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रणथम्भौर Ranthambore में बाघों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए नेशनल टाइगर कन्जर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) ने एक नई पहल शुरू की है। वन विभाग के अनुसार, जल्द ही रणथम्भौर में बेलिंगन मेनिडोस डॉग्स को तैनात किया जाएगा। यह विशेष प्रजाति के कुत्ते शिकारियों पर निगाह रखने और बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन डॉग्स को रणथम्भौर की स्पेशल क्राइम यूनिट में शामिल किया जाएगा।
कुत्तों का चयन और महत्व
बेलिंगन मेनिडोस कुत्ते Dog अपनी विशेष खोजने की प्रवृत्ति और सूंघने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध हैं। ये कुत्ते शिकारियों की गतिविधियों का पता लगाने में सक्षम हैं और उनके द्वारा छोड़ी गई निशानियों को सूंघने में माहिर होते हैं। एनटीसीए ने 2022 में अपने सर्वे में इन कुत्तों के उपयोग की सिफारिश की थी, जो अब धरातल पर उतरने जा रही है।
शिकारियों पर कड़ी निगरानी
राजस्थान के रणथम्भौर टाइगर रिजर्व tiger reserve और उसके आसपास के क्षेत्रों में शिकारियों की गतिविधियां बढ़ रही हैं। हाल ही में, मध्य प्रदेश में शिकारियों के पास तीन बाघों के अवशेष मिले थे, और पूर्व में रणथम्भौर के कुछ बाघों के गायब होने की घटनाएं भी सामने आई थीं। इन घटनाओं को देखते हुए, वन विभाग ने शिकार पर कड़ी निगरानी रखने और शिकारियों की गतिविधियों को रोकने के लिए यह नया कदम उठाया है।
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शिकार रोकने के उपाय
इन कुत्तों को तैनात करने से शिकार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी। कुत्ते बाघों और अन्य वन्य जीवों की हड्डियों, खाल और अन्य अवशेषों को सूंघ कर उनकी पहचान कर सकते हैं, जिससे शिकारियों को पकड़ने में मदद मिलेगी।
पंचकुला में कुत्तों को दी जा रही विशेष ट्रेनिंग
रणथम्भौर में तैनात किए जाने वाले इन कुत्तों को पंचकुला में स्थित ITBP (Indo-Tibetan Border Police) यूनिट के बेस में प्रशिक्षित किया जा रहा है। यहां पर विशेषज्ञों द्वारा इन कुत्तों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में कुत्तों को बाघों, पैंथर और अन्य वन्य जीवों की पहचान करने के लिए उनकी हड्डियों और खाल को सूंघने की क्षमता को और भी मजबूत किया जा रहा है।
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प्रशिक्षण की प्रक्रिया
ITBP के विशेषज्ञ कुत्तों को जंगलों में शिकारियों के निशानों का पता लगाने और उनके द्वारा छोड़े गए अवशेषों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित कर रहे हैं। यह प्रशिक्षण कुत्तों को शिकारियों पर निगरानी रखने के लिए पूरी तरह से तैयार करेगा।
देश के अन्य टाइगर रिजर्व में भी है ऐसी व्यवस्था
भारत के अन्य प्रमुख टाइगर रिजर्वों में भी इस तरह के डॉग स्कवायड पहले से तैनात हैं। इनमें काजीरंगा, परियार और उत्तराखंड का जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क शामिल हैं। अब रणथम्भौर में भी इनकी तर्ज पर यह व्यवस्था लागू की जा रही है।
अन्य टाइगर रिजर्व में सफलता
काजीरंगा और जिम कॉर्बेट जैसे रिजर्व में डॉग स्कवायड ने शिकारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है, और अब रणथम्भौर में भी इन कुत्तों को तैनात कर शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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