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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान प्रदेश भाजपा में मची अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी कलह के चलते भाजपा के राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ अब तक अपनी कार्यकारिणी नहीं बना पाए हैं। वहीं, अब भाजपा के प्रदेश प्रभारी ने भी नाराजगी जाहिर की है। राजस्थान भाजपा (BJP Rajasthan) के प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने शुक्रवार यानि 12 सितंबर 2025 की सुबह जयपुर में आयोजित भाजपा की कार्यशाला के दूसरे सत्र से पहले नाराजगी जताते हुए कार्यशाला छोड़ दी। यह घटना भाजपा की कार्यशाला में हुई, जो दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में आयोजित की गई थी। कार्यशाला में कई भाजपा के सांसद, विधायक, जिला प्रमुख और पार्टी पदाधिकारी अनुपस्थित थे, जिसके कारण प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल नाराज हो गए।
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अग्रवाल ने जताई नेताओं की अनुपस्थिति पर नाराजगी
यह कार्यशाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से भाजपा के प्रदेश स्तर पर शुरू होने वाले सेवा पखवाड़े के तहत आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला का उद्देश्य पार्टी के नेताओं को आगामी चुनावों के लिए तैयार करना था, लेकिन राधामोहन दास अग्रवाल ने कार्यशाला में नेताओं की कम संख्या को लेकर कड़ी नाराजगी जाहिर की। प्रभारी ने इस स्थिति को लेकर कहा कि जो पार्टी का काम नहीं करना चाहता, उसे पार्टी में क्यों रखा जाए? उन्होंने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से आग्रह किया कि ऐसे नेताओं से लिखित में उनकी अनुपस्थिति का कारण पूछा जाए।
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पांच सांसद और 72 विधायक ही पहुंचे कार्यशाला में
प्रभारी ने विशेष रूप से इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कार्यशाला में 14 सांसदों में से केवल 5 सांसद, 118 विधायकों में से केवल 72 विधायक, 11 सांसद प्रत्याशियों में से 8 और 82 विधायक प्रत्याशियों में से सिर्फ 42 लोग उपस्थित हुए थे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि 8 जिलाध्यक्ष भी अनुपस्थित रहे थे और पार्टी के 35 पदाधिकारियों में से भी सिर्फ 22 ही कार्यशाला में पहुंचे थे।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि उन्हें तय कार्यक्रम के कारण उद्घाटन सत्र के बाद कार्यशाला से निकलना था। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री जवाहर सिंह बेढम उनके साथ थे। प्रभारी ने यह स्पष्ट किया कि उनकी नाराजगी सिर्फ कार्यशाला में अनुपस्थित रहने वालों को लेकर थी, ना कि किसी व्यक्तिगत कारण से। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस कार्यशाला में उपस्थित नेताओं का उत्साह और पार्टी के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए, उन्होंने यह महसूस किया कि पार्टी को ऐसे नेताओं की जरूरत नहीं है जो अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लें।
बेढम ने की समझाने की कोशिश
जब राधामोहन दास अग्रवाल गुस्से में आकर कार्यशाला से बाहर निकल गए, तो गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम उनके पीछे दौड़े और उनकी गाड़ी रोकवाई। मंत्री बेढम ने करीब 5 मिनट तक प्रभारी से बातचीत की, जो स्पष्ट रूप से उन्हें शांत करने और मनाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, इसके बावजूद प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल कार्यशाला छोड़कर चले गए और इसका असर कार्यशाला के बाकी सत्र पर पड़ा।
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भाजपा का सेवा पखवाड़ा क्या है?भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 'सेवा पखवाड़ा' अभियान की तैयारियां शुरू कर दी हैं, जो 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से शुरू होगा और 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर खत्म होगा। इस अभियान के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
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भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है सेवा पखवाड़ा
यह कार्यशाला भाजपा (BJP) के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आयोजित की जा रही थी, क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन से शुरू होने वाले सेवा पखवाड़े की शुरुआत का हिस्सा थी। कार्यशाला का उद्देश्य भाजपा के नेताओं को आगामी चुनावों के लिए तैयार करना था, लेकिन नेताओं की अनुपस्थिति ने कार्यशाला की सफलता पर सवाल खड़े कर दिए।
राधामोहन दास अग्रवाल का यह कदम इस बात का संकेत है कि भाजपा को अपनी कार्यशैली और पार्टी पदाधिकारियों के समर्पण को लेकर गंभीर बदलाव की आवश्यकता हो सकती है। यह स्थिति पार्टी के अंदर आगामी चुनावों की रणनीति पर भी असर डाल सकती है।
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राजस्थान भाजपा में अंदरखाने नहीं सबकुछ ठीक
इस घटना के बाद भाजपा के अंदर निराशा का माहौल है। प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने जिन मुद्दों को उठाया, वे पार्टी की अंदरूनी राजनीति और कार्यकुशलता पर सवाल खड़ा करते हैं। भाजपा के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि आगामी चुनावों में पार्टी को अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है।
यदि भाजपा के नेताओं की कार्यशैली और प्रतिबद्धता में सुधार नहीं हुआ, तो पार्टी को आगामी चुनावों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। यह जरूरी होगा कि पार्टी के भीतर सही दिशा में बदलाव किए जाएं ताकि पार्टी का संगठन मजबूत हो सके।