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जयपुर में दक्षिण क्षेत्र के डोल का बाढ़ क्षेत्र में 2500 पेड़ों की कटाई को लेकर सरकार और आंदोलनकारियों के बीच विवाद गहराता जा रहा है। सरकार ने इस इलाके में यूनिटी मॉल बनाने का निर्णय लिया है, जबकि आंदोलनकारी इस ग्रीन एरिया को बचाने की मांग कर रहे हैं।
आंदोलनकारियों का विरोध
आंदोलनकारियों ने 13 जुलाई से भूख हड़ताल की घोषणा की है। उनका कहना है कि यह सरकार का सिर्फ एक छलावा है और उन्होंने सरकार से इस ग्रीन एरिया को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की है।
यूनिटी मॉल: महात्वाकांक्षी प्रोजेक्ट
यूनिटी मॉल जयपुर में 20,700 स्क्वायर मीटर भूखण्ड पर विकसित किया जा रहा है। यह मॉल केंद्र और राज्य सरकार की महात्वाकांक्षी योजनाओं का हिस्सा है। इसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना और स्थानीय कारीगरों को विपणन का मंच प्रदान करना है।
मेक इन इंडिया और एक जिला एक उत्पाद
इस मॉल के निर्माण से 'मेक इन इंडिया' और 'एक जिला एक उत्पाद' की अवधारणा को साकार किया जाएगा, जिससे स्थानीय व्यवसायों को मजबूती मिलेगी।
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पेड़ लगाकर वृक्षारोपण की प्रक्रिया
गवर्नमेंट के अनुसार, 58 पेड़ों के स्थान पर 10 गुना अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। रीको की प्रबंध निदेशक, शिवांगी स्वर्णकार का कहना है कि अब तक 48 पेड़ों का प्रत्यारोपण किया जा चुका है, जिनमें नीम, बबूल, चिलाई और खेजड़ी के पेड़ शामिल हैं।
प्रत्यारोपण की योजना
साथ ही, इस परियोजना के तहत और 250 पेड़ लगाए जाने की योजना है, जिसमें नीम, गुलमोहर, शीशम और जामुन जैसे पेड़ शामिल हैं।
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आंदोलनकारियों का आरोप
आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकार पौधारोपण के नाम पर जनता को गुमराह कर रही है। शौर्य गोयल, जो कि संघर्ष समिति से जुड़े हैं, का कहना है कि सरकार के पौधारोपण अभियान ने अब तक कोई सार्थक परिणाम नहीं दिया है। उन्होंने सरकार से ग्रीन एरिया पर बायोडायवर्सिटी प्रपोजल स्वीकार करने की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
बायोडायवर्सिटी का प्रस्ताव
आंदोलनकारी मानते हैं कि ग्रीन एरिया को उजाड़ने के बजाय इस पर बायोडायवर्सिटी प्रपोजल पर काम किया जाना चाहिए था।
डोल का बाढ़: जयपुर का 'फेफड़ा'
डोल का बाढ़ क्षेत्र (Dol Ka Bagh: The 'Lung' of Jaipur) को दक्षिण जयपुर का 'फेफड़ा' कहा जाता है। यह क्षेत्र अपने हरे-भरे वातावरण और कम तापमान के लिए जाना जाता है। आंकड़े बताते हैं कि इस ग्रीन एरिया के कारण आसपास का तापमान अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी कम रहता है। जब शहर के अन्य क्षेत्र अत्यधिक गर्मी से परेशान होते हैं, तो डोल का बाढ़ क्षेत्र में ठंडक बनी रहती है।
तापमान में अंतर
यह क्षेत्र शहरी गर्मी के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और इसकी रक्षा करना शहर के पर्यावरण के लिए जरूरी है।