झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद हरकत में सरकार, बनाई विशेषज्ञों की समिति, 5 दिन में देगी रिपोर्ट

राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल हादसे के बाद राजस्थान सरकार ने जर्जर भवनों का निरीक्षण करने के लिए विशेषज्ञ समिति बनाई, जो 5 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
cm meeting

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्कूल की छत ढहने से 8 बच्चों की मौत के बाद प्रदेश में सरकार हरकत में आ गई है। हादसे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उच्च स्तरीय बैठक कर जर्जर सार्वजनिक भवनों का निरीक्षण करने के लिए विशेषज्ञ समिति गणित करेगी। यह समिति 5 दिनों के भीतर सभी सरकारी भवनों, विशेष रूप से सरकारी स्कूल, अस्पतालों सहित अन्य जर्जर भवनों का निरीक्षण कर सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

जर्जर भवनों को खाली कराकर होगा पुनर्वास 

बैठक के बाद में बताया गया कि सरकार ने जर्जर और उपयोग के लिए असुरक्षित पाए जाने पर भवनों को तुरंत खाली करवाने और प्रभावितों को दूसरे सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास करने का निर्णय लिया है। जर्जर स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के लिए वैकल्पिक शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित कर उनके लिए अस्थायी कक्षाओं का संचालन सामुदायिक भवनों या अन्य सुरक्षित स्थानों पर किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा। 

बजट में था प्रावधान, ​पहुंचा नहीं

राज्य सरकार ने 2024-25 के बजट में प्रदेश की राजकीय शिक्षण संस्थाओं और 750 विद्यालयों के भवनों की मरम्मत के लिए 250 करोड़ रुपए की घोषणा की थी। वहीं बजट 2025-26 में भवनविहीन व जर्जर विद्यालयों के नवीन भवनों के निर्माण और मरम्मत कार्य के लिए 375 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था। खास बात यह है कि अधिकतर स्कूलों तक यह बजट पहुंचा ही नहीं, क्योंकि कई जगह फाइल वित्त विभाग में लटकी रही। सरकार का यह भी दावा है कि वह प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए 28 करोड़ रुपए दे रही है, लेकिन विकास कार्यों की हकीकत सबको पता है।

यह खबरें भी पढ़ें...

झालावाड़ स्कूल हादसा: राजस्थान में 8,000 ऐसे स्कूल, जहां हो सकती है पिपलोदी जैसी घटना

झालावाड़ स्कूल हादसा : मृतक बच्चों की संख्या हुई 8, हेडमास्टर समेत 5 शिक्षक निलंबित, राष्ट्रपति और पीएम ने जताया शोक

राजस्थान में बारिश से तबाही, झालावाड़ में डूबे तीन बच्चे, 30 जिलों में बारिश का अलर्ट

आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत भी खस्ता

सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत और रख-रखाव पर विशेष ध्यान देने का दावा कर रही है, लेकिन स्थिति इसके उलट है। अधिकतर आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर अवस्था में हैं। राज्य सरकार ने बजट 2025-26 में 5 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपए के प्रावधान का दावा किया है, लेकिन पैसा कितने केंद्रों को मिल पाएगा, यह देखने वाली बात होगी।

वार्षिक सुरक्षा ऑडिट के लिए स्थायी तंत्र जरूरी

असल में भवनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक सरकारी भवन की वार्षिक सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य करने की जरूरत है, जो कि अब तक हुई नहीं है। सरकार इस बारे में निर्देश देने की बात तो करती है, लेकिन वे निर्देश अमलीजामा नहीं पहन पाते। इसके लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन कर स्थायी तंत्र विकसित करने पर जोर दिया जाना जरूरी है। इसमें विशेषज्ञों की भागीदारी भी सुनिश्चित करनी होगी। वहीं स्कूल प्रबंधन समितियों और स्थानीय पंचायतों को भवन सुरक्षा एवं रखरखाव के लिए प्रशिक्षित करना जरूरी है।

FAQ

1. झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
सरकार ने जर्जर सरकारी भवनों के निरीक्षण के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई है, जो 5 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी और असुरक्षित भवनों को खाली करवा कर बच्चों के लिए सुरक्षित कक्षाएं संचालित की जाएंगी।
2. राज्य सरकार ने बजट में क्या प्रावधान किए थे?
राज्य सरकार ने 2024-25 के बजट में 250 करोड़ रुपये और 2025-26 में 375 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, लेकिन यह बजट अधिकांश स्कूलों तक नहीं पहुंच पाया।
3. क्या आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधर रही है?
सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था, लेकिन इन केंद्रों की स्थिति बहुत खराब है, और यह देखना बाकी है कि यह पैसा कितने केंद्रों को मिलेगा।

thesootr links

 सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

राजस्थान शिक्षा विभाग मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकारी स्कूल आंगनबाड़ी केंद्र झालावाड़ स्कूल हादसा जर्जर भवनों का निरीक्षण