हाईकोर्ट में इंदौर के खराब ट्रैफिक पर सभी ने जताई चिंता, बेंच बोली- सफाई की तरह हैवी पेनल्टी लगाओ, डर से होगा सुधार

इंदौर, जो सफाई के मामले में हमेशा अग्रणी रहा है, अपनी खराब ट्रैफिक व्यवस्था के लिए लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहा है। क्या है पूरा मामला...चलिए आपको बताते हैं।

author-image
Sanjay Gupta
New Update
indore-traffic-problem-high-court-penalty
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

सफाई के सिरमौर इंदौर अपने खराब ट्रैफिक को लेकर लगातार बदनाम है। इंदौर-देवास महाजाम तो देखा ही था, वहीं थोड़ी बारिश और पीक ऑवर्स में लंबे-लंबे जाम अब रोज की बात हो चुकी है। इसी मुद्दे पर हाईकोर्ट बेंच में लगी पीआईएल पर मंगलवार को अहम सुनवाई हुई। इसमें जस्टिस विनोद कुमार रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की बेंच में पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा उपस्थित हुए। वहीं न्यायमित्र के रूप में महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी रहे।

बेंच ने खुलकर यह बात कही

बेंच ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सफाई में जब इंदौर में जागरूकता है और नंबर वन आ रहा है, तो कोई वजह नहीं कि ट्रैफिक में भी सुधार न हो। यहां के रहवासी जल्दी चीजों को अपनाते हैं। लेकिन इसके लिए संयुक्त प्रयास करने होंगे। जैसे सफाई में पहले हैवी पेनल्टी लगाई गई, जिससे डर पैदा हुआ और फिर जागरूकता आई।

यही कदम ट्रैफिक को लेकर उठाने होंगे- हैवी पेनल्टी लगाओ और उसकी वसूली करो। तीन बार से ज्यादा रेड लाइट जंप हो तो लाइसेंस सस्पेंड करो। इसी से जागरूकता आएगी और तभी ट्रैफिक सुधरेगा।

इंदौर ट्रैफिक सुधार पर हाईकोर्ट की सुनवाई को एक नजर में समझें...

  • हाईकोर्ट ने ट्रैफिक सुधार के लिए सख्ती और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जैसे सफाई में की गई पेनल्टी से जागरूकता आई थी।

  • बेंच ने ई-रिक्शा और ऑनलाइन डिलीवरी सेवाओं पर सख्ती की बात की, जिनका रिकॉर्ड और पहचान जांच जरूरी है, क्योंकि वे अक्सर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं।

  • हाईकोर्ट ने शहर में सिग्नल की स्थिति, अतिक्रमण और फुट ओवर ब्रिज निर्माण पर अधिकारियों से जानकारी मांगी, साथ ही दुकानों के बाहर सामान रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बात की।

  • महापौर ने ट्रैफिक मित्र जैसे वालंटियर कार्यक्रम, महिलाओं को फ्री लर्निंग लाइसेंस और जी+4 भवन में मैकेनाइज्ड पार्किंग जैसे उपायों की जानकारी दी।

  • राजलक्ष्मी फाउंडेशन की याचिका में ट्रैफिक सिग्नल बंद होने, ई-रिक्शा की बढ़ती समस्याएं और सड़कों पर अतिक्रमण जैसे मुद्दों की चर्चा की गई।

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर में चालान के नाम पर वसूली कर रहे 2 ट्रैफिक कांस्टेबल लाइन अटैच

हाईकोर्ट में सिग्नल, अतिक्रमण, ई-रिक्शा सभी पर हुई बात

  • हाईकोर्ट में सीपी ने पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी और पुलिस बल कम होने की बात भी कही।

  • वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बागड़िया ने कहा कि चौराहे पर पुलिस वाले कोने में खड़े मोबाइल देखते रहते हैं। कम-ज्यादा बल से कुछ नहीं होगा। बीच में खड़ा होना होगा जैसे कि रणजीत हाईकोर्ट सिग्नल पर खड़ा होता है। वहीं रात को ड्रिंक एंड ड्राइव कार्रवाई पर कहा कि यह पूरी मुस्तैदी से हो रही है और इसमें कोई शक नहीं, यह बेहतर व्यवस्था है। अधिकारी रात में बढ़िया काम करते हैं लेकिन दिन में ट्रैफिक में सुस्ती आ जाती है।

