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राजस्थान की भाजपा सरकार ने कांग्रेस शासनकाल में शुरू इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार का नाम बदलकर पद्माक्षी पुरस्कार कर दिया है। बालिकाओं को मिलने वाली पुरस्कार राशि में भी बड़ी कटौती की गई है। अब 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा की छात्राओं को दिए जाने वाले पुरस्कार में 15 से 25 हजार रुपए की कमी की गई है। अब छात्राओं को स्कूटी भी नहीं दी जाएगी। ।
पुरस्कार राशि में कितनी कटौती की गई है
राजस्थान शिक्षा विभाग के नए आदेश के अनुसार, अब 8वीं कक्षा की छात्रा को 25 हजार रुपए मिलेंगे। 10वीं कक्षा की छात्रा को 50 हजार रुपए और 12वीं कक्षा की छात्रा को 75 हजार रुपए पुरस्कार के रूप में मिलेंगे। पहले इन कक्षाओं के लिए पुरस्कार राशि क्रमशः 40 हजार रुपए, 75 हजार रुपए और 1 लाख रुपए थी। पुरस्कार में स्कूटी भी दी जाती थी। अब स्कूटी नहीं दी जाएगी।।
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इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार का नाम बदला
इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार, जिसे अब पद्माक्षी पुरस्कार कहा जाएगा। इस पुरस्कार का उद्देश्य बोर्ड परीक्षाओं में उच्च अंक प्राप्त करने वाली बालिकाओं को प्रोत्साहित करना था। पुरस्कार का नाम बदलने से कांग्रेस पार्टी में असंतोष हो सकता है। असल में पहले भी कई योजनाओं के नाम बदलन दिया गया, जिसका विपक्ष ने विरोध किया था। बालिका पुरस्कार राशि में कटौती का एक वर्ग विरोध कर रहा है।
क्या है चयन प्रक्रिया
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा 8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में पहला स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को यह पुरस्कार दिया जाता है। संस्कृत शिक्षा विभाग की कक्षा आठवीं, प्रवेशिका एवं वरिष्ठ उपाध्याय की बोर्ड परीक्षा में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को भी यह पुरस्कार मिलेगा। यह पुरस्कार कक्षा 10वीं और 12वीं (व्यावसायिक शिक्षा) में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को भी मिलेगा। राजस्थान बालिका पुरस्कार कटौती से बालिकाओं में उत्साह कम होगा।
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8 कैटेगरी में पुरस्कार वितरण
इस योजना के तहत पुरस्कार 8 अलग-अलग श्रेणी में दिए जाते हैं। इनमें सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, बीपीएल और निशक्त वर्ग की छात्राओं शामिल हैं। यह पुरस्कार राजस्थान की मूल निवासी बालिकाओं के लिए ही है।