राजस्थान में सिस्टम बीमार! कहां जाएं साइबर ठगी के शिकार, एक फीसदी भी दर्ज नहीं होती एफआईआर

राजस्थान में 2024 में साइबर ठगी के 1,00,032 मामलों की शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन केवल 437 में ही एफआईआर दर्ज हुई। यह स्थिति ठगी मामलों के निपटान में गंभीर चुनौतियों को उजागर करती है।

author-image
Nitin Kumar Bhal
New Update
cyber-fraud-rajasthan-statistics-2024-and-challenges

Photograph: (TheSootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

राजस्थान में 2024 में साइबर ठगी के मामलों में भारी वृद्धि देखी गई। कुल 1,00,032 साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन इनमें से केवल 437 मामलों में एफआईआर (First Information Report) दर्ज की जा सकी। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से बताता है कि प्रदेश में साइबर अपराधों को गंभीरता से लेने में भारी कमी है। जब हम इन आंकड़ों पर गहनता से विचार करते हैं, तो यह समझ में आता है कि जांच प्रक्रिया और साइबर अपराधों के खिलाफ कार्यवाही में न केवल संसाधनों की कमी है, बल्कि गंभीर अव्यवस्थाएं भी हैं। TheSootr में जानें पूरा मामला।

यह खबर भी देखें ... 

खेल का जुनून तो राजस्थान पुलिस में भर्ती होने का मौका, खेल कोटा से भरेंगे 167 कांस्टेबल पद

साइबर ठगी में राजस्थान की स्थिति क्या है?

देश भर में साइबर ठगी की शिकायतें रिकॉर्ड संख्या में दर्ज की गईं। राजस्थान का योगदान इस मामले में उल्लेखनीय है, जहां राज्य में कुल 6% साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज की गईं। हालांकि, ठगी की राशि में राजस्थान का हिस्सा 3.5% है। लेकिन एक दिलचस्प तथ्य यह है कि बैंकों में ठगी की राशि को रोकने में राजस्थान का योगदान 13.15% है, जो देश में सबसे अधिक है। इस स्थिति से यह स्पष्ट होता है कि भले ही राज्य में साइबर ठगी के मामले अधिक हों, राज्य ने बैंकों में ठगी की राशि को रोकने में प्रभावी कार्यवाही की है।

cyber-fraud-rajasthan-statistics-2024-and-challenges
Photograph: (TheSootr)

देशभर में साइबर ठगी की शिकायतें कितनी हैं?

देशभर में एक साल में 17 लाख 18 हजार 320 साइबर ठगी (Cyber Fraud in India) की शिकायतें दर्ज की गईं। इन शिकायतों में से केवल 62 हजार 769 मामलों में ही एफआईआर दर्ज की गई। यह आंकड़ा दर्शाता है कि अधिकांश मामलों में साइबर ठगी की शिकायतों के बाद भी प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इस स्थिति से यह समझा जा सकता है कि साइबर अपराधों के मामलों में कानूनी और तकनीकी संसाधनों की भारी कमी है।

यह खबर भी देखें ... 

उपराष्ट्रपति चुनाव : राजस्थान के भाजपा सांसदों को अचानक दिल्ली बुलाया, जानें क्या है पार्टी की रणनीति

साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी का कहना है कि साइबर थानों में शिकायतें तो दर्ज की जाती हैं, लेकिन संसाधनों और तकनीकी विशेषज्ञों की भारी कमी के कारण एफआईआर दर्ज नहीं हो पाती और जांच की प्रक्रिया में भी रुकावटें आती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, साइबर अपराधों से निपटने के लिए न केवल पुलिस को उच्च गुणवत्ता वाले तकनीकी संसाधन चाहिए, बल्कि साइबर पुलिस थानों में कुशल अधिकारियों की भी आवश्यकता है।

राजस्थान में साइबर ठगी से निपटने में चुनौतियां क्या हैं?

राजस्थान पुलिस में साइबर अपराधों से निपटने के लिए कई साइबर थाने बनाए गए हैं, लेकिन इन थानों में आवश्यक संसाधनों और विशेषज्ञों की भारी कमी है। इसके कारण, ठगी और साइबर अपराधों के मामलों में प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है।

प्रमुख चुनौतियां

  1. साइबर थानों में एक्सपर्ट की कमी: साइबर थानों में विशेषज्ञों (Cyber Experts) की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। राज्य में इस समय केवल कुछ ही विशेषज्ञ उपलब्ध हैं, जबकि साइबर अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

  2. आईटी बैकग्राउंड न होने के कारण प्रभावी कार्रवाई में कमी: साइबर अपराधों की जांच और समाधान के लिए आईटी (IT) बैकग्राउंड वाले अधिकारियों की आवश्यकता होती है। वर्तमान में, पुलिस विभाग के अधिकांश अधिकारी इस क्षेत्र में प्रशिक्षित नहीं हैं, जिससे जांच में समस्या आती है।

  3. 350 साइबर एक्सपर्ट की योजना का अमल न होना: राज्य सरकार ने 350 साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति की योजना बनाई थी, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

  4. संसाधनों की कमी: साइबर थानों में आवश्यक संसाधनों (Resources) की कमी है, जिनके बिना साइबर अपराधों की जांच ठीक से की जा सके।

cyber-fraud-rajasthan-statistics-2024-and-challenges
Photograph: (TheSootr)

साइबर ठगी होने पर क्या करें?