  • बेंच ने कहा कि लंबे ट्रैफिक टाइम-120 सेकंड-भी जंप करने के लिए मजबूर करते हैं, इन्हें कम किया जाना चाहिए। चालान आते हैं लेकिन इसमें वसूली पर सख्ती नहीं है, इसलिए कोई परवाह नहीं करता है। स्पॉट फाइन होना चाहिए।

  • बेंच ने कहा कि फास्टटैग से भी वसूली की जा सकती है- क्या ऑन द स्पॉट? इस पर भी काम हो। साथ ही इंश्योरेंस कंपनियों को कहो कि यदि किसी के चालान लंबित हैं तो उनका इंश्योरेंस रिन्यू न करें।

  • बेंच ने यह भी कहा कि जिस सिपाही की उपस्थिति में रेड लाइट जंप के अधिक ई-चालान बने, उस पर भी कार्रवाई हो—आखिर उनके रहते यह क्यों हुआ? तभी वह बीच चौराहे पर ड्यूटी करेगा। इस पर सीपी सिंह ने कहा कि एक मिनट में 500 वाहन गुजरते हैं, ऑन द स्पॉट रोकने और कार्रवाई से ट्रैफिक व्यवस्था में समस्या आ सकती है। एनफोर्समेंट आखिर में कर सकते हैं, पहले जागरूकता जरूरी है।

  • दुकानदारों के बाहर माल रखकर कब्जा करने की बात बेंच ने उठाई। इस पर कलेक्टर सिंह ने कहा कि इस पर निगम जल्द प्रस्ताव ला रहा है। अभी कचरे पर ही ऑन द स्पॉट चालान की मंजूरी है, निगम इसे पास करके दुकानों के बाहर इस तरह के कब्जे पर भी ऑन द स्पॉट फाइन लगाएगा। इस पर काम हो रहा है।

  • अधिवक्ता बागड़िया ने कहा कि सौ में से एक-दो ही हेलमेट पहनते हैं। लगातार रेड लाइट जंप हो रहे हैं और यह पेनल्टी लगाने और जागरूकता से ही सुधर सकता है।

  • बेंच ने फिर दोहराया कि लोगों को डर होना चाहिए कि कानून तोड़ेंगे तो कार्रवाई होगी। इसके लिए सख्ती कीजिए।

  • इस पर कलेक्टर सिंह ने बताया कि एक सर्वे कराया जा रहा है, जिससे पता चले कि रियल टाइम पर कहां कितना ट्रैफिक होता है और कौन सा रोड वन-वे करने, कट बंद करने, रोड चौड़ा करने आदि से ट्रैफिक सुगम होगा। इसमें तीन-चार माह का समय लगेगा। निगम ने पार्किंग को लेकर भी कार्रवाई की है। स्पॉट फाइन के लिए निगम प्रस्ताव ला रहा है। बसों के जगह-जगह रुकने को प्रतिबंधित कर सख्ती की है।

  • महापौर ने ई-मोबाइल कोर्ट चलाने की भी बात कही जो सड़क पर कब्जा करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई करेगी।

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर में दस बार ट्रैफिक नियम उल्लंघन करने वालें वाहनों के पंजीयन निरस्त होना शुरू,  31 वाहन मालिकों को नोटिस

नंबर प्लेट में गजब काम, भूतपूर्व छोटा और पद बड़ा लिख रहे

बेंच ने वाहनों पर हूटर्स लगे होने और नंबर प्लेट के गलत होने पर आपत्ति ली। बेंच ने कहा कि भले ही व्यक्ति पहले किसी पद पर रहा हो, लेकिन वह ‘भूतपूर्व’ छोटा और पद बड़ा लिखते हैं। नेम प्लेट सही होना चाहिए। भले ही वह विधायक का पड़ोसी हो लेकिन प्लेट पर गलत लिखता है।

ई-रिक्शा पर कार्रवाई जरूरी, ऑनलाइन डिलीवरी वालों पर भी

बेंच ने ई-रिक्शा और ऑनलाइन डिलीवरी वालों पर भी सख्ती की बात कही। उन्होंने कहा कि इन दोनों के लोग कौन हैं, इसकी पहचान और जांच होना चाहिए। ई-रिक्शा में बच्चे सफर करते हैं, ना यूनिफॉर्म है और ना ही पता है कि उनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड है या नहीं।

