रणथंभौर में इलाके के लिए मां रिद्धि से भिड़ी बेटी मीरा, जानें कौन जीता, कौन हारा
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघिन रिद्धि और उसकी बेटी मीरा के बीच क्षेत्रीय झगड़ा हुआ। यह प्राकृतिक संघर्ष दिखाता है कि जंगल में ताकतवर का ही राज होता है।
Ranthambore. रणथंभौर टाइगर रिजर्व (Ranthambore Tiger Reserve) के जंगल में 7 अक्टूबर 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना घटी। बाघिन रिद्धि और उसकी बेटी मीरा के बीच एक खतरनाक टेरिटोरियल फाइट (territorial fight) हुई, जिसने पूरी वाइल्डलाइफ को चौंका दिया। इस लड़ाई में दोनों बाघिनें घायल हो गईं, और एक बार फिर यह साबित हो गया कि जंगल में सत्ता का खेल ताकतवर का होता है।
यह घटना रणथंभौर के जोन नंबर 3 में घटी, जहां टाइगर सफारी पर आए पर्यटक गाइड विजय मीणा के साथ मौजूद थे। यहां, बाघिन रिद्धि और मीरा का आमना-सामना हुआ। बाघिन रिद्धि अपने इलाके में सशक्त रूप से राज कर रही थी। वहीं, मीरा ने अपनी मां के इलाके पर कब्जा करने की कोशिश की, जिससे यह संघर्ष उत्पन्न हुआ।
बाघिन रिद्धि और मीरा के बीच हुई यह लड़ाई टेरिटोरियल संघर्ष (territorial struggle) का एक उदाहरण थी। बाघ और बाघिन अपने इलाके को लेकर बेहद संजीदा होते हैं। जंगल में यह सामान्य है कि किसी भी नई बाघिन या बाघ का अपनी मां या पूर्व की बाघिन से संघर्ष करना। यह संघर्ष आमतौर पर मां और बेटी के बीच दुर्लभ होता है, लेकिन जब बाघिन का युवा बड़ा होता है, तो यह संघर्ष हो सकता है।
रणथंभौर के जंगल में पहले भी इस तरह के संघर्ष देखने को मिले हैं। बाघिन मछली, कृष्णा और एरोहेड के बीच भी ऐसे ही टेरिटोरियल संघर्ष हो चुके हैं। इन संघर्षों ने यह स्पष्ट किया है कि जंगल में सर्वेक्षण का तरीका हमेशा ताकतवर के पक्ष में होता है।
Photograph: (TheSootr)
रिद्धि और मीरा की टेरिटोरियल फाइट
इस फाइट में बाघिन रिद्धि ने अपनी बेटी मीरा को परास्त कर दिया, हालांकि दोनों ही बाघिनें घायल हो गईं। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह दृश्य गाइड विजय मीणा ने अपने कैमरे में कैद किया।
रिद्धि की उम्र लगभग 7 साल है, और वह बाघिन एरोहेड की बेटी है। रिद्धि ने 2023 में 3 शावकों को जन्म दिया, जिनमें सबसे बड़े शावक बाघिन मीरा के साथ यह संघर्ष हुआ था।
वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यह संघर्ष बाघिनों की प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा है। जंगल में अपनी जमीन और खाने के अधिकार के लिए बाघों और बाघिनों के बीच लगातार संघर्ष होता रहता है। हालांकि, मां-बेटी के बीच रणथंभौर में टेरिटोरियल फाइट दुर्लभ और दुर्भाग्यपूर्ण मानी जाती है।
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में इस घटना ने यह साबित कर दिया कि जंगल में राज केवल ताकतवर का ही होता है। इस संघर्ष ने एक बार फिर से यह सिखाया कि जंगल में जीवों का संघर्ष कभी न खत्म होने वाली प्रक्रिया है, जिसमें जीवों को अपनी जिंदगी की सुरक्षा के लिए लड़ना पड़ता है।
1. रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टेरिटोरियल फाइट क्या है?
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में टेरिटोरियल फाइट (territorial fight) एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जहां बाघिनें या बाघ अपनी जगह और क्षेत्र को सुरक्षित रखने के लिए लड़ते हैं।
2. क्या मां और बेटी के बीच टेरिटोरियल संघर्ष सामान्य है?
मां और बेटी के बीच टेरिटोरियल संघर्ष (territorial fight between mother and daughter) दुर्लभ है, लेकिन यह जंगल के जीवन का हिस्सा है। जब बाघिन का शावक बड़ा होता है, तो वह अपनी मां के इलाके पर कब्जा करने की कोशिश करता है।
3. रणथंभौर टाइगर रिजर्व में कितनी बाघिनें हैं?
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में कई बाघिनें हैं, जिनमें रिद्धि, मछली, कृष्णा और एरोहेड जैसी प्रसिद्ध बाघिनें शामिल हैं। इन बाघिनों के बीच टेरिटोरियल संघर्ष देखे गए हैं।
4. रिद्धि और मीरा के बीच संघर्ष में कौन जीता?
रिद्धि ने मीरा को हाराया और टेरिटोरियल संघर्ष में जीत हासिल की। हालांकि, दोनों बाघिनें घायल हो गईं।
5. क्या बाघों और बाघिनों के बीच टेरिटोरियल फाइट्स हमेशा खतरनाक होती हैं?
बाघों और बाघिनों के बीच टेरिटोरियल फाइट्स (territorial fights) कभी-कभी खतरनाक हो सकती हैं, क्योंकि इसमें वे गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं। लेकिन यह जंगल का स्वाभाविक हिस्सा है और जीवन के लिए जरूरी है।