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Photograph: (The Sootr)
JAIPUR. राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी क्या इनकम टैक्स की चोरी करती हैं? क्या वित्त मंत्री खुद सरकार को चूना लगा रहीं हैं? ये सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं, क्योंकि आयकर विभाग ने दीया कुमारी पर शिकंजा कस दिया है। जमीनों के खेल और बेनामी निवेश की गुत्थियों में उलझी दीया कुमारी को आयकर विभाग ने सीधा नोटिस थमा दिया है। दिल्ली के महारानी बाग स्थित उनके पते पर भेजे गए इस नोटिस ने राजस्थान की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
देश में वोट चोरी को लेकर छिड़ी बहस के बीच अब आयकर विभाग की इस कार्रवाई ने दीया कुमारी की राजनीतिक साख और भविष्य दोनों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इस नोटिस से दीया कुमारी का प्रदेश की जनता के बीच यह भ्रम टूटा है कि उनकी केंद्र में मजबूत पकड़ है।
हालांकि नोटिस के बाद हाल ही में दीया कुमारी ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं से मुलाकात भी है, लेकिन बताया जाता है कि दिल्ली ने उनके इस आयकर नोटिस मामले से पल्ला झाड़ लिया है। केंद्र सरकार इस मामले में दीया कुमारी का कोई सहयोग करने की इच्छुक नहीं है।
द सूत्र लगातार दीया कुमारी के कारनामों को उजागर कर रहा है। इससे प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है। इसी कड़ी में अब द सूत्र फिर एक बड़ा खुलासा करने जा रहा है।
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दरअसल, जमीनों के खेल और बेनामी निवेश में लगी राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी आयकर विभाग के निशाने पर हैं। नोटिस ने साफ कर दिया है कि आयकर विभाग अब आयकर चोरी या आय कम दिखाने के मामलों में बिल्कुल नरमी बरतने के मूड में नहीं है। यह नोटिस दर्शाता है कि दीया कुमारी को केंद्र में बैठी अपनी सरकार में कोई प्रभाव नहीं है। उन्हें किसी राज्य के एक सामान्य मंत्री के रूप में देखा जा रहा है।
देश में यह संभवत: ऐसा विरला मामला है, जब भाजपा सरकार में वित्त महकमा संभाल रहीं डिप्टी सीएम को आयकर चोरी के संदेह में नोटिस थमाया गया है। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 148 के तहत जारी यह नोटिस बताता है कि अगर विभाग को संदेह है कि आपने अपनी आय छुपाई है, तो कई साल बाद भी आपकी फाइल खोली जा सकती है। यानी इस नोटिस के साथ ही दीया कुमारी की आयकर फाइल फिर से खुल गई है।
अप्रैल में मिला आयकर नोटिसदीया कुमारी को यह नोटिस 4 अप्रैल, 2025 को जारी हुआ है। इसमें साफ लिखा है कि आयकर विभाग के पास ऐसी पुख्ता जानकारी है कि करदाता के मामले में या उससे जुड़े किसी व्यक्ति के मामले में धारा 132 या 132A के तहत जब्त/कब्जे में ली गई बही-खातों और दस्तावेजों से कर योग्य आय के छिपाने के संकेत मिले हैं। यह नोटिस दीया कुमारी के लिए खतरे की घंटी है। नोटिस में साफ चेतावनी दी गई है कि अगर तीन महीने में नोटिस का जवाब नहीं दिया गया तो इसे आयकर रिटर्न दाखिल न करने के बराबर माना जाएगा। यह नोटिस उन्हें तब मिला है, जब वह राजस्थान में अपनी पार्टी के नेताओं में यह प्रचारित कर रहीं थी कि उनके पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अच्छे राजनीतिक संबंध हैं। नोटिस से उनकी असली स्थिति सामने आ गई है। इस नोटिस से दीया कुमारी को बड़ा सियासी झटका लगा है। |
तीन साल पहले कोटावाला समूह के पड़े थे छापे
दरअसल, दीया कुमारी को यह नोटिस उनकी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भरी आयकर रिटर्न को लेकर दिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में दीया कुमारी ने 2 करोड़ 88 लाख रुपए की आयकर रिटर्न दाखिल की थी। विभाग ने इस रिटर्न की पड़ताल की तो यह संदेह हुआ कि दीया कुमारी ने कुछ लेनदेन को अपनी आय में छिपाया है। वजह साफ है, विभाग ने 3 अगस्त, 2022 को जयपुर में रत्न एवं आभूषण, होटल और रियल एस्टेट के बड़े कारोबारी कोटावाला समूह के लगभग 40 ठिकानों पर छापे डाले थे। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि समूह 150 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाबी आय अर्जित करने में संलिप्त है। तलाशी कार्रवाई में 11 करोड़ रुपए से अधिक की बेहिसाबी संपत्ति ज़ब्त की गई है।
