राजस्थान के भरतपुर जिले से नवजात बच्चा बदलने का मामला सामने आया है। भरतपुर (Bharatpur) संभाग के सबसे बड़े जनाना अस्पताल में बुधवार देर रात एक नवजात बच्ची की तबीयत खराब होने पर उसे जयपुर रेफर किया गया था, लेकिन एनआईसीयू वार्ड के कर्मचारियों ने बच्ची की जगह एक बच्चे को जयपुर भेज दिया। जब बच्ची के परिजनों ने जेके लॉन अस्पताल में नजवात को देखा, तो उन्हें बच्चों के बदलने का पता लगा। इसके बाद गुरुवार सुबह बच्चे के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा कर दिया। परिजनों का हंगामा देखकर अस्पताल प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए।
पिता ने बताई सारी कहानी
नवजात बच्चे के पिता नदबई निवासी छोटेलाल ने बताया कि उसकी पत्नी डॉली को 19 जून को जनाना अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती किया गया था। उसी दिन डॉली ने लड़के को जन्म दिया। लड़का प्रीमेच्योर बताया जा रहा था, इसलिए उसे एनआईसीयू वार्ड में एडमिट कर लिया गया। 24 जून को डॉली को डिस्चार्ज कर दिया गया। रोजाना बच्चे के चेकअप होने के लिए मां और बच्चे को वार्ड में बुलाया जाता था।
कर्मचारियों की लापरवाही आई सामने
बुधवार को वार्ड में एक बच्ची एडमिट थी, जिसे जयपुर रेफर करना था। डॉक्टर ने नवजात बच्ची को जयपुर के जेके लोन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया, लेकिन एनआईसीयू के कर्मचारियों ने लड़की की जगह लड़के को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। इसके बाद वह एम्बुलेंस से बच्चे को लेकर जेके लोन अस्पताल पहुंचे। दूसरी तरफ डॉली अपने बच्चे को दूध पिलाने के लिए एनआईसीयू वार्ड में गई। तब उसने अपने बच्चे का डायपर बदला, तो पता लगा कि वह लड़का नहीं बल्कि लड़की है।
इधर, जयपुर के जेके लोन अस्पताल में लड़की के परिजनों ने बच्चे को भर्ती करने से पहले नवजात का जब डायपर बदला, तो उन्हें पता लगा कि जनाना अस्पताल के कर्मचारियों के की ओर से उन्हें लड़की की जगह लड़का दे दिया गया है। इसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रशासन को सूचना दी। अस्पताल प्रशासन ने तुरंत लड़की को जयपुर रेफर किया। फिलहाल दोनों नवजात बच्चों का जेके लोन अस्पताल में इलाज जारी है।
FAQ
1. क्या हुआ था, जब बच्चे के परिजनों ने देखा कि बच्चा बदल गया है?
जब बच्चे के परिजनों ने जेके लोन अस्पताल में बच्चे का डायपर बदला, तो उन्हें पता चला कि अस्पताल के कर्मचारियों ने लड़की की जगह लड़के को भेज दिया था। इस पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया।
2. यह घटना कब और कहां हुई थी?
यह घटना 19 जून, 2023 को राजस्थान के भरतपुर जिले के जनाना अस्पताल में हुई थी, जहां एक नवजात बच्चे की जगह दूसरा बच्चा भेजा गया था।
3. इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने क्या कदम उठाए?
अस्पताल प्रशासन ने घटना के बाद लड़की को तुरंत जयपुर रेफर किया और दोनों बच्चों का इलाज जेके लोन अस्पताल में शुरू किया।