जगदीप धनखड़ इस्तीफा : पैतृक गांव किठाना में मायूसी, लोग बोले - मजबूत स्तंभ हिल गया

जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे से राजस्थान के झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में मायूसी छा गई है। गांववालों के अनुसार, इस्तीफे से ऐसा लगा जैसे उनका मजबूत स्तंभ हिल गया।

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Nitin Kumar Bhal
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Jagdeep Dhankhar

Photograph: (The Sootr)

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जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद से ही इस इस्तीफे को लेकर तरह—तरह की चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि, धनखड़ ने इस्तीफे में स्वास्थ्य संबधी हवाला दिया है। वहीं, राजस्थान (Rajasthan) के झुंझुनूं जिले में धनखड़ के पैतृक गांव किठाना में सोमवार शाम से ही उदासी सी छाई हुई है। अचानक आई इस्तीफे की खबर ने गांव वालों को स्तब्ध कर दिया है। लोगों का कहना है कि धनखड़ साहब तो ठीकठाक थे, फिर अचानक इस्तीफा क्यों? लोगों का कहना है इस्तीफे के बाद ऐसा लग रहा है जैसे गांव का मजबूत स्तंभ हिल गया।

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तीन सप्ताह पहले क्या बोली थीं सुदेश धनखड़?

करीब तीन सप्ताह पहले धनखड़ की धर्मपत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ किठाना आई थीं। यहां वे तीन दिन रुकीं। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात में कहा था कि अब साहेब उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वास्थ्य पहले जैसा नहीं रहता। अब उनका खास ख्याल रखना होगा।

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किठाना के निवासी हुए मायूस

उधर, किठाना गांव की सरपंच सुभीता धनखड़ ने कहा कि हम सबको गर्व है कि हमारे गांव का बेटा देश के दूसरे सर्वोच्च पद पर है। अब जब उन्होंने इस्तीफा दिया है, तो लग रहा है जैसे गांव का एक मजबूत स्तंभ हिल गया हो। हालांकि हमारे लिए वे हमेशा उपराष्ट्रपति ही रहेंगे।

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गांव में खुला कॉलेज, बना स्टेडियम

किठाना के ग्रामीण हीरेंद्र धनखड़ का कहना है कि धनखड़ के प्रयास से गांव में कॉलेज खुला और स्टेडियम बना। आयुर्वेदिक अस्पताल भवन सहित अन्य विकास कार्य भी हुए। गांव से नेशनल हाईवे का सर्वे शुरू हुआ। धनखड़ के परिवार ने गोशाला व सरकारी विद्यालयों में भी सहयोग दिया।

 

जानिए... क्या है अनुच्छेद 67(ए)?

जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिए त्यागपत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला दिया है। इस अनुच्छेद में उपराष्ट्रपति के इस्तीफे का प्रावधान है। संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति को संबोधित करते हुए अपने हाथ से लिखे पत्र द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे सकता है। यह इस्तीफा तुरंत माना जा जाता है।

क्या उपराष्ट्रपति इस्तीफा दे सकता है?

उपराष्ट्रपति पांच साल के अपने कार्यकाल से पहले कभी भी पद से इस्तीफा दे सकते हैं। बस उन्हें राष्ट्रपति को एक लिखित त्यागपत्र सौंपना होता है। यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 67 के अंतर्गत आती है, जो उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की रूपरेखा तय करता है।

 

जगदीप धनखड़ ने का उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे में क्या लिखा

जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे वाले पत्र में लिखा कि स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं। उन्होंने प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल के सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त किया।

 

कौन हैं जगदीप धनखड़?

जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। वे एक जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनकी शुरुआती शिक्षा किठाना गांव में ही हुई, इसके बाद उन्होंने सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। जयपुर के महाराजा कॉलेज से BSE की डिग्री ली। इसके बाद 1978 में उन्होंने जयपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की पढ़ाई की। कानून की डिग्री हासिल करने के बाद, जगदीप ने वकालत शुरू की और कुछ ही समय में अपनी पहचान बनाई। साल 1990 में राजस्थान हाईकोर्ट में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अलावा, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और कई राज्य हाईकोर्टों में भी वकालत की।

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर? 

जगदीप धनखड़ का राजनीतिक सफर 30 साल से भी ज्यादा पुराना है। 1989-91 के दौरान वे झुंझुनू (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से जनता दल के टिकट पर 9वीं लोकसभा के सदस्य रहे। इस दौरान वे केन्द्र की चन्द्रशेखर सरकार में मंत्री भी रहे। इसके बाद, 1993-98 के बीच वे राजस्थान विधानसभा के सदस्य बने और किशनगढ़, राजस्थान से प्रतिनिधित्व किया। साथ ही, वे राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष भी रहे।

2019 में गवर्नर और 2022 में उपराष्ट्रपति

जगदीप धनखड़ ने 2019 में पश्चिम बंगाल के गवर्नर के रूप में पद संभाला और इस दौरान उन्होंने काफी सुर्खियाँ बटोरीं। इसके बाद, साल 2022 में उन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली और देश के दूसरे सर्वोच्च पद का कार्यभार संभाला। पश्चिम बंगाल के गवर्नर के रूप में उनका कार्यकाल राजनीति में महत्वपूर्ण माना गया।

 

 

FAQ

1. जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा क्यों दिया?
जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है। उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने भी कुछ हफ्ते पहले कहा था कि उनका स्वास्थ्य पहले जैसा नहीं रह गया है।
2. किठना गांव में धनखड़ के इस्तीफे पर क्या प्रतिक्रिया है?
धनखड़ के इस्तीफे से किठना गांव में मायूसी का माहौल है। ग्रामीणों का मानना है कि उनका इस्तीफा गांव के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि वे गांव के लिए एक मजबूत स्तंभ थे।
3. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का क्या मतलब है?
संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत उपराष्ट्रपति अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। यह इस्तीफा राष्ट्रपति को लिखित रूप में सौंपा जाता है और तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर लिया जाता है।

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