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Photograph: (The Sootr)
राजस्थान (Rajasthan) में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी (OPJS University) की फर्जी डिग्री बेचने के मामले में राजस्थान पुलिस एटीएस (ATS) की टीम ने पूर्व इंटरनेशनल वॉलीबॉल प्लेयर संगीता कड़वासरा (Sangita Kadwasra) को गिरफ्तार किया है। लंबे समय से फरार चल रही संगीता पर आरोप है कि उसने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के मालिक जोगेंद्र सिंह (Jogendra Singh) के साथ मिलकर हजारों फर्जी डिग्रियां जारी की थी। यह डिग्रियां बैक डेट में जारी की जाती थीं, और इसके बदले में मोटी रकम ली जाती थी। एटीएस ने इस मामले में संगीता पर 25,000 रुपए का इनाम घोषित किया था। एटीएस की टीम ने इलेक्ट्रीशियन बन कर संगीता को गिरफ्तार किया।
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रेलवे की नौकरी छोड़ बनी ओपीजेएस की ऑब्जर्वर
संगीता कड़वासरा एक अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी (International Volleyball Player) थी, जिसने खेल कोटा (Sports Quota) के आधार पर रेलवे (Railway) में नौकरी प्राप्त की थी। हालांकि, साल 2014 में अपने पति से तलाक (Divorce) के बाद उसने रेलवे की नौकरी छोड़ दी और दिल्ली में अपने पिता के घर रहने लगी। इसके बाद संगीता ने बेरोजगारी के कारण अपनी बहन सरिता (Sarita) के माध्यम से रोहतक के एक न्यूज चैनल में भी काम किया। बाद में उसने चूरू (Churu) के राजगढ़ स्थित ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में ऑब्जर्वर (Observer) के तौर पर काम शुरू किया।
आईजी एटीएस IPS विकास कुमार ने बताया कि आरोपी संगीता कड़वासरा इंटरनेशनल वॉलीबॉल प्लेयर थी, जिसके आधार पर खेल कोटा से रेलवे में जॉब लग गई थी। पति से तलाक के बाद साल 2014 में रेलवे की नौकरी छोड़ दी और अपने पिता के घर दिल्ली में रहने लगी थी। इसके बाद आरोपी ने चूरू के राजगढ़ स्थित OPJS यूनिवर्सिटी में ऑब्जर्वर के रूप में काम किया। इस दौरान मालिक जोगेंद्र सिंह के साथ मिलकर विभिन्न कोर्सेज की हजारों फर्जी डिग्रियां बैक डेट में जारी की थी।संगीता कड़वासरा उर्फ भूमि पुत्री धर्मवीर सिंह दिल्ली के कंझावला थाना क्षेत्र से पकड़ी गई है। लगभग 7 दिन से एटीएस की टीम संभावित ठिकानों पर सर्च कर रही थी। लेकिन संगीता घर से बाहर ही नहीं निकलती थी। एटीएस की टीम फ्लैट में इलेक्ट्रीशियन बनकर गई। यहां पर एटीएस ने सर्च के दौरान संगीता को डिटेन किया।
ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्रियों का घोटाला क्या है?
संगीता कड़वासरा और ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के मालिक जोगेंद्र सिंह ने मिलकर विश्वविद्यालय (University) के नाम पर कई फर्जी डिग्रियां जारी कीं। यह डिग्रियां बैक डेट में जारी की जाती थीं, और इसके लिए दलालों (Mediators) के माध्यम से मोटा पैसा लिया जाता था। इन डिग्रियों का इस्तेमाल विभिन्न सरकारी और निजी नौकरियों में किया जाता था। आरोपी ने इस अवैध काम के जरिए बड़ी रकम इकट्ठी की थी। ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री घोटाला की जांच जारी है।
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एटीएस की टीम ने कैसे किया संगीता का पता?
संगीता कड़वासरा को पकड़ने के लिए एटीएस की टीम ने कई दिनों तक सर्च ऑपरेशन चलाया। आरोपी संगीता घर से बाहर नहीं निकलती थी और केवल अपने घर के पास के शिव मंदिर (Shiv Mandir) में जाती थी। एटीएस ने मुखबिर की सूचना पर शिव मंदिर का पता लगाया और आसपास के कॉलोनियों में जानकारी जुटाई। इसके बाद पता चला कि वह अपनी बहन के बेटे के किराए के फ्लैट में रह रही थी।
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इलेक्ट्रीशियन बन संगीता की गिरफ्तारी
एटीएस की टीम ने संगीता की गिरफ्तारी के लिए एक और चाल चली। जब संगीता का भांजा बाहर गया तो एटीएस ने फ्लैट की बिजली काट दी। इसके बाद संगीता ने भांजे को फोन किया और बताया कि बिजली चली गई है। भांजा के कहने पर एटीएस ने फ्लैट के की-केयर टेकर के साथ मिलकर इलेक्ट्रीशियन बनकर फ्लैट में प्रवेश किया। टीम ने यहां संगीता को डिटेन किया और उसे जयपुर (Jaipur) लाने की तैयारी की।
आज अदालत में करेंगे पेश
संगीता कड़वासरा को एटीएस की टीम मंगलवार को जयपुर लेकर पहुंचेगी, जहां उसे अदालत (Court) में पेश किया जाएगा। अदालत से रिमांड (Remand) पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इस मामले में आगे की जांच जारी है, और एटीएस अधिकारियों का कहना है कि इसके माध्यम से और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। फर्जी डिग्री घोटाला राजस्थान में कई निजी यूनिवर्सिटी में सामने आ रहा है।
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