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Photograph: (The Sootr)
रोहित पारीक
आजादी के इतने वर्षों बाद भी भारत (India) में दलित और आदिवासी समुदाय के संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन लगातार जारी है (caste discrimination in India)। समाज में जातिवादी मानसिकता की जटिल और खौफनाक तस्वीरें अभी भी देखने को मिलती हैं। हाल ही में राजस्थान (Rajasthan) के पाली जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र स्थित तोरनेश्वर महादेव मंदिर में एक आदिवासी युवक के साथ हुई जातिगत अपमान की घटना ने इस भेदभावपूर्ण मानसिकता को फिर से उजागर किया है।
राजस्थान में जातिगत अपमान की घटना क्या है?
घटना 21 जुलाई को सावन के दूसरे सोमवार पर हुई, जब दीवांदी गांव स्थित तोरनेश्वर महादेव मंदिर में विशाल मेला आयोजित किया गया था। यह मेला विकास समिति द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें आसपास के 84 गांवों के श्रद्धालु भाग लेते हैं। इस मेले के दौरान मंदिर में दूध चढ़ाने के लिए बोलियां लगाई जा रही थीं।
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राजस्थान में जातिगत अपमान की घटना में क्या आरोप हैं?
जोधपुर जिले के लूणी तहसील के धूंधाड़ा गांव निवासी हीराराम मीणा ने मंदिर में दूध चढ़ाने के लिए 11,000 रुपये की बोली लगाई। लेकिन, जैसे ही उन्होंने बोली लगाई, मंदिर समिति के सदस्य मदनलाल पटेल ने उन्हें सार्वजनिक मंच पर अपमानित किया। मदनलाल ने कहा, "हम नीची जाति के लोगों से बोलियां नहीं लेते। हमारी समिति के नियमों में ऐसा नहीं है।"
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राजस्थान में ऐसे किया जाति आधारित अपमान
मंच पर मौजूद अन्य 3-4 स्थानीय लोगों ने भी हीराराम का समर्थन करने की बजाय उसे जातिसूचक टिप्पणी करते हुए बोली खारिज कर दी और कहा, "चाहे मेला बंद करना पड़े, पर हम तुम्हारी जाति की बोली नहीं लेंगे।" इस अपमान से आहत होकर हीराराम ने 23 जुलाई को जैतपुर थाने में पूरे मामले की लिखित शिकायत दर्ज करवाई।
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SC-ST एक्ट के तहत दी शिकायत
हीराराम ने अपनी शिकायत में आरोपियों के खिलाफ SC-ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों से मंदिर समिति मेला आयोजित कर रही है, लेकिन आज तक अनुसूचित जाति और जनजाति के किसी भी व्यक्ति की बोली स्वीकार नहीं की गई।
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पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और मामले में SC-ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करने की बात कही है। पुलिस का कहना है कि यह घटना न केवल संविधान के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज में जातिवादी मानसिकता को भी उजागर करती है।
क्या भारत में आज भी जातिगत भेदभाव है?
भारत में जातिगत भेदभाव की कुछ घटनाएं1. सरपंच और उसके परिवार द्वारा दलित युवक की हत्या 2. नाबालिग दलित की पिटाई के बाद उसे मानव मूत्र पिलाने की कोशिश 3. दलित युवक के बाल काटने से इनकार, युवक की हत्या 4. दलित के द्वारा पारंपरिक पगड़ी पहनने को लेकर युवक पर हमला 5. पेड़ पर चढ़कर फल न तोड़ने पर शिक्षिका ने दलित छात्र को पीटा |
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आदिवासी और दलित संगठनों का आक्रोश
पाली जिले के तोरनेश्वर महादेव मंदिर की घटना के बाद आदिवासी और दलित संगठनों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि यह मामला सिर्फ हीराराम का नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के सम्मान से जुड़ा हुआ है। संगठनों ने पुलिस प्रशासन से तत्काल गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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