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Photograph: (TheSootr)
लद्दाख (Ladakh) के प्रमुख जलवायु कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। 7 अक्टूबर 2025 को सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि ने उनसे मुलाकात की, जो कि उनकी गिरफ्तारी के बाद पहली मुलाकात थी। गीतांजलि ने अपने वकील ऋतम खरे के साथ जेल में जाकर सोनम से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान, गीतांजलि ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा की और बताया कि उन्हें सोनम की हिरासत के आदेश की कॉपी मिल गई है, जिसे वे अदालत में चुनौती देंगे। गीतांजलि ने यह भी बताया कि सोनम का हौसला बरकरार है और वे लद्दाख के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने सोनम के समर्थकों का धन्यवाद भी किया, जो इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं।
Met @Wangchuk66 today with @RitamKhare and got the detention order which we will challenge.
— Gitanjali J Angmo (@GitanjaliAngmo) October 7, 2025
His spirit is undaunted. His commitment resolute! His resilience intact!
He conveys heartfelt thanks to all for their support and solidarity. #SatyamevaJayate#FreeSonamWangchuk
सोनम वांगचुक पर आरोप और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है। उन्हें हिंसा भड़काने, आत्मदाह की सलाह देने और वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। इन आरोपों के चलते उनकी गिरफ्तारी को लेकर विवाद उठ रहा है। सोनम वांगचुक को 24 सितंबर 2025 को हिरासत में लिया गया था। यह गिरफ्तारी लद्दाख में हुई हिंसक घटनाओं के बाद हुई, जिनमें चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। हिंसा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया और कई पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया। सोनम वांगचुक पर आरोप है कि उन्होंने लद्दाख में होने वाली हिंसक घटनाओं को बढ़ावा दिया और अपने समर्थकों को आत्मदाह की सलाह दी। इसके अलावा, उन पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगाए गए हैं, जिनकी जांच चल रही है।
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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और अगली तारीख
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने पूछा है कि सोनम को तत्काल रिहा क्यों नहीं किया जा सकता। गीतांजलि ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की मदद ली थी। सिब्बल ने कोर्ट से मांग की थी कि सोनम की गिरफ्तारी के आदेश की कॉपी उनके परिवार को उपलब्ध कराई जाए, ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर 2025 को निर्धारित की है।
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सोनम वांगचुक कौन हैं?सोनम वांगचुक एक प्रसिद्ध इनोवेटर, एक्टिविस्ट और क्लाइमेट वॉरियर हैं, जिनका जन्म 1 सितंबर, 1966 को लेह में हुआ था। उनके जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं:
सोनम वांगचुक न केवल एक शिक्षाविद् हैं, बल्कि उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से समाज में कई सकारात्मक बदलाव लाए हैं। | |
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सोनम वांगचुक का पर्यावरणीय संघर्ष
सोनम वांगचुक का संघर्ष लद्दाख में पर्यावरणीय बदलावों को लेकर रहा है। वह जलवायु परिवर्तन (climate change) के प्रभावों को समझते हैं और लद्दाख के पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) को बचाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। सोनम ने कई ऐसे प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं, जो स्थानीय जलवायु और पारिस्थितिकी को बचाने में मदद करते हैं। उनका यह कार्य लद्दाख के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन की वजह से वहां की जीवनशैली पर गंभीर असर पड़ा है।
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सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर विवाद
लद्दाख हिंसा में सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद से उनके समर्थकों और आलोचकों के बीच तीखी बहस हो रही है। उनके समर्थक मानते हैं कि उनका कार्य लद्दाख के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जबकि उनके आलोचक यह कहते हैं कि उन्होंने हिंसा को बढ़ावा दिया और अनावश्यक तनाव पैदा किया। सोनम की गिरफ्तारी के बाद, लद्दाख और देशभर में उनके समर्थन में प्रदर्शन हुए हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे स्वतंत्रता की लड़ाई से जोड़ते हुए उनके समर्थन में आवाज उठाई है।
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