ऑपरेशन सिंदूर के शहीद राजस्थान के सार्जेंट सुरेन्द्र मोगा को वायुसेना पदक, वीरांगना ने किया ग्रहण

भारतीय वायुसेना ने हिंडन एयरबेस पर 93वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर राजस्थान के शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को मरणोपरांत वायु सेना मेडल (गैलंट्री) से सम्मानित किया गया।

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Nitin Kumar Bhal
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भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने 8 अक्टूबर 2025 को अपना 93वां स्थापना दिवस (93rd Foundation Day) मनाया। इस अवसर पर भारतीय वायुसेना ने अपने वीर सपूत राजस्थान के शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा (Sergeant Surendra Moga) को वायुसेना मेडल (गैलंट्री) से मरणोपरांत सम्मानित किया। उनकी वीरांगना पत्नी सीमा मोगा (Seema Moga) ने यह सम्मान ग्रहण किया। भावुक माहौल में जब यह पुरस्कार उन्हें प्रदान किया गया, तो पूरा समारोह देशभक्ति और गर्व की भावना से भर गया।

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शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा। Photograph: (TheSootr)

हिंडन एयरबेस पर शानदार परेड और हवाई प्रदर्शन

एशिया के सबसे बड़े एयरबेस हिंडन एयरफोर्स स्टेशन (Hindan Air Force Station) पर इस ऐतिहासिक वायुसेना दिवस को भव्य रूप से मनाया गया। सुबह से ही परेड, हवाई प्रदर्शन (air show) और विशेष कार्यक्रमों का सिलसिला शुरू हो गया। आकाश में उड़ते सुखोई, राफेल और तेजस विमानों ने अपनी जबरदस्त ताकत से सभी को गर्वित कर दिया। दर्शक दीर्घा में मौजूद सैकड़ों लोगों ने भारतीय वायुसेना के जांबाजों के पराक्रम को देखा और जयकारों से मैदान गूंज उठा।

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एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह (Air Chief Marshal Amarpreet Singh) ने कहा कि सार्जेंट सुरेंद्र मोगा जैसे वीर सैनिकों के बलिदान से ही भारत की सीमाएँ सुरक्षित हैं। उनका नाम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेगा।

पुरस्कार ग्रहण करते हुए वीरांगना सीमा मोगा ने कहा कि यह सम्मान मेरे पति के साहस और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। मुझे गर्व है कि उन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दिखाया अदम्य साहस

झुंझुनूं जिले (Jhunjhunu district) के मेहरादासी गाँव के निवासी सार्जेंट सुरेंद्र मोगा भारतीय वायुसेना के एक बहादुर योद्धा थे। वे ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान अग्रिम मोर्चे पर डटे रहे। जब देश की सुरक्षा खतरे में थी, तब उन्होंने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनकी इस वीरता और समर्पण के कारण उन्हें मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया।

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पत्नी सीमा मोगा के साथ शहीद सुरेन्द्र मोगा। फाइल फोटो Photograph: (TheSootr)

वीरों की भूमि झुंझुनूं फिर गर्वित

राजस्थान का झुंझुनूं जिला (Jhunjhunu district of Rajasthan) पहले भी अनेक वीर सपूतों की जन्मभूमि रहा है। कैप्टन मनोज पांडे, हवलदार अब्दुल हमीद, और मेजर शैतान सिंह जैसे शहीदों की परंपरा में अब सार्जेंट सुरेंद्र मोगा का नाम भी जुड़ गया है। उनकी शहादत ने एक बार फिर यह साबित किया कि झुंझुनूं की धरती वीरों की भूमि है।

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वायुसेना दिवस की परंपरा और महत्व

हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) मनाया जाता है। यह वह दिन है जब 1932 में वायुसेना आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आई थी। आज वायुसेना न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि मानवता की सेवा में भी अग्रणी है चाहे प्राकृतिक आपदा हो या अंतरराष्ट्रीय राहत अभियान। वायुसेना दिवस हर भारतीय के लिए गौरव का दिन होता है, जब देश अपनी “आकाश की सेना” को सलाम करता है।

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वायुसेना की नई तकनीक और आधुनिक शक्ति

भारतीय वायुसेना लगातार खुद को आधुनिक बना रही है। अब बेड़े में राफेल (Rafale), सुखोई (Sukhoi Su-30MKI), तेजस (Tejas), और अपाचे हेलीकॉप्टर (Apache Helicopters) शामिल हैं। नई तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence - AI), और ड्रोन युद्ध प्रणाली (Drone Warfare Systems) के जरिए भारतीय वायुसेना आधुनिक युद्ध की हर चुनौती के लिए तैयार है। 

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वायुसेना पदक क्या होता है?

