भरतपुर में सामूहिक आत्महत्या, तीन लोगों की मौत: पुलिस की कार्यप्रणाली भी कटघरे में
राजस्थान के भरतपुर में सामूहिक आत्महत्या, तीन लोगों की मौत, पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल। समय रहते कार्रवाई होने से मौतें टल सकती थीं। नजर आ रहा सोशल मीडिया पर पुलिस के खिलाफ गुस्सा।
राजस्थान के भरतपुर जिले के कंजौली गांव में शनिवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। गिरधरपुर टोल प्लाजा के पास सड़क किनारे एक 12 वर्षीय बच्चे समेत एक परिवार के तीन सदस्यों के शव मिले।
मृतकों की पहचान अनीता (37), उसके बेटे लोकेश (12) और उसकी बहन के बेटे शुभम (26) के रूप में हुई है।
पुलिस की निष्क्रियता और चूक
पुलिस ने प्रथम दृष्ट्या इसे सामूहिक आत्महत्या का मामला बताया। पुलिस का मानना है कि तीनों ने जहर खाया था। गौर करने लायक बात यह है कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो यह त्रासदी शायद टल जाती। अनीता के ससुराल वालों ने शुक्रवार को पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले में गंभीरता नहीं बरती और समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की।
पुलिस की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियां
अनीता के भाई दिगंबर सिंह ने बताया कि परिवार रात को पुलिस स्टेशन पहुंचा था, लेकिन पुलिस कर्मियों उन्हें अगले दिन आने के लिए कह दिया। अगर पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की होती, तो शायद तीनों जिंदा होते। इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियां उजागर की हैं।
हिंडौन के सदर पुलिस स्टेशन में शुक्रवार को एक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की। मोबाइल लोकेशन की जानकारी होने के बावजूद पुलिस सक्रिय नहीं हुई। इससे पुलिस पर गंभीर सवाल उठते हैं।
क्या है घटना का विवरण
अनीता की शादी देवेंद्र से हुई थी, जो कर्नाटक के मैसूर शहर में ठेकेदारी का काम करता है। वह अपने चार बच्चों के साथ करौली जिले के हिंडौन कस्बे के खेड़ा जमालपुर गांव स्थित अपने ससुराल में रहती थी। अनीता 31 जुलाई को अपने ससुराल वालों को यह कहकर गई थी कि वह अपने बेटे को भरतपुर डॉक्टर के पास ले जा रही है। इसके बाद वह लापता हो गई और बाद में इस त्रासदी का शिकार हो गई।
पुलिस की लापरवाही को लेकर लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं। सवाल उठा रहे हैं कि पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट पर समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की। पुलिस की कार्यप्रणाली और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
FAQ
1.भरतपुर में सामूहिक आत्महत्या की घटना कैसे घटी?
पुलिस के अनुसार, तीनों ने जहर खाया था, जिससे उनकी मौत हो गई। अभी मामले की जांच जारी है।
2. क्या पुलिस ने गुमशुदगी रिपोर्ट पर समय पर कार्रवाई की?
नहीं, पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट पर समय रहते कार्रवाई नहीं की। पुलिस ने अगर त्वरित कार्रवाई की होती, तो मौतों को टाला जा सकता था।
क्या पुलिस की लापरवाही पर कोई कार्रवाई की जाएगी?
इस मामले ने पुलिस की निष्क्रियता को उजागर किया है। सवाल यह है कि पुलिस अधिकारियों के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई होगी।
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