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राजस्थान के टोंक शहर में सरकारी अस्पताल में ड्यूटी के दौरान बुर्का पहनने और चेहरे से हिजाब न हटाने को लेकर हुए विवाद के बाद यूनानी छात्रा के खिलाफ कार्रवाई हुई है।अस्पताल ने इसे ड्रेस कोड का उल्लंघन माना है। इस विवाद के बाद, अस्पताल ने छात्रा की इंटर्नशिप रद्द कर दी।
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब छात्रा उमामा सिद्दीकी ने प्रसव कक्ष में वीडियो रिकॉर्ड कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे।
मरीजों की निजता का उल्लंघन
अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी (पीएमओ) हनुमान प्रसाद ने यूनानी छात्रा उमामा सिद्दीकी के खिलाफ कार्रवाई की। उन्हें अस्पताल के ड्रेस कोड का पालन न करने के साथ-साथ प्रसव कक्ष में एक वरिष्ठ डॉक्टर के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
पीएमओ ने कहा कि छात्रा ने अस्पताल के नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रसव कक्ष में वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे मरीजों की निजता का उल्लंघन हुआ। अब अस्पताल ने छात्रा की इंटर्नशिप रद्द कर दी है।
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ड्रेस कोड और मरीजों की सुरक्षा
टोंक अस्पताल बुर्का विवाद इन दिनों चर्चा में है। विवाद के बाद यूनानी छात्रा की इंटर्नशिप रद्द कर दी गई| टोंक अस्पताल में विवाद के बाद वीडियो वायरल किया गया था। अस्पताल ड्रेस कोड को जरूरी माना जाता है। ताजा मामले के बाद अस्पतालो में ड्रेस कोड का मामला फिर से सुर्खियां बन रहा है। असल में ड्रेस कोड और मरीजों की सुरक्षा दोनों मामले आपस में जुड़े हुए हैं।
धमकियां मिलने के बाद डॉक्टर छुट्टी पर गए
इस विवाद के बाद स्थिति तब और बिगड़ गई जब डॉक्टर दंपती, डॉ. बिंदु गुप्ता और डॉ. अंकित गुप्ता को एक अज्ञात व्यक्ति से धमकियां मिलीं। डॉक्टर दंपत्ति अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए सात दिन की छुट्टी पर चले गए। डॉक्टरों को धमकियां मिलने से अस्पताल का माहौल तनावपूर्ण हो गया और इसने विवाद को और हवा दी।
क्या था विवाद का कारण
यह विवाद तब शुरू हुआ जब इंटर्न उमामा सिद्दीकी ने अस्पताल के ड्रेस कोड का पालन करने से इनकार कर दिया। डॉक्टर बिंदु गुप्ता ने कहा कि चिकित्सा कारणों से इंटर्न से चेहरा दिखाने को कहा गया था, ताकि किसी प्रकार की चिकित्सीय दुर्घटना होने पर जिम्मेदारी स्पष्ट हो। इंटर्न ने इसका विरोध किया और स्थिति को और जटिल बना दिया।
अस्पताल की छवि को नुकसान
डॉ. बिंदु गुप्ता ने इस विवाद पर कहा, “मैंने कोई सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं की। मैंने केवल यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि इंटर्न अपना चेहरा दिखाए। इसके बाद इंटर्न ने वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे अस्पताल की छवि को नुकसान पहुंचा।”
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