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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के चूरू जिले के हरदेसर गांव में स्थित राजकीय विद्यालय का बरामदा मरम्मत के दौरान गिरने से एक मजदूर घायल हो गया। यह हादसा रविवार को हुआ। गनीमत रही कि स्कूल में छुट्टी थी, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना ने राज्य में शैक्षिक संस्थाओं की जर्जर स्थिति की गंभीरता को फिर से उजागर किया है।
मजदूर का इलाज जारी
चूरू जिले के सरदारशहर तहसील के हरदेसर स्थित राजकीय विद्यालय में यह हादसा हुआ। स्कूल के जर्जर भवन का मरम्मत कार्य चल रहा था, जब वहां काम कर रहे मजदूर ख्यालीराम नायक (32) पर बरामदा गिर पड़ा। मजदूर के पैर के हिस्से पर मलबा गिरने से उसे चोटें आईं। उसे तुरंत मलबे से निकालकर अस्पताल भेजा गया, जहां उसका इलाज जारी है।
गनीमत रही कि स्कूल में बच्चे नहीं थे
अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बाबूलाल शर्मा ने जानकारी दी कि रविवार की छुट्टी के कारण स्कूल में कोई छात्र उपस्थित नहीं था, अन्यथा यह घटना और भी भयानक हो सकती थी। ग्रामीणों ने बताया कि जहां बरामदा गिरा, वहीं पर बच्चे अक्सर खेलते रहते हैं। अगर स्कूल खुला होता, तो यह स्कूल हादसा एक बड़ी घटना बन सकती थी।
जर्जर स्कूल भवन की स्थिति गंभीर
स्कूल के शिक्षक रणवीर सिंह ने बताया कि विद्यालय में कुल 442 बच्चे पढ़ते हैं, लेकिन स्कूल की स्थिति बहुत ही खराब है। स्कूल के 10 में से 7 कमरे जर्जर हो चुके हैं और केवल 2 कक्षाओं में पढ़ाई हो रही है। स्कूल प्रबंधन हर साल जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को इसकी जानकारी देता है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
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प्रदेशभर में स्कूलों की जर्जर स्थिति
राजस्थान के कई हिस्सों में सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों के गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं। चूरू में हुई यह घटना उसी का उदाहरण है। इससे पहले शनिवार रात को जोधपुर जिले में भी इसी तरह की एक घटना हुई थी, जहां स्कूल की छत गिर गई थी, लेकिन गनीमत रही कि उस समय कोई हताहत नहीं हुआ।
शासन की जिम्मेदारी पर सवाल
इस घटना के बाद सवाल उठने लगे हैं कि आखिर राज्य सरकार और शिक्षा विभाग इस जर्जर हालत को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं। क्या यह जिम्मेदारी का मामला नहीं है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए समय रहते सही कदम उठाए जाएं?
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