दो बार चुनाव जीते। हालांकि ​पिछला चुनाव भी मात्र 5861 वोटों से हारे थे। अंता से प्रमोद जैन भाया को कांग्रेस का टिकट मिलने से अटकलों पर विराम लग गया है।
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भाजपा में टिकट पर मंथन
कांग्रेस ने पहले टिकट की घोषणा करके चुनावी समर में बढ़त ले ली है। भाजपा में भी टिकट को लेकर मंथन चल रहा है। इस सीट से कंवरलाल मीणा के किसी परिजन को टिकट देने पर विचार चल रहा है।
वहीं पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, भाजपा नेता आनंद गर्ग और पूर्व जिला प्रमुख नंदलाल सुमन भी टिकट की मांग कर रहे हैं। पूर्व सांसद रघुवीर सिंह कौशल के पौत्र अंता प्रधान प्रखर कौशल भी दावेदार हैं।
उधर, कांग्रेस से निकाले गए नरेश मीणा भी निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। वे कांग्रेस से टिकट की मांग रहे थे। भाया को टिकट मिलने से उनकी टिकट की आस खत्म हो गई है। अगर नरेश मीणा चुनाव में ताल ठोकते हैं तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।
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उपचुनाव में भाजपा ने बाजी मारी
बीजेपी सरकार बनने के बाद 7 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, इनमें बीजेपी ने 7 में से 5 सीटें जीती हैं, ज​बकि कांग्रेस ने केवल एक सीट जीती। उपचुनावों में कांग्रेस और हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी को बड़ा नुकसान हुआ था। उपचुनावों से पहले 7 में से 4 सीट कांग्रेस के पास थी। उसके पास केवल एक सीट रह गई।
पिछले साल खींवसर, देवली-उनियारा, झुंझुनूं, दौसा, चौरासी, रामगढ़ और सलूंबर सीटों पर उपचुनाव हुए। इनमें खींवसर, देवली-उनियारा, झुंझुनूं,रामगढ़ और सलूंबर सीटों पर बीजेपी जीती। अंता सीट पर उपचुनाव के नतीजों से सरकार की सेहत पर असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे पर्सेप्शन सेट होगा। अंता सीट पर अगर बीजेपी जीतती है तो इसे सरकार के काम पर जनता की मुहर के तौर पर पेश किया जाएगा। अगर बीजेपी यह सीट हार जाती है तो विपक्ष को हमलावर होने का मौका मिलेगा।
11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को आएंगे नतीजे
साल 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कंवरलाल मीणा के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें मीणा ने 5861 वोटों से जीत दर्ज की। हालांकि कंवल लाल मीणा को पुराने एसडीएम को धमकाने के 20 साल के मामले में कोर्ट से तीन साल की सजा मिलने पर विधायकी गंवानी पड़ी। राजस्थान ​विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने 1 मई, 2025 को कंवरलाल मीणा की विधायकी खत्म कर दी थी। पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा अभी जेल में हैं।
निर्वाचन आयोग ने इस सीट पर 11 नवंबर को वोटिंग और 14 नवंबर 2025 को पिरणाम की घोषणा की। आयोग ने इसकी औपचारिक अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी करने का ऐलान किया है। अंता विधानसभा क्षेत्र में 2,26,227 मतदाता हैं, जिनमें 1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिलाएं और 4 अन्य मतदाता शामिल हैं।