जब्त दस्तावेजों में मिला लिंक
सूत्रों के अनुसार, कोटावाला समूह के यहां डाले छापे में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्य पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया। रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े ज़ब्त किए गए सबूतों के विश्लेषण से पता चलता है कि यह समूह आवासीय आवासों और ज़मीनों की बिक्री पर नकद राशि स्वीकार करके बड़े पैमाने पर कर चोरी में लिप्त रहा है, जिसका लेखा-जोखा नियमित बहीखातों में दर्ज नहीं है। तलाशी के दौरान रत्नों और आभूषणों की बहीखातों से बाहर बिक्री से संबंधित सबूत भी मिले। इन्हीं सबूतों में पता चला कि कोटावाला समूह ने तब राजसमंद से भाजपा सांसद दीयाकुमारी के लेनदेन के भी सबूत मिले।
दीया कुमारी के आयकर रिटर्न का ब्यौरादीया कुमारी के आयकर रिटर्न का ब्यौरा (वर्षवार)
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दीया कुमारी ने छिपाया लेनदेन का राज
सूत्रों का कहना है कि जब 2023 में दीया कुमारी ने 2022-23 के लिए अपनी रिटर्न दाखिल की तो उसकी पड़ताल में आयकर अधिकारियों को पता चला कि उन्होंने रिटर्न में कोटावाला समूह के बड़े लेनेदन का जिक्र नहीं किया। इससे दीयाकुमारी आयकर विभाग के निशाने पर आ गई। इस बीच, दीया कुमारी जयपुर की विद्याधर नगर सीट से जीतकर राजस्थान सरकार में डिप्टी सीएम बन गई। उनके पास वित्त और पर्यटन जैसे अहम महकमे आ गए। आयकर चोरी का पुख्ता सबूत होने के बाद विभाग ने 4 अप्रैल, 2025 को दिल्ली स्थित उनके पते पर नोटिस भेजा। दीया कुमारी दिल्ली में ही अपनी आयकर रिटर्न दाखिल करती है।
सीतारमण ने दीया कुमारी को नहीं दिया समयदीया कुमारी के नजदीकी सूत्रों से पता चला है कि दीया कुमारी जल्द ही नोटिस का जवाब देने की तैयारी कर रही हैं। अगर विभाग उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होता है तो दीया कुमारी पर भारी जुर्माना और ब्याज की वसूली हो सकती है। यहां तक कि उनके खिलाफ अभियोजन (Prosecution) की कार्यवाही भी हो सकती है। इस बीच, दीया कुमारी ने आयकर विभाग के शिकंजे से छुटकारा पाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी मिलने का समय मांगा है, लेकिन उनकी तरफ से हरी झंडी नहीं मिली है। |
क्या है आयकर धारा 148
आयकर अधिनियम की धारा 148 विभाग को यह अधिकार देती है कि अगर उसे लगता है कि किसी व्यक्ति ने अपनी कर योग्य आय को कम आंका या छुपाया है, तो वह पुराने आकलन को दोबारा खोल सकता है और नया आकलन कर सकता है। इसका मूल मकसद कर चोरी पर नकेल कसना है। चार्टर्ड अकाउंटेंट के अनुसार सामान्यतः पिछले 3 साल तक के मामलों को खोला जा सकता है, लेकिन कुछ विशेष मामलों में यह सीमा 10 साल तक बढ़ जाती है (जहां 50 लाख रुपए या उससे अधिक की आय छुपाने का मामला हो)।
आयकर विभाग का सख्त रवैया
पिछले कुछ वर्षों में आयकर विभाग ने फेसलेस असेसमेंट और डेटा एनालिटिक्स के जरिए कर चोरी पकड़ने की रफ्तार बढ़ाई है। उसकी तरफ से बैंक ट्रांजेक्शन, शेयर बाजार में निवेश, रियल एस्टेट डील, विदेशी यात्रा और महंगी खरीदारी सबकी डिजिटल निगरानी हो रही है। कई मामलों में नोटिस मिलने के बाद पुराने सालों के टैक्स, ब्याज और पेनल्टी मिलाकर रकम कई गुना बढ़ जाती है।
विशेषज्ञों की राय
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि धारा 148 का इस्तेमाल विभाग तब करता है, जब उसके पास ठोस सबूत होते हैं। बिना पुख्ता आधार के यह नोटिस जारी नहीं होता। वरिष्ठ टैक्स एडवोकेट का कहना है कि यह कानून कर चोरी रोकने के लिए बेहद कारगर है। यह संदेश है कि आयकर विभाग अब किसी भी पुराने मामले को खोलने में हिचकेगा नहीं। धारा 148 अब ‘स्लीपिंग फाइल’ को भी जगा सकती है और इसका असर सालों बाद भी भुगतना पड़ सकता है।
नहीं आया जवाब...इस मामले में दीया कुमारी का पक्ष जानने के लिए 'द सूत्र' की टीम ने ईमेल भेजकर उनका जवाब मांगा था, लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। द सूत्र जनता के प्रति जवाबदेह पत्रकारिता में विश्वास रखता है। जब भी दीया कुमारी इस विषय पर जवाब देंगी, हम उनके बयान को भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे। |
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