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राजस्थान के जयपुर के सुभाष चौक पर स्थित एक जर्जर मकान के गिरने के बाद बाप-बेटी की दुखद मौत के मामले ने नगर निगम को जागने पर मजबूर कर दिया है। अब जयपुर में जर्जर मकान गिरने के बाद कार्रवाई की जा रही है। पहले भी जर्जर भवनों को लेकर चिंता जताई जाती रही है। सर्वे भी हुआ था। राजस्थान में जर्जर इमारतों को गिराने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन हुआ कुछ नहीं।
अब हैरिटेज नगर निगम ने 178 जर्जर मकानों की पहचान की और मुनादी करवा रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब नगर निगम ने इस मुद्दे पर कार्रवाई की हो, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या इन मौतों के बिना निगम जागता?
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जर्जर मकानों की सूची और कार्रवाई का विवरण
जयपुर के किशनपोल जोन में 79 जर्जर मकान पाए गए हैं, जो सबसे अधिक संख्या में हैं। लेकिन नगर निगम ने इनमें से केवल तीन मकानों पर कार्रवाई की है, बाकी या तो मरम्मत के कागजात दिखा दिए गए हैं या फिर मामले कोर्ट में लंबित हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि खतरे का सामना अभी भी बरकरार है।
मजबूरी में रह रहे लोग
जयपुर के मिश्र राजाजी मार्ग और पंचगली क्षेत्र में ऐसे कई परिवार हैं जो आर्थिक तंगी के कारण जर्जर मकानों में रहने को मजबूर हैं। पुष्पा व्यास का उदाहरण लिया जाए, तो वह बताती हैं, "हमें पैसे नहीं हैं, मकान का आधा हिस्सा गिर चुका है और बाकी हिस्से में हम रह रहे हैं।" निगम के नोटिस चिपकाए जाते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।
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नोटिस चिपकाने के बावजूद कोई असर नहीं
पड़ोस के एक अन्य जर्जर मकान के मालिक को भी बार-बार नोटिस दिए गए, लेकिन वह उसे अनदेखा करते हैं। हालांकि, निगम की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाए जाते। कुनाल नामक एक निवासी ने कहा, "हमारे पड़ोस में भी मकान गिर चुका है, लेकिन मालिकों पर कोई असर नहीं है।"
कार्रवाई अधूरी छोड़ दी गई
त्रिपोलिया बाजार के पास स्थित नाटाणियों की हवेली में दरवाजे और छत से पानी टपक रहा है, लेकिन निगम की कार्रवाई अधूरी छोड़ दी गई है। विपिन नाटाणी ने इस पर अपनी निराशा व्यक्त की और कहा, "कार्रवाई पूरी तरह से अधूरी छोड़ दी गई है, जो मकान पहले से जर्जर हो चुके हैं, उनके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।"
जबरन खाली कराना संभव नहीं
हैरिटेज नगर निगम आयुक्त निधि पटेल ने कहा, "हमने तीन जर्जर मकानों को ध्वस्त किया और तीन मकान मालिकों ने खुद मकान गिराए। कई मामलों में निजी संपत्ति और कोर्ट विवाद के कारण जबरन लोगों को निकालना संभव नहीं है। हमने उन्हें सामुदायिक केंद्रों में रहने के लिए समझाया, लेकिन लोग वहां रहने के लिए तैयार नहीं हैं।"
FAQ
1. जयपुर में नगर निगम ने जर्जर मकानों पर क्या कार्रवाई की है?जयपुर नगर निगम ने सुभाष चौक क्षेत्र में जर्जर मकानों पर कार्रवाई शुरू की है। निगम ने 178 जर्जर मकानों की पहचान की है और मुनादी करवाई जा रही है ताकि लोग सतर्क हो सकें।2. क्या नगर निगम ने सभी जर्जर मकानों पर कार्रवाई की?नहीं, नगर निगम ने अब तक केवल कुछ जर्जर मकानों पर कार्रवाई की है। किशनपोल जोन में 79 जर्जर मकान हैं, लेकिन निगम ने सिर्फ तीन पर ही कार्रवाई की है।3. क्या जर्जर मकानों में रहने वाले लोग सामुदायिक केंद्रों में शिफ्ट हुए हैं?नहीं, नगर निगम ने लोगों को सामुदायिक केंद्रों में रहने के लिए कहा, लेकिन अधिकतर लोग वहां जाने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि वे अपनी मजबूरी के कारण इन जर्जर मकानों में रह रहे हैं।
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