अंता उपचुनाव में करारी हार के बाद भाजपा को लगा तगड़ा झटका, सरकार-संगठन अब लगाएंगे जनता दरबार

राजस्थान में अंता उपचुनाव में करारी हार के बाद भाजपा सरकार और संगठन ने 1 दिसंबर से जनता दरबार की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इससे संगठन की पकड़ मजबूत होगी और आगामी चुनावों के लिए तैयारियां तेज होंगी।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. हाल ही में हुए राजस्थान के अंता उपचुनाव के परिणाम ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। करारी हार के इस नतीजे को पार्टी ने एक चेतावनी के रूप में लिया है, जिसके बाद भाजपा सरकार और संगठन ने आगामी पंचायत-निकाय चुनावों की तैयारी तेज कर दी है। 

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जनता से जुड़ने की कवायद

इस हार के बाद पार्टी ने एक नई पहल की शुरुआत की है, जिससे वह जनसामान्य के साथ अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहती है। इस पहल के तहत भाजपा मुख्यालय पर 1 दिसंबर से जनता दरबार शुरू होने जा रहा है। यह पहल भाजपा सरकार और संगठन दोनों की जनता से जुड़ने की कवायद मानी जा रही है।

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भाजपा मुख्यालय पर लगेगा दरबार

1 दिसंबर से शुरू होने वाला जनता दरबार जनता की समस्याओं के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। पार्टी कार्यालय में सप्ताह में तीन दिन सोमवार से बुधवार तक दो-दो मंत्री और संगठन के पदाधिकारी जनसुनवाई करेंगे। इस दौरान आम जनता की समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। हालांकि यह पहल पहले शुरू होनी थी, लेकिन अब इसे साकार रूप देने के लिए पार्टी कार्यालय में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।

आने वाले चुनावों पर फोकस

जनता दरबार की पहल का उद्देश्य आगामी नगर निकाय और पंचायत चुनावों के मद्देनजर जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश पहुंचाना है। मुख्यमंत्री स्तर पर हुई बैठक में यह तय किया गया कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनता की समस्याओं को सुना जाए, ताकि पार्टी की पकड़ और मजबूत हो सके। इस पहल से संगठन में नई ऊर्जा आएगी और कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया जाएगा।

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अंता उपचुनाव की हार के बाद की रणनीति

अंता उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा ने इस पहल को जनसंपर्क के एक नए तरीके के रूप में देखा है। पार्टी इसे एक अवसर मानती है, ताकि निकाय और पंचायत चुनावों में फिर से अपनी स्थिति मजबूत की जा सके। पार्टी इस बार ज्यादा सक्रिय होकर जनता के बीच अपनी मौजूदगी को महसूस कराना चाहती है।

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वसुंधरा सरकार के दौरान शुरू हुई जनसुनवाई

जनता दरबार की परंपरा भाजपा के लिए नई नहीं है। 2013 से 2018 के वसुंधरा राजे के कार्यकाल में भी भाजपा मुख्यालय पर जनसुनवाई होती रही थी। तब हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याएं सुनी जाती थीं। इसी तरह की जनसुनवाई का मॉडल कांग्रेस ने भी अपनाया था। हालांकि भजनलाल सरकार के तहत इसे शुरू करने में दो साल का वक्त लग गया।

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जनसुनवाई का उद्देश्य और इसके परिणाम

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा सरकार ने 1 दिसंबर से सप्ताह में तीन दिन जनता दरबार शुरू करने का निर्णय लिया है। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता की समस्याओं को बिना किसी झिझक के सुना जा सके। यह पहल संगठन की कार्यशैली को नया रूप देने के साथ आगामी चुनावों में पार्टी की छवि को भी सुधारने का प्रयास करेगी।

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