ई डिटेक्शन सिस्टम: हाईवे पर गाड़ी खड़ी होते ही परिवहन विभाग निकाल रहा कुण्डली, टोल पर कट रहे चालान

राजस्थान में अब ई डिटेक्शन सिस्टम से टोल प्लाजा पर वाहनों के फिटनेस, पीयूसी, आरसी बकाया पर चालान कट रहे हैं। जानें कैसे यह सिस्टम काम करता है।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान में अब परिवहन विभाग ने हाईवे पर वाहनों के लिए एक नया सिस्टम लागू किया है, जिसे ई डिटेक्शन सिस्टम (E Detection System) कहा जाता है।

इस सिस्टम के तहत टोल प्लाजा पर वाहन के नंबर प्लेट को स्कैन कर उसकी पूरी जानकारी निकाली जा रही है।

अगर वाहन का फिटनेस, पीयूसी सर्टिफिकेट या आरसी से संबंधित कोई बकाया है, तो वाहन का चालान तुरंत काटा जा रहा है।

यह व्यवस्था अब प्रभावी रूप से काम करने लगी है, जिससे वाहनधारकों को तुरंत ही जुर्माना भेजा जा रहा है।

कैसे काम करता है ई डिटेक्शन सिस्टम?

वाहन चालक जैसे ही टोल पर पहुंचने पर पहुंचकर पर्ची लेते हैं, वहां लगे आधुनिक कैमरे वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर लेते हैं।

 यह सूचना परिवहन विभाग के सर्वर पर पहुंच जाती है। उस वाहन से संबंधित सभी जानकारी निकालकर वाहनधारक को चालान भेज देता है।

जुर्माने की सूचना वाहन मालिक के पास सीधे पहुंचती है। इस प्रणाली के तहत बाड़मेर (Barmer) जिले के टोल से लगभग 1000 वाहन चालकों को चालान मिल चुके हैं।

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ई डिटेक्शन सिस्टम का ट्रायल  

ई डिटेक्शन सिस्टम का राजस्थान में ट्रायल चल रहा है। अगर यह सिस्टम पूरी तरह से सफल रहता है, तो भविष्य में इसे और मजबूत किया जाएगा।

इस प्रणाली के लागू होने से परिवहन विभाग को वाहन मालिकों के बकाया भुगतान के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। 

यह सुविधा सरकारी और नियमित टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों के बकाया भुगतान को सुगम और तेज बना देगी।

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परिवहन विभाग का काम होगा आसान

वर्तमान में, परिवहन विभाग (Transport Department) के निरीक्षकों को सड़कों पर वाहनों की जांच करने के लिए समय देना पड़ता है।

इसके अलावा, उनके पास अन्य प्रशासनिक कार्य भी होते हैं। लेकिन ई डिटेक्शन सिस्टम के लागू होने से उनके काम में भारी कमी आएगी।

टोल पर ही चालान कटने से परिवहन निरीक्षकों को सड़कों पर वाहनों की जांच करने के लिए समय नहीं देना पड़ेगा, जिससे उनका काम और अधिक कुशल हो जाएगा।

सिफारिश और दबाव पर लगेगा अंकुश

जब वाहनों के दस्तावेज पूरे नहीं होते थे, तो परिवहन विभाग के निरीक्षकों पर सिफारिश या दबाव डालने के मामले भी सामने रहे हैं। लेकिन इस नए सिस्टम  से यह संभव नहीं होगा।

अब सीधे कंप्यूटर से चालान निकल जाएगा, इसलिए इसमें हेरफेर संभव नहीं होगा।

राजस्थान परिवहन विभाग टोल प्लाजा पर ई डिटेक्शन सिस्टम के ​जरिए वाहन चालान कर रहा है।

FAQ

1. ई डिटेक्शन सिस्टम कैसे काम करता है?
ई डिटेक्शन सिस्टम टोल प्लाजा पर वाहन की नंबर प्लेट को स्कैन कर उसकी फिटनेस, पीयूसी सर्टिफिकेट, आरसी और बकाया का डेटा निकालता है और तुरंत वाहनधारक को चालान भेजता है।
2. क्या यह प्रणाली ट्रायल के रूप में लागू की गई है?
हां, इस समय ई डिटेक्शन सिस्टम राजस्थान में ट्रायल के रूप में लागू किया गया है। अगर यह सफल होता है, तो इसे और मजबूत किया जाएगा।
3. इस प्रणाली के लागू होने से परिवहन विभाग को क्या लाभ होगा?
ई डिटेक्शन सिस्टम से परिवहन विभाग को वाहन जांच के लिए सड़कों पर समय नहीं देना पड़ेगा। इससे उनका काम आसान होगा और भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी।

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