राजस्थान में 5 साल में 568 विद्यार्थियों की दुर्घटनाओं में अकाल मौत , 80 प्रतिशत बच्चों की करंट या डूबने से मौत

राजस्थान में पिछले 5 सालों में 568 विद्यार्थियों की दुर्घटनाओं में मौत हुई, जिसमें से 80 प्रतिशत बच्चों की मौत करंट और डूबने से हुई। शिक्षा विभाग ने बीमा योजना बंद कर दी, जिसके बारे में बच्चों और उनके अभिभावकों को कोई जानकारी नहीं दी गई।

author-image
Gyan Chand Patni
New Update
chid n
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान में पिछले पांच सालों में स्कूली बच्चों की दुर्घटनाओं में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 568 बच्चों ने विभिन्न दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाई है। इनमें सरकारी स्कूलों के 482 और निजी स्कूलों के 86 बच्चे शामिल हैं। विशेष रूप से, 80 प्रतिशत से अधिक बच्चों की मौत करंट लगने और डूबने जैसी घटनाओं के कारण हुई है।

बच्चों की मौतों के कारण

राजस्थान में बच्चों की मौतों के मुख्य कारणों में सड़क दुर्घटनाएं, डूबना, करंट लगना, स्कूल बस दुर्घटनाएं, बीमारी, आकस्मिक मृत्यु, गहरे नाले में डूबना, छत गिरना, मिट्टी में दबना, डेंगू बीमारी, सांप का काटना, जलकुंड की पट्टियां टूटना, जंगली जानवर के काटने से, और आकाशीय बिजली गिरने जैसी घटनाएं शामिल हैं।

राजस्थान में शिक्षा विभाग ने विधानसभा में दे दी झूठी रिपोर्ट! छात्रों की मौत में नहीं किया झालावाड़ स्कूल हादसा का जिक्र

राजस्थान के स्कूलों में बीमा योजना बंद क्यों हुई

 राजस्थान में हादसों में बच्चों की मौत के मामले बढ़ रहे हैं। स्कूली इमारतें गिरने से बच्चों की मौत के मामले तो सामने आ ही रहे हैं। कहीं करंट लगने से बच्चों की मौत हो रही है तो कहीं डूबने से बच्चों की मौत के मामले भी सुर्खियां बन रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि  राजस्थान के स्कूलों में बीमा योजना बंद क्यों हुई?

हाल ही में डीडवाना विधायक यूनुस खान ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था, जिसमें जानकारी दी गई कि शिक्षा विभाग ने 2022-23 सत्र में विद्यार्थियों के लिए जारी की गई दुर्घटना बीमा योजना को बंद कर दिया है। इस योजना के तहत बच्चों और उनके परिजनों को बीमा के रूप में एक लाख रुपए तक की सहायता दी जाती थी। इस योजना के तहत प्रत्येक बच्चे से पांच रुपए का बीमा शुल्क भी लिया जाता था।

शिक्षा विभाग का कहना है कि चिरंजीवी योजना शुरू होने के बाद इस बीमा योजना को बंद कर दिया गया, जिसमें 10 लाख रुपए तक का बीमा मिलता है। लेकिन यह चौंकाने वाली बात है कि विभाग ने इस योजना को बंद करने की जानकारी न तो बच्चों को दी और न ही उनके अभिभावकों को बताया कि अब बीमा का फायदा कैसे लिया जा सकता है।

ये खबरें भी पढ़ें

राजस्थान में बदला मौसम का मिजाज, बारिश थमने के बाद सुबह-शाम हल्की सर्दी की शुरुआत

thesootr prime : राजस्थान में बच्चों के खिलाफ अपराध, NCRB रिपोर्ट 2023 में बढ़े POCSO के 70% मामले

accident
Photograph: (AI)

राजस्थान विश्वविद्यालय की दुर्घटना बीमा योजना

राजस्थान विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए दुर्घटना बीमा की योजना चल रही है। विश्वविद्यालय में प्रवेश के दौरान विद्यार्थियों से 100 रुपए का शुल्क लिया जाता है, जिसके बदले उन्हें दुर्घटना में मौत होने पर 12 लाख और इलाज के लिए 1 लाख रुपए तक की बीमा राशि मिलती है। अब तक विश्वविद्यालय की ओर से चार करोड़ रुपए की बीमा राशि जारी की जा चुकी है।

शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी

स्कूली बच्चों की मौतों के बढ़ते आंकड़ों के बावजूद शिक्षा विभाग ने बीमा योजना को बंद कर दिया, जबकि बच्चों के जीवन और सुरक्षा के लिए इस योजना की बेहद अहमियत थी। विभाग को बच्चों और उनके अभिभावकों को इस निर्णय की जानकारी देनी चाहिए थी ताकि वे नए बीमा विकल्पों के बारे में जान सकें।

ये खबरें भी पढ़ें

राजस्थान हाईकोर्ट ने सरकारी बिल्डिंगों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर उठाए सवाल : "ट्रोमा सेंटर तो नया बना है, कहीं आग, कहीं छत गिर रही है"

मध्य प्रदेश की नाबालिग से दुष्कर्म, जयपुर में बताई पुलिस को पीड़ा, जानें पूरा मामला

बीमा योजना के बारे में विभाग का तर्क

शिक्षा विभाग का तर्क है कि चिरंजीवी योजना के तहत अब बच्चों को 10 लाख तक बीमा राशि मिल रही है, जो पहले की योजना से अधिक है। हालांकि, विभाग ने यह जानकारी किसी भी माध्यम से बच्चों और उनके अभिभावकों तक नहीं पहुंचाई। यह सवाल खड़ा करता है कि क्या यह विभाग की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वे बच्चों के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों की जानकारी प्रदान करें और सुनिश्चित करें कि सभी के पास एक मजबूत बीमा कवर हो।

हादसों का क्या है सबक

ये घटनाएं राजस्थान में शिक्षा व्यवस्था की कमजोरियों और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती हैं। यदि सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए तो ऐसी दुर्घटनाओं की संख्या में और वृद्धि हो सकती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए जाएं और बच्चों को हर तरह के खतरे से बचाने के लिए बीमा योजनाओं को लागू किया जाए।

FAQ

1. राजस्थान में पिछले 5 सालों में कितने बच्चों की मौत हुई?
पिछले पांच सालों में राजस्थान में कुल 568 बच्चों की दुर्घटनाओं में मौत हुई है, जिनमें से अधिकांश मौतें करंट लगने और डूबने के कारण हुई हैं।
2. शिक्षा विभाग ने क्यों स्कूली बच्चों के दुर्घटना बीमा योजना को बंद किया?
शिक्षा विभाग ने चिरंजीवी योजना की शुरुआत के बाद विद्यार्थियों के दुर्घटना बीमा योजना को बंद कर दिया।
3. क्या राजस्थान विश्वविद्यालय में दुर्घटना बीमा की योजना है?
हां, राजस्थान विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए दुर्घटना बीमा योजना है, जिसके तहत मौत पर 12 लाख और इलाज के लिए 1 लाख रुपए तक की बीमा राशि मिलती है। 4. बच्चों की मौत के मुख्य कारण क्या हैं? राजस्थान में बच्चों की मौत के मुख्य कारण सड़क दुर्घटना, डूबना, करंट लगना, स्कूल बस दुर्घटना, बीमारी और आकस्मिक मृत्यु जैसी घटनाएं हैं।

राजस्थान के स्कूलों में बीमा योजना बंद क्यों हुई डूबने से बच्चों की मौत करंट लगने से बच्चों की मौत राजस्थान में हादसों में बच्चों की मौत
Advertisment