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साइबर अपराधी अब एक नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे आपके पहचान दस्तावेजों का दुरुपयोग कर सिम कार्ड पोर्ट करवाए जा रहे हैं, नए सिम कार्ड बनवाए जा रहे हैं और बैंक खाते खोले जा रहे हैं।
मोबाइल सिम विक्रेताओं (PoS) और अन्य संबंधित व्यक्तियों की मिलीभगत से यह धोखाधड़ी Cyber fraud हो रही है, जिसके तहत साइबर अपराधी आपके दस्तावेजों की प्रतियां प्राप्त कर लेते हैं। इन दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल सिम कार्ड लेने, पोर्ट करवाने और बैंक खाते जारी करवाने के लिए किया जा रहा है।
सिम पोर्ट करवाकर जयपुर में हुई ठगी
हाल ही में राजस्थान में जयपुर शहर के करधनी में इस प्रकार की साइबर ठगी का मामला सामने आया है।
रामपाल नामक व्यक्ति ने करधनी थाने में मामला दर्ज कराया, जिसमें बताया कि उसने प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बैंक चेक लगाया था। इस दौरान साइबर ठग ने बैंककर्मी बनकर कॉल किया और जानकारी प्राप्त की।इसके बाद उसने रामपाल के सिम कार्ड को पोर्ट करवा लिया और बैंक खाते से 19.50 लाख रुपए निकाल लिए।
जयपुर में सिम कार्ड पोर्ट करवा कर साइबर ठगी का मामला सामने आने से साफ है साइबर अपराधी बेखौफ हैं। साइबर ठग KYC दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। फर्जी सिम कार्ड बनवाकर धोखाधड़ी की जा रही है। फर्जी बैंक खाते खुलवाकर धोखाधड़ी भी बहुत हो रही है।
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साइबर ठगों के नए तरीके
साइबर ठग कई बार दूसरों के दस्तावेजों का उपयोग कर नए मोबाइल फोन भी खरीद लेते हैं और बाद में इन फर्जी सिम कार्डों को साइबर अपराधियों को बेच देते हैं। इसके अलावा, कुछ ठग बैंककर्मियों से सांठगांठ कर इन दस्तावेजों का इस्तेमाल करके फर्जी बैंक खाते भी खोल लेते हैं।
इन फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल अन्य साइबर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है।
राजस्थान पुलिस इस बारे में एडवाइजरी जारी कर चुकी है।
राजस्थान पुलिस की एडवाइजरी
बायोमेट्रिक या ऑनलाइन KYC का उपयोग करें:
जब भी आप नया सिम कार्ड लेने जाएं, तो बायोमेट्रिक (अंगूठा/अंगुली चिन्ह) या ऑनलाइन KYC का विकल्प चुनें। इससे आपके दस्तावेजों के गलत इस्तेमाल की संभावना कम हो जाती है।
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अपने सिम कार्डों की जांच कैसे करें
दूरसंचार विभाग के संचार साथी एप्लिकेशन के TAFCOP मॉड्यूल का उपयोग करके आप यह काम कर सकते हैं। यदि किसी ने अपके नाम से सिम कार्ड जारी करवा लिया है, तो उसका पता भी चल जाएगा।
अनजान नंबरों की शिकायत करें:
यदि आपके नाम से अनजान नंबर जारी हुआ है, तो तुरंत DOT की संचार साथी एप्लिकेशन का उपयोग करके शिकायत दर्ज करें।
साइबर हेल्पलाइन पर सूचना दें:
अगर आप इस तरह की ठगी का शिकार हो जाते हैं या ऐसी घटना का पता चलता है, तो साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930, साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) या पुलिस को सूचना दें।
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