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Photograph: (the sootr)
Bikaner. राजस्थान के बीकानेर में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान प्रोटोकॉल को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत से पहले ही स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
विवाद तब शुरू हुआ, जब कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले ही प्रचार वाहन को हटा दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद विधायक जेठानंद व्यास और प्रशासन के बीच समन्वय की कमी साफ तौर पर उजागर हुई।
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विधायक की नाराजगी
सूत्रों के अनुसार, बीकानेर पश्चिम से विधायक जेठानंद व्यास कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे, और इस दौरान यह देखा गया कि प्रचार वाहन को हटा दिया गया था। इसके बाद जब वे सभा स्थल पर पहुंचे तो वहां कुर्सियां खाली नहीं थीं। यह स्थिति असहज माहौल का कारण बनी और विधायक व्यास को खड़े रहना पड़ा। इस पर विवाद बढ़ गया और स्थानीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गया।
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प्रशासन की गलती या मंत्री की अव्यवस्था?
विधायक जेठानंद व्यास ने इस पूरी घटना को प्रशासन की गलती बताया। उनका कहना था कि किसी को भी उसकी कुर्सी से हटाकर उसे किसी और की जगह बैठाना मर्यादा के खिलाफ है। हालांकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से किसी से नाराजगी का संकेत नहीं दिया, लेकिन कार्यक्रम के दौरान प्रोटोकॉल का पालन न होना एक प्रशासनिक चूक था। विधायक ने इस बारे में प्रभारी मंत्री खींवसर को भी अवगत कराया।
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तालमेल की कमी
कार्यक्रम के दौरान अधिकारी मंच पर मौजूद थे, जबकि विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि पीछे खड़े थे। कुछ देर बाद प्रभारी मंत्री और जिला कलेक्टर भी मंच से उतरकर पीछे खड़े हुए। बाद में अन्य विधायक जैसे कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी और खाजूवाला विधायक विश्वनाथ मेघवाल भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।
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समन्वय और प्रोटोकॉल का पालन
इस पूरे घटनाक्रम ने बीकानेर की राजनीति में प्रशासनिक व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों के सम्मान को लेकर नई चर्चा शुरू कर दी है। इस विवाद के बाद एक बार फिर यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि कार्यक्रमों में बेहतर समन्वय और प्रोटोकॉल का पालन क्यों नहीं किया जाता। यह घटना दर्शाती है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।
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मुख्य बिंदु
- बीकानेर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रचार वाहन को हटा दिए जाने और कुर्सियां खाली न होने के कारण विधायक जेठानंद व्यास को खड़ा रहना पड़ा, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ।
- विधायक जेठानंद व्यास ने इसे प्रशासन की गलती बताया और कहा कि प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया, जो एक प्रशासनिक चूक थी।
- इस घटना के बाद बीकानेर में प्रशासनिक व्यवस्था और जनप्रतिनिधियों के सम्मान को लेकर चर्चा तेज हो गई है। वहीं कार्यक्रमों में बेहतर समन्वय और प्रोटोकॉल के पालन की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।
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