इसी तरह ऑनलाइन डिलीवरी वालों का कोई रिकॉर्ड नहीं रहता, वे हमारे घरों में आते हैं डिलीवरी के लिए। सबसे ज्यादा रेड लाइट जंप यही करते हैं। इन पर सख्ती जरूरी है। यह भी बात उठी कि ई-रिक्शा के लिए कई रास्ते अभी प्रतिबंधित होने चाहिए, जिससे ट्रैफिक डिस्टर्ब न हो। इनके लिए स्टेशन भी और जगह भी तय होनी चाहिए। अभी कहीं भी खड़े हो जाते हैं।

ये खबर भी पढ़िए...इंदौर के खराब ट्रैफिक पर हाईकोर्ट ने पुलिस आयुक्त, कलेक्टर और निगमायुक्त को पेश होने के लिए कहा

महापौर ने अपने और निगम के ये काम बताए

वहीं न्यायमित्र के रूप में आए महापौर ने कहा कि हमने ट्रैफिक मित्र तैयार किए हैं जो वालंटियर्स हैं। इसके अच्छे रिजल्ट आए हैं। महिलाओं को फ्री लर्निंग लाइसेंस बनवाया- एक ही दिन में 11 हजार महिलाएं आईं। जी+4 भवन में मैकेनाइज्ड पार्किंग होना चाहिए- इस पर काम कर रहे हैं। कुछ सख्ती जरूरी है। ‘नो कार डे’ भी कर रहे हैं। इस पर बेंच ने कहा कि कार पूल भी किया जाए और एक ही जगह जाने वाले एक कार से जाएं, सड़कों पर वाहन कम करने के प्रयास किए जाएं।

यह है याचिका

कोर्ट में राजलक्ष्मी फाउंडेशन द्वारा यह याचिका दायर की गई है। इस जनहित याचिका में ट्रैफिक समस्या और ई-रिक्शा के चलते आ रही समस्या को उठाया गया है। ई-रिक्शा पर कोई रोक नहीं है। रात को ट्रैफिक सिग्नल बंद हो जाते हैं जिससे दुर्घटना की समस्या बनी रहती है। इस पर बेंच ने अधिकारियों को इन बिंदुओं पर जानकारी देने के लिए मंगलवार को हाईकोर्ट बुलाया था:

  • शहर में कितने चौराहों पर सिग्नल लगा है और कितने काम कर रहे हैं

  • मार्ग चौड़ीकरण के लिए कितने लेफ्ट टर्न चौड़े हैं

  • शहर में कितने चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है

  • ब्लैक स्पॉट की पहचान की है क्या और इसमें क्या किया गया

  • बीते पांच सालों में कितने स्पीड ब्रेकर, पार्किंग जोन, फुट ओवर ब्रिज बनाए गए

  • दुकानों के बाहर सामान रखने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की

  • सार्वजनिक जगहों पर ठेले, गुमटी को लेकर क्या किया

  • हेलमेट नहीं पहनने वाले और रेड सिग्नल क्रॉस करने वालों पर क्या किया गया

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃

🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

इंदौर ट्रैफिक को लेकर प्लान | इंदौर ट्रैफिक समस्या | इंदौर ट्रैफिक सुधार | indore traffic | indore traffic news | Indore traffic plan | ट्रैफिक नियम | ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन | मध्यप्रदेश में ट्रैफिक नियम | Traffic rules | E-Rickshaw | इंदौर हाईकोर्ट | इंदौर हाईकोर्ट का आदेश | इंदौर हाईकोर्ट बेंच | MP News

MP News मध्यप्रदेश इंदौर हाईकोर्ट कलेक्टर आशीष सिंह इंदौर हाईकोर्ट बेंच मध्यप्रदेश में ट्रैफिक नियम हाईकोर्ट Traffic rules इंदौर हाईकोर्ट का आदेश indore traffic इंदौर ट्रैफिक को लेकर प्लान ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन Indore traffic plan ट्रैफिक नियम ई-रिक्शा E-Rickshaw निगमायुक्त शिवम वर्मा इंदौर ट्रैफिक समस्या इंदौर ट्रैफिक सुधार पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह indore traffic news