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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान कांग्रेस ने बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवाराम जैन (MewaRam Jain) सहित छह नेताओं की घर वापसी का ऐलान किया है। यह कदम राज्य की राजनीति में नया मोड़ है, क्योंकि इन नेताओं को विभिन्न विवादों के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया था। इनमें से कुछ नेता तो पिछले कुछ सालों से पार्टी से बाहर थे, जबकि कुछ का निष्कासन हाल के चुनावों से पहले हुआ था। इस वापसी के साथ कांग्रेस पार्टी ने इन नेताओं की सदस्यता बहाल कर दी है।
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) द्वारा इन नेताओं की घर वापसी के आदेश जारी किए गए। इस फैसले के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के नेतृत्व में एक प्रेस नोट भी जारी किया, जिसमें इन नेताओं की वापसी की पुष्टि की गई।
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मेवाराम जैन का विवाद और घर वापसी
कांग्रेस के बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवाराम जैन, जो पिछले लगभग पौने दो साल से पार्टी से बाहर थे, अब फिर से पार्टी में लौट आए हैं। मेवाराम जैन का निष्कासन एक अश्लील वीडियो विवाद (Obscene Video Controversy) के कारण हुआ था। इस विवाद के चलते पार्टी ने उन्हें कांग्रेस से बाहर कर दिया था।
मेवाराम जैन का पार्टी से बाहर होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था, क्योंकि वे 2009, 2013 और 2018 में बाड़मेर से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने जा चुके थे। 2023 के विधानसभा चुनाव में उनका टिकट भी कट गया था।
पार्टी से बाहर होने के बावजूद मेवाराम जैन ने पार्टी में वापसी की कोशिशें जारी रखी। उनका यह प्रयास आखिरकार सफल हुआ, और अब कांग्रेस ने उन्हें पार्टी में पुनः शामिल कर लिया है।
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इस बारे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि अनुशासन समिति और प्रदेश प्रभारी अनुसंशा पर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से वंचित किए गए छह नेताओं को पुन: पार्टी में शामिल किया गया है।
बालेंदु सिंह शेखावत की घर वापसी
बालेंदु सिंह शेखावत, जो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत के पुत्र हैं, उनकी भी घर वापसी हो गई है। शेखावत को डेढ़ साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान गलत बयानबाजी के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।
बालेंदु सिंह शेखावत की वापसी से कांग्रेस पार्टी को एक और पुराने और प्रमुख नेता मिल गए हैं, जो पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। शेखावत का राजनीतिक अनुभव और पृष्ठभूमि कांग्रेस के लिए लाभकारी हो सकती है, खासकर आगामी चुनावों को देखते हुए।
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तेजपाल मिर्धा और अन्य नेताओं की वापसी
तेजपाल मिर्धा (Tejpal Mirdha) पर चुनावी रणनीति को लेकर अनुशासनहीनता (Indiscipline) के आरोप लगे थे, जिसके कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया था। अब तेजपाल मिर्धा भी कांग्रेस में वापस लौटे हैं। उनकी वापसी से पार्टी को एक और अनुभवी नेता मिल गया है, जो चुनावी रणनीतियों में सहायक हो सकता है।
संदीप शर्मा (Sandeep Sharma) को एक महिला से कथित अनैतिक संबंधों (Immoral Relationships) के आरोप में पार्टी से बाहर किया गया था, जबकि अरविंद डामोर (Arvind Damor) को लोकसभा चुनाव के दौरान नामांकन विवाद के कारण निष्कासित किया गया था।
बलराम यादव (Balram Yadav) को पार्टी विरोधी गतिविधियों (Anti-party Activities) के कारण निलंबित किया गया था। लेकिन अब इन सभी नेताओं की घर वापसी हो गई है।
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कांग्रेस पार्टी की नई रणनीति
कांग्रेस पार्टी ने इन नेताओं की वापसी से यह संकेत दिया है कि वह पार्टी को एकजुट रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। चुनावों के समय इस प्रकार के कदम कांग्रेस के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं, क्योंकि ये नेता राज्य की राजनीति में प्रभावशाली हैं।
राजस्थान में अगले कुछ सालों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, और कांग्रेस पार्टी इन नेताओं को अपनी रणनीतियों का हिस्सा बनाने के लिए तैयार है। इससे पार्टी की चुनावी स्थिति मजबूत हो सकती है।