/sootr/media/media_files/2025/10/08/indian-air-force-day-2025-hindan-base-celebration-gallantry-award-surendra-moga-2025-10-08-15-23-23.jpg)
Photograph: (TheSootr)
भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने 8 अक्टूबर 2025 को अपना 93वां स्थापना दिवस (93rd Foundation Day) मनाया। इस अवसर पर भारतीय वायुसेना ने अपने वीर सपूत राजस्थान के शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा (Sergeant Surendra Moga) को वायुसेना मेडल (गैलंट्री) से मरणोपरांत सम्मानित किया। उनकी वीरांगना पत्नी सीमा मोगा (Seema Moga) ने यह सम्मान ग्रहण किया। भावुक माहौल में जब यह पुरस्कार उन्हें प्रदान किया गया, तो पूरा समारोह देशभक्ति और गर्व की भावना से भर गया।
यह खबर भी देखें...
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/10/08/indian-air-force-day-2025-hindan-base-celebration-gallantry-award-surendra-moga-2025-10-08-15-33-16.jpg)
हिंडन एयरबेस पर शानदार परेड और हवाई प्रदर्शन
एशिया के सबसे बड़े एयरबेस हिंडन एयरफोर्स स्टेशन (Hindan Air Force Station) पर इस ऐतिहासिक वायुसेना दिवस को भव्य रूप से मनाया गया। सुबह से ही परेड, हवाई प्रदर्शन (air show) और विशेष कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो गया। आकाश में उड़ते सुखोई, राफेल और तेजस विमानों ने अपनी जबरदस्त ताकत से सभी को गर्वित कर दिया। दर्शक दीर्घा में मौजूद सैकड़ों लोगों ने भारतीय वायुसेना के जांबाजों के पराक्रम को देखा और जयकारों से मैदान गूंज उठा।
यह खबर भी देखें...
जोधपुर में सोनम वांगचुक से मिलीं उनकी पत्नी गीतांजलि, अदालत में देंगे हिरासत को चुनौती
एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह (Air Chief Marshal Amarpreet Singh) ने कहा कि सार्जेंट सुरेंद्र मोगा जैसे वीर सैनिकों के बलिदान से ही भारत की सीमाएँ सुरक्षित हैं। उनका नाम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेगा।
पुरस्कार ग्रहण करते हुए वीरांगना सीमा मोगा ने कहा कि यह सम्मान मेरे पति के साहस और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। मुझे गर्व है कि उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिखाया अदम्य साहस
झुंझुनूं जिले (Jhunjhunu district) के मेहरादासी गाँव के निवासी सार्जेंट सुरेंद्र मोगा भारतीय वायुसेना के एक बहादुर योद्धा थे। वे ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान अग्रिम मोर्चे पर डटे रहे। जब देश की सुरक्षा खतरे में थी, तब उन्होंने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनकी इस वीरता और समर्पण के कारण उन्हें मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया।
यह खबर भी देखें...
रणथंभौर में इलाके के लिए मां रिद्धि से भिड़ी बेटी मीरा, जानें कौन जीता, कौन हारा
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/10/08/indian-air-force-day-2025-hindan-base-celebration-gallantry-award-surendra-moga-2025-10-08-15-34-05.jpg)
वीरों की भूमि झुंझुनूं फिर गर्वित
राजस्थान का झुंझुनूं जिला (Jhunjhunu district of Rajasthan) पहले भी अनेक वीर सपूतों की जन्मभूमि रहा है। कैप्टन मनोज पांडे, हवलदार अब्दुल हमीद, और मेजर शैतान सिंह जैसे शहीदों की परंपरा में अब सार्जेंट सुरेंद्र मोगा का नाम भी जुड़ गया है। उनकी शहादत ने एक बार फिर यह साबित किया कि झुंझुनूं की धरती वीरों की भूमि है।
यह खबर भी देखें...
LPG ट्रक में घुसा केमिकल टैंकर, 2 घंटे तक फटते रहे 200 सिलेंडर, एक की मौत, हाइवे पर दहशत
वायुसेना दिवस की परंपरा और महत्व
हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) मनाया जाता है। यह वह दिन है जब 1932 में वायुसेना आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आई थी। आज वायुसेना न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि मानवता की सेवा में भी अग्रणी है चाहे प्राकृतिक आपदा हो या अंतरराष्ट्रीय राहत अभियान। वायुसेना दिवस हर भारतीय के लिए गौरव का दिन होता है, जब देश अपनी “आकाश की सेना” को सलाम करता है।
यह खबर भी देखें...
मध्य प्रदेश की नाबालिग से दुष्कर्म, जयपुर में बताई पुलिस को पीड़ा, जानें पूरा मामला
वायुसेना की नई तकनीक और आधुनिक शक्ति
भारतीय वायुसेना लगातार खुद को आधुनिक बना रही है। अब बेड़े में राफेल (Rafale), सुखोई (Sukhoi Su-30MKI), तेजस (Tejas), और अपाचे हेलीकॉप्टर (Apache Helicopters) शामिल हैं। नई तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI), और ड्रोन युद्ध प्रणाली (Drone Warfare Systems) के जरिए भारतीय वायुसेना आधुनिक युद्ध की हर चुनौती के लिए तैयार है।
यह खबर भी देखें...
रंग नहीं लाई वसुंधरा राजे की पैरवी, अंता उपचुनाव घोषणा से पहले चला पॉलिटिकल ड्रामा
वायुसेना पदक क्या होता है?वायुसेना पदक वायु सेना कर्मियों की असाधारण सेवा और साहस को सम्मानित करने वाला पुरस्कार है। उसकी विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
| |
वीरता और बलिदान की प्रेरक कहानी
सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की कहानी केवल एक शौर्यगाथा नहीं, बल्कि कर्तव्य और समर्पण का संदेश है। उनकी वीरता ने यह सिखाया कि सच्चा सैनिक वही है जो अपने जीवन से ऊपर देश को रखता है। शहीद सुरेन्द्र मोगा को वायु सेना मेडल मिलने पर उनकी वीरांगना सीमा मोगा और पूरा झुंझुनूं आज गर्व से कह सकता है कि उसने एक सच्चा रक्षक खोया, लेकिन एक अमर प्रेरणा पाई।
यह खबर भी देखें...
वसुंधरा राजे के बयान से बढ़ी सियासी हलचल, जानें क्या बोलीं राजस्थान की पूर्व सीएम