साइबर फ्रॉड में कसा शिकंजा : अलवर पुलिस ने 7 हजार म्यूल अकाउंट्स का किया खुलासा, 115 ठग दबोचे

राजस्थान की अलवर पुलिस ने ऑपरेशन साइबर संग्राम के तहत म्यूल अकाउंट्स से जुड़े बड़े साइबर फ्रॉड का खुलासा किया है। 7 हजार संदिग्ध अकाउंट्स की जांच में करोड़ों की ठगी सामने आई, 115 से अधिक अपराधियों की गिरफ्तारी की गई।

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Amit Baijnath Garg
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Alwar. राजस्थान के अलवर जिले में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू की है। ऑपरेशन साइबर संग्राम के तहत पुलिस ने 7,000 संदिग्ध म्यूल अकाउंट्स की पहचान की और इन अकाउंट्स से जुड़े 4,337 बैंक खातों पर कार्रवाई की है। इन खातों में बड़े पैमाने पर साइबर फ्रॉड का पता चला है, जिसमें करोड़ों रुपए की ठगी की गई है।

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म्यूल अकाउंट्स और साइबर ठगी की विधि

म्यूल अकाउंट्स वे बैंक खाते होते हैं, जिन्हें अपराधी या तो फर्जी नामों से खोलते हैं या फिर गरीब और अनजान लोगों को लालच देकर उनके नाम से खुलवाते हैं। इन खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम को इधर-उधर करने के लिए किया जाता है। कई बार इन खातों का इस्तेमाल बेटिंग, स्कैम फंड्स और फर्जी निवेश योजनाओं के लिए भी किया जाता है। पुलिस ने अब तक 51 एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें फर्जी सिम बेचने वाले भी शामिल हैं।

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1,000 करोड़ से अधिक की ठगी

अलवर पुलिस की जांच में पाया गया है कि म्यूल अकाउंट्स में एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी का लेन-देन हुआ है। इनमें से कुछ अकाउंट्स में करीब 200 करोड़ रुपए की ठगी की गई थी। पुलिस ने दावा किया है कि इन खातों में कई बड़ी रकम का लेन-देन हुआ है, जिनकी अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई थी, लेकिन ये राशि साइबर फ्रॉड की हो सकती है।

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ठगों द्वारा संदिग्ध खातों का उपयोग

पुलिस ने म्यूल अकाउंट्स के तहत किए गए लेन-देन का गहराई से विश्लेषण किया है। इन खातों में आमतौर पर बड़ी रकम का लेन-देन किया जाता है। पुलिस की जांच में कई फर्जी कंपनियों के नाम पर रकम म्यूल अकाउंट्स में भेजी गई थी। इसके अलावा, कई मामले ऐसे थे, जिसमें अपराधियों ने लोगों को पैसे देकर उनके नाम से करंट बैंक अकाउंट्स खुलवाए और फिर इनका इस्तेमाल साइबर फ्रॉड के लिए किया।

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म्यूल अकाउंट्स पर ठगों का कारोबार

अलवर पुलिस ने अब तक 115 से ज्यादा साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से कई अपराधी संगठित गिरोहों से जुड़े हुए थे, जो विभिन्न राज्यों में सक्रिय थे। पुलिस ने इन अपराधियों के कब्जे से बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण, मोबाइल, सिम कार्ड, बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड भी बरामद किए हैं। पुलिस की यह कार्रवाई साइबर अपराध के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

FAQ

1. म्यूल अकाउंट क्या होते हैं?
म्यूल अकाउंट वे बैंक खाते होते हैं, जिन्हें अपराधी फर्जी नामों से खोलते हैं या फिर गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर उनके नाम से खुलवाते हैं। इन खातों का इस्तेमाल साइबर ठगी के पैसों को इधर-उधर करने के लिए किया जाता है।
2. अलवर पुलिस ने कितने म्यूल अकाउंट्स का खुलासा किया है?
अलवर पुलिस ने अब तक 7,000 संदिग्ध म्यूल अकाउंट्स की पहचान की है और इन अकाउंट्स से जुड़े 4,337 बैंक खातों पर कार्रवाई की है। इनमें करोड़ों रुपये के साइबर फ्रॉड का खुलासा हुआ है।
3. म्यूल अकाउंट्स से साइबर ठगों की कार्रवाई कैसे की जाती है?
साइबर ठग म्यूल अकाउंट्स का उपयोग स्कैम फंड, बेटिंग, और फर्जी निवेश योजनाओं के लिए करते हैं। इन खातों में बड़ी रकम का लेन-देन होता है, जो बाद में साइबर अपराध के रूप में सामने आता है।

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