जयपुर साइबर पुलिस ने पकड़ा अंतरराज्यीय गिरोह, गिरफ्तार चार आरोपियों से बड़ी मात्रा में सामग्री जब्त

राजस्थान के जयपुर में पुलिस ने साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे भारी मात्रा में सामग्री, मादक पदार्थ और चोरी की जानकारी मिली है।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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राजस्थान के जयपुर में पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो पूरे देश में ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहा था। इस अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को जयपुर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया और उनके कब्जे से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं सामान जब्त किए गए। पुलिस ने आरोपियों से छह मोबाइल, पांच बैंक पासबुक, छह चेकबुक, 12 एटीएम कार्ड, 19 सिम कार्ड, आधार कार्ड, पेन कार्ड और एक लग्जरी कार सहित मादक पदार्थ बरामद किए।

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होटल में ठगी का धंधा चला रहे थे आरोपी

इस कार्रवाई को साइबर क्राइम सेल के डीआईजी विकास शर्मा और एसपी शांतनु कुमार सिंह के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। एसपी सिंह ने बताया कि साइबर सेल के कांस्टेबल सच्चिदानंद शर्मा को सूचना मिली थी कि जयपुर के गोविंदपुरा स्थित एक होटल के एक कमरे में कुछ लोग संगठित होकर साइबर ठगी का रैकेट चला रहे हैं। ये लोग व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए लोगों से संपर्क करते थे और उन्हें धोखा देकर उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए होटल पर छापा मारा और आरोपियों को गिरफ्तार किया।

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आरोपियों ने कबूलीं ठगी की वारदातें

जब पुलिस ने होटल के कमरे नंबर 207 को खोला, तो वहां चार आरोपी मिले। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे मिलकर साइबर ठगी कर रहे थे। इन आरोपियों की पहचान विष्णु दत्त, देवीलाल गोदारा, विवेक कुमार जायसवाल और राहुल चौधरी के रूप में हुई है। इन आरोपियों ने माना कि वे व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को धोखा देते थे।

क्रिप्टोकरेंसी में बदल देते थे ठगी की रकम

जांच के दौरान यह सामने आया कि आरोपी ठगे गए पैसों को सीधे अपने बैंक खातों में नहीं रखते थे, बल्कि उसे यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) में बदल देते थे। इससे पैसों का पता लगाना पुलिस के लिए बेहद मुश्किल हो जाता था। आरोपी फर्जी सिम कार्ड खरीदकर और कमीशन पर बैंक खातों के जरिए ठगी की रकम को अन्य स्थानों पर ट्रांसफर करते थे, ताकि उनका पता न चल सके।

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होटल मालिक भी जांच के दायरे में

साइबर सेल टीम ने यह भी पाया कि होटल मालिक नरेंद्र बिजारणिया ने इन अपराधियों को बिना किसी पहचान-पत्र के होटल में ठहरने दिया था। इसके लिए भी होटल मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों में से एक विष्णु दत्त के पास से 118 ग्राम अफीम भी बरामद की गई है। होटल मालिक और अफीम के मामले में करधनी पुलिस को सूचना दी गई और इस पर अलग से मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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साइबर ठगी की बढ़ती घटनाएं

यह कार्रवाई साइबर ठगी के मामलों में पुलिस की तत्परता और गंभीरता को दर्शाती है। राज्य में साइबर ठगी की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि अपराधियों को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस की जांच जारी है और अन्य ठगों के खिलाफ भी कार्रवाई की संभावना है।

FAQ

1. अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह ने लोगों को कैसे ठगा?
ये आरोपी व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से लोगों से संपर्क करते थे और उन्हें धोखे में रखकर उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे।
2. पुलिस ने इस गिरोह से क्या-क्या सामान जब्त किया?
पुलिस ने आरोपियों से 6 मोबाइल, 5 बैंक पासबुक, 6 चेकबुक, 12 एटीएम कार्ड, 19 सिम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, और एक लग्जरी गाड़ी जब्त की है।
3. इस मामले में होटल मालिक की भूमिका क्या थी?
होटल मालिक नरेंद्र बिजारणिया ने इन अपराधियों को बिना पहचान पत्र के होटल में ठहरने दिया था। इसके लिए उनके खिलाफ भी जांच की जा रही है।

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