  1. हेल्पलाइन पर कॉल करें:
    साइबर ठगी की रिपोर्ट तुरंत राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके दर्ज करें। यह हेल्पलाइन विशेष रूप से वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में मदद करती है और आपके बैंक खाते को फ्रीज़ करने में मदद कर सकती है।

  2. ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें:
    वेबसाइट cybercrime.gov.in पर जाएं और अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करें। इसके लिए आपको अपना नाम और मोबाइल नंबर दर्ज करके लॉग इन करना होगा।

  3. FIR दर्ज करवाएं:
    अगर आपके बैंक खाते से पैसे रुके हैं या वापस हो चुके हैं, तो आपको पैसे की वापसी और कानूनी कार्रवाई के लिए अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज करवानी होगी।

  4. संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें:
    यदि पोर्टल पर प्रतिक्रिया उचित नहीं मिलती है, तो आप संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

शिकायत में शामिल करें:

  • अपना नाम, ईमेल आईडी, पता, और फोन नंबर

  • घटना का पूरा विवरण

  • साइबर अपराध की प्रकृति के आधार पर आवश्यक दस्तावेज (जैसे, ट्रांजेक्शन डिटेल्स, स्क्रीनशॉट आदि)।

क्या करें:

  • जागरूक और सतर्क रहें

  • अंजान लोगों को बड़ी रकम कैश में न दें।

  • अपने सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें।

  • विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करें।

क्या न करें:

  • डराने-धमकाने या लालच देने वाले किसी भी कॉल या संदेश पर विश्वास न करें।

  • किसी अंजान व्यक्ति को पैसा ट्रांसफर न करें।

राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध की समस्या

ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या एक बड़ी चुनौती बन गई है। उदाहरण के लिए, जयपुर ग्रामीण (Jaipur Rural), जोधपुर ग्रामीण (Jodhpur Rural), कोटा ग्रामीण (Kota Rural) और अन्य नए जिलों में अभी तक साइबर थाने नहीं खोले गए हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराधों की शिकायतों का समाधान नहीं हो पा रहा है और लोग सही तरीके से अपनी शिकायत दर्ज नहीं करा पा रहे हैं।

यह खबर भी देखें ... 

राजस्थान में बिजली खरीद सवालों के घेरे में, अधिकारियों ने किया मनमाना अनुबंध

cyber-fraud-rajasthan-statistics-2024-and-challenges
Photograph: (TheSootr)

साइबर अपराधों के समाधान के उपाय क्या हैं

  1. साइबर थानों की संख्या में वृद्धि: राज्य सरकार को चाहिए कि वह साइबर थानों की संख्या बढ़ाए, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। इससे साइबर अपराधों की शिकायतों का समाधान जल्दी हो सकेगा।

  2. साइबर एक्सपर्ट की भर्ती: साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, राज्य सरकार को साइबर एक्सपर्ट की भर्ती की प्रक्रिया को तेज करना चाहिए।

  3. तकनीकी संसाधनों की बढ़ोतरी: पुलिस थानों में तकनीकी संसाधनों का विस्तार किया जाना चाहिए ताकि साइबर अपराधों की जांच की जा सके।

FAQ

1. राजस्थान में साइबर ठगी के मामलों में एफआईआर क्यों नहीं दर्ज हो पाती?
राजस्थान में साइबर ठगी के मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं हो पाती क्योंकि पुलिस विभाग में तकनीकी विशेषज्ञों (Technical Experts) और संसाधनों (Resources) की भारी कमी है, जिससे जांच में रुकावटें आती हैं।
2. साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या का क्या कारण है?
साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण इंटरनेट और मोबाइल फोन का बढ़ता उपयोग, और इसके साथ ही साइबर सुरक्षा (Cyber Security) के उपायों की कमी है।
3. राजस्थान पुलिस साइबर अपराधों से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है?
राजस्थान पुलिस ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर थानों की स्थापना की है, लेकिन अभी भी विशेषज्ञों और संसाधनों की कमी है।
4. साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करने के लिए किसे संपर्क करना चाहिए?
साइबर ठगी की शिकायत दर्ज करने के लिए संबंधित साइबर थाना (Cyber Police Station) से संपर्क करें या आप 1930 पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
5. ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को कैसे रोका जा सकता है?
ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए साइबर थानों की संख्या बढ़ानी होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना होगा।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃

🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

Cyber Fraud in India राजस्थान में साइबर ठगी साइबर ठगी होने पर क्या करें साइबर अपराध साइबर ठगी