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राजस्थान के शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में यह पूछा गया है कि जर्जर क्लास रूम के स्थान पर पढ़ाई के लिए दूसरी क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई। कलेक्टर्स को यह रिपोर्ट 7 सितंबर तक भेजने के लिए कहा गया है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिक्षा विभाग का कदम
राजस्थान के झालावाड़ जिले में हुई दर्दनाक घटना के बाद, राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया। जुलाई में एक प्राथमिक स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग से सरकारी स्कूलों में जर्जर क्लास रूम की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी थी। राजस्थान में कलेक्टरों को पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। इसके बाद, पिछले महीने सरकार की तकनीकी टीम ने एक सर्वे किया और रिपोर्ट पेश की।
86,934 जर्जर क्लास रूम
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कक्षा 1 से 12वीं तक कुल 63,018 स्कूल हैं, जिनमें 5,26,262 क्लासरूम्स हैं। इनमें से राजस्थान में 86,934 क्लास रूम जर्जर स्थिति में हैं। इन क्लासरूम्स को बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित नहीं माना जा रहा है। हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट के बाद इन सभी जर्जर क्लासरूम्स को बंद करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक स्थानों पर पढ़ाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि बारिश या अन्य कारणों से इन भवनों के गिरने से होने वाली जनहानि से बचा जा सके।
कलेक्टरों को वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश
राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के बाद, शिक्षा विभाग ने सभी कलेक्टरों से इन जर्जर क्लास रूम में पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए सुरक्षित वैकल्पिक स्थान खोजने और बच्चों को वहां शिफ्ट करके पढ़ाई शुरू करवाने के निर्देश दिए। राजस्थान शिक्षा विभाग ने जिला कलेक्टरों से मांगी रिपोर्ट। अब कलेक्टरों से पूछा गया है कि उन्होंने इन आदेशों की पालना में क्या व्यवस्था की। रिपोर्ट 7 सितंबर तक प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
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झालावाड़ स्कूल हादसा
झालावाड़ जिले में जुलाई महीने में एक प्राथमिक स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई थी। यह दुर्घटना राज्य में शिक्षा व्यवस्था की खस्ता हालत को लेकर काफी आलोचना का कारण बनी। इस दर्दनाक हादसे के बाद, राजस्थान सरकार को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। इस घटना को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने भी गहरी चिंता जताई और स्कूलों की खराब हालत पर सवाल उठाए।
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