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Jaipur. राजस्थान के डूंगरपुर जिले में एक युवक की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया है। घटना के बाद से ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। दोवड़ा थाना क्षेत्र में युवक की मौत को लेकर ग्रामीणों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पुलिस की कार्यवाही और निलंबन
पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोवड़ा थानाध्यक्ष तेजकरण और अन्य चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में उप निरीक्षक वल्लभराम, हेडकांस्टेबल सुरेश कुमार, कांस्टेबल पुष्पेंद्र सिंह और माधव सिंह शामिल हैं। इन सभी को मुख्यालय रिजर्व पुलिस लाइन डूंगरपुर में स्थानांतरित कर दिया गया है।
ग्रामीणों की मांग और धरना
ग्रामीणों की मुख्य मांगों में से एक पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना है। हालांकि, इन दोनों मांगों पर प्रशासन के साथ अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। धरने के दौरान, परिजनों और ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया कि पुलिस ने दिलीप के साथ कस्टडी में मारपीट की थी।
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क्या था पूरा मामला?17 सितंबर को दोवड़ा पुलिस ने वसी गांव के एक स्कूल में हुई चोरी के मामले में दिलीप को हिरासत में लिया था। हिरासत के बाद उसकी तबीयत खराब हो गई थी और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बाद में उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे उदयपुर रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों और परिजनों का आरोपमृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि कस्टडी में पुलिस ने दिलीप के साथ मारपीट की थी, जिसके कारण उसकी मृत्यु हुई। ग्रामीणों ने घटना के बाद पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। | |
थानेदार और पुलिसकर्मियों का निलंबन
इस मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के तहत दोवड़ा थानाध्यक्ष सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन का आदेश पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने दिया। हालांकि, अन्य मांगों पर अब तक कोई निर्णायक फैसला नहीं लिया गया है।
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सड़कों पर विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़
मृतक की मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में गुस्से का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने दोवड़ा थाने के बाहर धरना दिया और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इसके अलावा, भीड़ ने एसडीएम की गाड़ी पर पत्थर फेंके और तोड़फोड़ की।
डूंगरपुर पुलिस हिरासत में मौत के मामले में थानेदार सहित पांच पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं। इसके बावजूद डूंगरपुर में ग्रामीणों का धरना जारी है।
विधायक की आवाज
आसपुर विधायक उमेश मीणा ने भी प्रदर्शनकारियों का समर्थन करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस आदिवासी समुदाय के खिलाफ अत्याचार कर रही है। उन्होंने कस्टडी में मौतों को लेकर चिंता जताई और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।