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Photograph: (the sootr)
बीकानेर शहर में हाल ही में एक बड़े जमीन घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें 300 करोड़ रुपए से अधिक की कीमत वाली जमीनों के पट्टे फर्जी पाए गए हैं। यह पट्टे 55 साल पुराने थे, लेकिन जिस रजिस्टर में इनकी एंट्री की गई है, वह सिर्फ एक साल पुराना है। यह खेल तब सामने आया जब एक मामूली अतिक्रमण हटाने के दौरान बीडीए (Bikaner Development Authority) को इसकी जानकारी मिली।
अतिक्रमण की कार्रवाई में उजागर हुआ घोटाला
घोटाला मुख्य रूप से पुराने सीईसी (City Improvement Committee) के पट्टों से जुड़ा हुआ है, जो अब यूआईटी (Urban Improvement Trust) द्वारा संभाले जाते हैं। जब बीडीए ने अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की तो एक व्यक्ति ने 55 साल पुराने पट्टे का दस्तावेज़ दिखाए। इस जमीन के फर्जीवाड़ा देख बीडीए टीम हैरान रह गई, क्योंकि यह दस्तावेज़ न केवल पुराना था, बल्कि रजिस्टर में दर्ज किए गए पट्टों की स्याही भी ताजा थी।
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रजिस्टर और पट्टों की जांच
बीडीए ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए कलेक्टर के सामने सारे तथ्य प्रस्तुत किए। इसके बाद, कलेक्टर ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष कमेटी गठित की। इस कमेटी ने बताया कि 1970 से पहले के पट्टे के रजिस्टर का न तो कोई पुराना क्रमांक नंबर था और न ही उस पर कोई सील थी। कई जगहों पर हस्ताक्षर भी संदिग्ध थे। इस रजिस्टर में दर्ज 40 पट्टों के दस्तावेज़ बीडीए के दस्तावेज़ों से मेल नहीं खा रहे थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ये पट्टे फर्जी थे।
फोरेंसिक जांच की सिफारिश
कमेटी ने यह भी सिफारिश की कि इस रजिस्टर और पट्टों की फोरेंसिक जांच की जाए ताकि इनकी सच्चाई का पता लगाया जा सके। इस जांच के आधार पर एफआईआर दर्ज करवाई गई। यह मामला 300 करोड़ रुपए से अधिक का है और इसमें कई अन्य संदिग्ध संपत्तियां भी शामिल हैं।
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कमेटी की रिपोर्ट
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट 30 जून को बीडीए कमिश्नर और कलेक्टर को सौंपी, जिसमें यह साफ कहा गया कि रजिस्टर पर दर्ज सारे पट्टे फर्जी थे। इस रिपोर्ट के आधार पर अब आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जांच के लिए बनाई है कमेटीः कलेक्टर
इस मामले में बीडीए चेयरपर्सन और कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने बताया कि एक पटृटे की जांच के दौरान यह मामला उजागर हुआ। हम उस रजिस्टर के सभी प्लाटों व पटटों की जांच करवा रहे है। यह मामला तीन सौ करोड़ रुपए से भी अधिक का है। फिलहाल मामले की गहन जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।
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