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Photograph: (the sootr)
Jaipur. राजस्थान में भाजपा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं जोर पकड़ चुकी हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मंगलवार को दिल्ली में हैं, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात होने वाली है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दोनों नेताओं की दिल्ली में मौजूदगी और प्रधानमंत्री से मुलाकात से यह संकेत मिलता है कि भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार जल्द होने वाला है।
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मुख्यमंत्री और अध्यक्ष की मुलाकात
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ दिल्ली में मुलाकात के लिए पहुंचे हैं। राठौड़ राज्यसभा सांसद हैं और संसद की कार्यवाही में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।
इसके अलावा वे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह से भी मुलाकात करेंगे। इन बैठकों में राज्य के विकास और पंचायतों के मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
मंत्रिमंडल विस्तार का काउंटडाउन शुरू
राठौड़ ने हाल ही में अपनी नई टीम का ऐलान किया है, जिससे मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार की अटकलें तेज हो गई हैं। दिल्ली में सीएम और अध्यक्ष के साथ मौजूदगी और पीएम से मुलाकात से साफ संकेत मिलते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार का काउंटडाउन शुरू हो चुका है।
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लागू हो सकता है गुजरात मॉडल
हालांकि यह अभी तय नहीं है कि पार्टी गुजरात की तर्ज पर सभी मंत्रियों से इस्तीफा लेकर नए मंत्रियों को शपथ दिलाएगी या नहीं। वर्तमान में मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्री हैं, जबकि 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसमें छह पद खाली हैं।
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संतुलन साधने की कोशिश
मंत्रिमंडल विस्तार में सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश की जाएगी। वसुंधरा राजे गुट के नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है, ताकि पार्टी में संगठनात्मक और क्षेत्रीय राजनीति में संतुलन बने।
आदिवासी और शेखावाटी क्षेत्र से भी नए चेहरों को मौका मिल सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ फेरबदल की भी चर्चाएं हैं, जिसमें कई मंत्रियों के विभाग बदल सकते हैं और कुछ को बाहर किया जा सकता है।
दलित और गुर्जर समुदाय का प्रतिनिधित्व
मंत्रिमंडल विस्तार में दलित और गुर्जर समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की संभावना भी जताई जा रही है। इसके साथ ही पूर्वी राजस्थान से नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। भाजपा के रणनीतिक कदमों के तहत मंत्रिमंडल में विविधता लाने के लिए इन समुदायों से मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है।
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