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Photograph: (the sootr)
राजस्थान में सड़क हादसों में युवाओं की लापरवाही एक गंभीर समस्या बन चुकी है। 2024 में राज्य में 650 करोड़ रुपए के चालान काटे गए, जिनमें से 65 प्रतिशत युवा वर्ग के लोग शामिल थे। यह आंकड़े यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर चिंता का कारण बने हैं।
राजस्थान ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में 3,79,697 ई-चालान और 3,06,195 परिवहन टिकट जारी किए गए, जिनकी कुल राशि 650 करोड़ रुपए थी। इनमें से 60 प्रतिशत चालान जमा हो चुके हैं, जबकि 40 प्रतिशत (260 करोड़ रुपए) अभी भी बकाया हैं। यह राशि विभिन्न यातायात नियमों के उल्लंघन के कारण ली गई है।
युवा वर्ग के ड्राइवरों की लापरवाही
सड़क पर वाहन चलाते समय तेज गति से ड्राइविंग, मोबाइल का उपयोग और सीट बेल्ट और हेलमेट की अवहेलना जैसी घटनाओं में युवा सबसे आगे हैं। रिपोर्ट में यह सामने आया है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले 65 प्रतिशत चालक 30 वर्ष से कम उम्र के हैं। खासतौर पर 18 से 30 वर्ष के युवा यातायात नियमों की अवहेलना ज्यादा करते हैं।
जयपुर में सबसे ज्यादा नियमों का उल्लंघन
जयपुर शहर में यातायात नियमों का उल्लंघन सबसे ज्यादा पाया गया। 2024 में जयपुर में कुल डेढ़ लाख चालान काटे गए, जो प्रदेश में काटे गए कुल चालानों का 40 प्रतिशत है। इसके बाद जोधपुर, उदयपुर और कोटा में क्रमशः 80,000, 60,000 और 50,000 चालान काटे गए। इन शहरों में मुख्य रूप से ओवरस्पीड, रेड लाइट क्रॉस और बिना हेलमेट के वाहन चलाने के कारण चालान किए गए।
नियमों के उल्लंघन का प्रभाव
इन हादसों के कारण सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जिनमें कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। तेज गति से वाहन चलाना, मोबाइल का उपयोग करना और बिना हेलमेट के गाड़ी चलाना सभी युवा चालक के बीच आम समस्याएं बन चुकी हैं। इन लापरवाह ड्राइवरों के कारण यात्री भी खतरे में रहते हैं।
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रिपोर्ट में सामने आई लापरवाही की मुख्य वजहें
रिपोर्ट के अनुसार, युवा ड्राइवरों के बीच सबसे अधिक उल्लंघन ओवरस्पीड (40%), मोबाइल का उपयोग (20%) और बिना हेलमेट या सीट बेल्ट के वाहन चलाना (15%) हुआ। इसके अलावा शराब पीकर वाहन चलाने के भी कई मामले सामने आए हैं।
ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाइयां
राज्य सरकार और ट्रैफिक पुलिस विभाग ने सीसीटीवी और ई-चालान सिस्टम का इस्तेमाल कर यातायात नियमों की सख्ती से पालन कराने का प्रयास किया है। इन उपायों के बावजूद अधिकतर युवा ड्राइवर बिना किसी डर के नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए गए हैं। अब सवाल यह है कि बढ़ते सड़क हादसे कैसे रोके जा सकते हैं?
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