महासमुंद में लाखों का बोगस धान खरीदी घोटाला,किसानों ने अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

महासमुंद के पिथौरा ब्लॉक के सागुनढ़ाप धान खरीदी केंद्र में 46 लाख रुपए से अधिक की बोगस धान खरीदी का मामला सामने आया। किसानों ने केंद्र अध्यक्ष, प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर पर मिलीभगत और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

author-image
Harrison Masih
New Update
mahasmund-bogus-rice-purchase-scandal the sootr
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Mahasamund. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के पिथौरा ब्लॉक के धान खरीदी केंद्र सागुनढ़ाप में खरीफ वर्ष 2024-25 की धान खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और बोगस खरीद का मामला सामने आया है। किसानों ने खरीदी केंद्र के अध्यक्ष, प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर पर गंभीर आरोप लगाते हुए जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

ये खबर भी पढ़ें... CGPSC घोटाला: CBI ने दाखिल किया 2000 पन्नों का सप्लीमेंट्री चालान, सामने आया मास्टरमाइंड का नाम

किसानों की शिकायत

करीब एक सप्ताह पहले, ग्रामीण सेवा सहकारी समिति सागुनढ़ाप (पंजीयन क्रमांक 1274) में किसान सभा आयोजित की गई। किसानों ने खरीदी केंद्र के आय-व्यय और धान खरीदी दस्तावेजों की जांच की। इस दौरान 46,94,640 रुपए की धान की कमी पाई गई।

किसानों का आरोप है कि इस घोटाले में अध्यक्ष मथामणी बढ़ाई, प्रभारी हरिलाल साव और कंप्यूटर ऑपरेटर धर्मेंद्र प्रधान की मिलीभगत है। कहा जा रहा है कि इन अधिकारियों ने अपने लोगों के नाम पर बोगस धान खरीदी कराई और सरकारी राशि हड़पने का प्रयास किया।

ये खबर भी पढ़ें... कोल लेवी घोटाला: ED ने राज्य सरकार को लिखा पत्र,10 सीनियर IAS-IPS अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की मांग

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

महासमुंद के कलेक्टर विनय लंगेह ने धान खरीदी घोटाले (Mahasamund paddy purchase scam) की पुष्टि करते हुए कहा कि इस मामले में शिकायत प्राप्त हुई है और इसे पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मामले की संपूर्ण जांच कराई जाएगी और जांच रिपोर्ट आने के बाद जिनकी भी संलिप्तता पाई जाएगी, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियों को रोका जा सके।

ये खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: चैतन्य बघेल और दीपेन चावड़ा से 2 घंटे पूछताछ,EOW की रिमांड पर हैं दोनों

बोगस धान खरीदी घोटाला: ऐसे समझें मामला" के 5 छोटे पॉइंट्स दिए गए हैं:

  1. 46 लाख से ज्यादा की गड़बड़ी – 1514.40 क्विंटल धान खरीदी में कमी पाई गई।

  2. जिम्मेदारों पर आरोप – अध्यक्ष, प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर पर मिलीभगत का संदेह।

  3. किसानों का विरोध – किसान सभा में दस्तावेज़ों की जांच से खुला राज़।

  4. बोगस खरीदी का खेल – अपने लोगों के नाम पर धान खरीदी का आरोप।

  5. जांच के आदेश – कलेक्टर ने मामले की जांच और कार्रवाई की बात कही।

ये खबर भी पढ़ें... जन्मदिन पर मिला नया जीवन,बर्थडे मनाने जा रहे मंत्री की कार ट्रक से टकराई,बाल-बाल बचे मंत्री श्याम बिहारी

किसानों की मांग

धान खरीदी घोटाले को लेकर प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि इसमें शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खरीदी केंद्र के संचालन और उससे जुड़े सभी दस्तावेजों की पूर्ण समीक्षा की जाएगी ताकि गड़बड़ियों की सच्चाई सामने आ सके। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए खरीदी केंद्रों पर सख्त निगरानी तंत्र लागू किया जाएगा, जिससे किसानों के हित सुरक्षित रह सकें और पारदर्शिता बनी रहे।

FAQ

महासमुंद धान खरीदी में कितनी की गड़बड़ी सामने आई है?
इस घोटाले में लगभग 46 लाख 94 हजार 640 रुपए की धान खरीदी में गड़बड़ी पाई गई है।
बोगस धान खरीदी घोटाले में किन पर आरोप लगाए गए हैं?
किसानों ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले में खरीदी केंद्र के अध्यक्ष मथामणी बढ़ाई, प्रभारी हरिलाल साव और कंप्यूटर ऑपरेटर धर्मेंद्र प्रधान की मिलीभगत है।
प्रशासन इस धान खरीदी घोटाले पर क्या कार्रवाई करेगा?
महासमुंद के कलेक्टर ने कहा है कि मामले की संपूर्ण जांच होगी और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
Mahasamund paddy purchase scam महासमुंद बोगस धान खरीदी घोटाला
Advertisment