झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद राजस्थान सरकार संवेदनशील फैसले ले रही है। सरकार ने जर्जर राजकीय संस्थानों, विद्यालयों, सरकारी भवन एवं आंगनबाड़ी भवनों के मरम्मत संबंधी कार्य प्राथमिकता से करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत डांग, मगरा और मेवात क्षेत्रीय विकास योजना के तहत मरम्मत के लिए सहायता राशि 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का निर्णय लिया है।
विधायक भी अनुशंसा कर सकेंगे
वहीं अब विधायक भी स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत अपने वार्षिक आवंटन की 20 प्रतिशत राशि से मरम्मत कार्यों की अनुशंसा कर सकेंगे। पहले एमएलए-लेड में निर्मित भवनों की मरम्मत का कार्य ही इस कोष से करवाया जा सकता था। सरकार भले ही आग्रह कर रही है, लेकिन विधायक फिर भी अनुशंषा करने से कतराते रहे हैं।
सही समय पर नहीं मिला बजट का पैसा
वैसे तो राज्य सरकार ने इस वर्ष के बजट में बिना भवन और जर्जर विद्यालयों के नवीन भवनों के निर्माण और मरम्मत के लिए 375 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था, लेकिन यह राशि सही समय पर कहीं भी जारी नहीं हुई। इससे न तो किसी भवन की मरम्मत हुई और ना ही किसी तरह का नया निर्माण हुआ। सरकार भले ही कुछ भी दावा करती रहे, लेकिन हकीकत दावों के विपरीत है।
सरकार का यह भी दावा है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को 3 करोड़ रुपए मरम्मत कार्यों के लिए दिए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों, राजकीय संस्थानों और आंगनबाड़ी भवनों के मरम्मत कार्य हो सकेंगे। पैसा पहले भी मिलता था, लेकिन विधायकों ने इन कामों में कभी रुचि नहीं दिखाई, क्योंकि शिक्षा किसी भी सरकार की प्राथमिकता कभी भी नहीं रही है। इससे पहले सरकार ने सरकारी इमारतों के तत्काल निरीक्षण के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित कर 5 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।
FAQ
1. राजस्थान सरकार ने जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए क्या कदम उठाए हैं?
राजस्थान सरकार ने जर्जर भवनों की मरम्मत के लिए सहायता राशि को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। इसके तहत विधायकों को भी मरम्मत कार्यों के लिए अनुशंसा करने का अधिकार दिया गया है।
2. क्या सरकार ने शिक्षा विभाग के लिए बजट में कोई प्रावधान किया था?
हां, सरकार ने 2024-25 के बजट में 375 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, लेकिन यह राशि सही समय पर जारी नहीं की गई, जिससे निर्माण और मरम्मत कार्य प्रभावित हुए।
3. क्या सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति क्या करेगी?
राज्य सरकार ने सरकारी इमारतों के तत्काल निरीक्षण के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है, जिसे जर्जर भवनों का मूल्यांकन करने और मरम्मत कार्यों के लिए रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है।