वायुसेना पदक वायु सेना कर्मियों की असाधारण सेवा और साहस को सम्मानित करने वाला पुरस्कार है। उसकी विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  1. स्थापना और इतिहास

    • यह पुरस्कार 26 जनवरी 1960 को स्थापित किया गया था।

    • 1994 में इसे दो भागों में विभाजित कर दिया गया:

      • वीरता (VM – वीरता)

      • कर्तव्यनिष्ठा (VM – कर्तव्यनिष्ठा)

  2. पदक का विवरण

    • पदक पाँच-नुकीले तारे वाला है, मानक चाँदी से बना और व्यास 35 मिमी है।

    • यह एक अंगूठी के माध्यम से 3 मिमी चौड़ी धातु की पट्टी से जुड़ा होता है, जिसमें अशोक के पत्ते अलंकृत हैं।

    • अग्रभाग पर राज्य का प्रतीक और उसके बीच में पत्तों की माला है।

    • पृष्ठभाग पर हिमालयी चील का चित्र और उसके नीचे शिलालेख है।

  3. रिबन का विवरण

    • रंग: केसरिया और सिल्वर ग्रे की तिरछी धारियाँ।

    • चौड़ाई: 32 मिमी, प्रत्येक धारियों की चौड़ाई 3 मिमी।

    • बार: पदक की बार रिबन से जुड़ी होती है।

    • केवल रिबन पहनने पर, सरकार द्वारा अनुमोदित लघु प्रतीक रिबन के मध्य में लगाया जाता है।

  4. पात्र कार्मिक

    • नियमित वायु सेना के अधिकारी और वायुसैनिक।

    • सहायक वायु सेना, वायु रक्षा रिजर्व और नियमित रिजर्व के अधिकारी और वायुसैनिक (जब बुलाए जाते हैं)।

    • एविएशन कॉर्पोरेशन में पायलट के रूप में सेवा देने वाले सेना अधिकारी।

  5. पात्रता की शर्तें

    • यह पुरस्कार असाधारण कर्तव्यनिष्ठा या साहसपूर्ण कार्य के लिए दिया जाता है, जिनका वायु सेना के लिए विशेष महत्व हो।

    • वीरता सम्मान – साहसपूर्ण कार्य के लिए।

    • कर्तव्यनिष्ठा सम्मान – असाधारण कर्तव्यनिष्ठा के लिए।

    • प्रत्येक व्यक्ति को प्रत्येक बार के लिए केवल एक बार पदक दिया जाएगा।

    • यह पुरस्कार मरणोपरांत भी दिया जा सकता है।

  6. मौद्रिक भत्ता

    • 01.02.1999 से साहसिक कार्यों के लिए दिए जाने पर रु. 500/- प्रति माह का भत्ता।

वीरता और बलिदान की प्रेरक कहानी

सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की कहानी केवल एक शौर्यगाथा नहीं, बल्कि कर्तव्य और समर्पण का संदेश है। उनकी वीरता ने यह सिखाया कि सच्चा सैनिक वही है जो अपने जीवन से ऊपर देश को रखता है। शहीद सुरेन्द्र मोगा को वायु सेना मेडल मिलने पर उनकी वीरांगना सीमा मोगा और पूरा झुंझुनूं आज गर्व से कह सकता है कि उसने एक सच्चा रक्षक खोया, लेकिन एक अमर प्रेरणा पाई।

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FAQ

1. भारतीय वायुसेना दिवस कब मनाया जाता है?
भारतीय वायुसेना दिवस हर साल 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन वायुसेना की स्थापना की याद में मनाया जाता है।
2. वायुसेना दिवस के मुख्य आयोजन के लिए हिंडन एयरबेस को क्यों चुना गया?
हिंडन एयरफोर्स स्टेशन एशिया का सबसे बड़ा एयरबेस है, जो रणनीतिक और तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसलिए वायुसेना दिवस के मुख्य आयोजन यहीं होते हैं।
3. सार्जेंट सुरेंद्र मोगा कौन थे?
सार्जेंट सुरेंद्र मोगा भारतीय वायुसेना के वीर योद्धा थे, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
4. वायुसेना मेडल (गैलंट्री) क्या है?
वायुसेना मेडल (गैलंट्री) भारतीय वायुसेना का वीरता पुरस्कार है, जो असाधारण साहस और वीरता दिखाने वाले सैनिकों को दिया जाता है।
5. वायुसेना दिवस 2025 की सबसे बड़ी झलक क्या रही?
सबसे भावुक पल तब आया जब शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा की पत्नी सीमा मोगा को मरणोपरांत वायुसेना मेडल (गैलंट्री) से सम्मानित किया गया।

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