पहचान छिपाकर रणथंभौर नेशनल पार्क पहुंचे वन मंत्री : लिया जंगल सफारी का आनंद, खामियां आईं सामने

राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने अचानक रणथम्भौर पहुंचकर एक सामान्य पर्यटक की तरह जंगल सफारी की। उन्होंने वन विभाग की व्यवस्था की जांच की और अधिकारियों को सुधार के निर्देश दिए।

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Gyan Chand Patni
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 राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा रविवार को बिना किसी पूर्व सूचना के सवाई माधोपुर जिले में स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व पहुंचे। उनका यह दौरा न केवल अधिकारियों के लिए एक चौंकाने वाली घटना साबित हुआ, बल्कि उन्होंने यहां पहुंचने के बाद एक सामान्य पर्यटक की तरह जंगल सफारी का भी अनुभव लिया। 

सामान्य पर्यटक की तरह जंगल सफारी का लिया आनंद  

रणथंभौर पहुंचे वन मंत्री, सफारी का ऑनलाइन टिकट बुक किया। उन्होंने टोपी, चश्मा और मास्क पहनकर शाम की सफारी का आनंद लिया और यह बिल्कुल एक सामान्य पर्यटक की तरह था। इस दौरान मंत्री ने बाघ टी-120 गणेश सहित कई बाघों और बाघिनों की गतिविधियां देखीं और पार्क में मॉनिटरिंग व ट्रैकिंग सिस्टम के बारे में जानकारी ली।

पर्यटकों से बातचीत  

वन मंत्री ने सफारी के दौरान पर्यटकों से बातचीत की और उनके सफारी अनुभव तथा सुझाव भी सुने। इससे न केवल मंत्री को आम पर्यटकों के अनुभव का पता चला, बल्कि उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि पार्क की सुविधाओं और सुरक्षा व्यवस्था में कोई खामी तो नहीं है।

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वन विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप 

मंत्री के अचानक दौरे से वन विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने जंगल भ्रमण के दौरान कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर की जांच की, जिसमें एक कर्मचारी मौके पर मौजूद होने के बावजूद दर्ज नहीं था। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई और सभी कर्मचारियों को नियमित उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए।

ड्राइवर ने दिया नियमों का हवाला

सफारी के दौरान ड्राइवर मंत्री को पहचान नहीं पाया और जब उन्होंने यू-टर्न लेने के लिए कहा, तो ड्राइवर ने नियमों का हवाला देते हुए यू-टर्न लेने से मना कर दिया। इस पर मंत्री ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और वन-वे रास्ते से ही सफारी का पूरा आनंद लिया।

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गश्ती वाहन की अनुपस्थिति पर नाराजगी 

सफारी के दौरान वन मंत्री ने जंगल में वन विभाग का गश्ती वाहन नहीं देखा, जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई। मंत्री ने वनकर्मियों से कहा कि इस तरह से बाघों की निगरानी कैसे की जा सकती है। उन्होंने वनकर्मियों को आदेश दिया कि उनके अधिकारियों को सर्किट हाउस भेजा जाए, जहां वे उनसे सफारी के अनुभव पर चर्चा करेंगे।

सफारी के बाद पहचान उजागर  

वन विभाग को मंत्री की मौजूदगी के बारे में तब पता चला जब मंत्री ने रणथंभौर नेशनल पार्क में सफारी पूरी की और अपनी पहचान उजागर की। मंत्री ने बताया कि यह कदम इसलिए उठाया था ताकि वे एक सामान्य पर्यटक के दृष्टिकोण से रणथम्भौर की व्यवस्थाओं का जायजा ले सकें। सफारी के दौरान जो कमियां देखी गईं, उन पर तुरंत कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए।

रणथम्भौर में संभावित प्रशासनिक फेरबदल 

सूत्रों के अनुसार, वन मंत्री का यह आकस्मिक दौरा रणथम्भौर में संभावित प्रशासनिक बदलावों की भूमिका के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरे के बाद इस बात की संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही वन विभाग में बड़े फेरबदल हो सकते हैं।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

FAQ

1. वन मंत्री संजय शर्मा ने अचानक रणथंभौर का दौरा क्यों किया?
वन मंत्री संजय शर्मा का अचानक दौरा रणथंभौर के वन विभाग की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए था। वे एक सामान्य पर्यटक की तरह सफारी पर गए ताकि उन्हें पार्क की हकीकत समझ में आ सके।
2. मंत्री ने सफारी के दौरान क्या देखा और क्या महसूस किया?
मंत्री ने सफारी के दौरान बाघ टी-120 गणेश और अन्य बाघों की गतिविधियां देखीं। उन्होंने पार्क की मॉनिटरिंग व्यवस्था की जानकारी ली और पर्यटकों से उनकी सफारी के अनुभव पूछे।
3. मंत्री ने वन विभाग के कर्मचारियों से क्या कहा?
मंत्री ने वन विभाग के कर्मचारियों को उपस्थिति रजिस्टर की जांच करने और नियमित उपस्थिति दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने गश्ती वाहन की अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई और इसकी निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए।
4. मंत्री को ड्राइवर ने क्यों मना किया था?
सफारी के दौरान ड्राइवर ने मंत्री को यू-टर्न लेने से मना किया क्योंकि वह नियमों के तहत ऐसा नहीं कर सकता था। मंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और वन-वे रास्ते से सफारी पूरी की।
5. क्या इस दौरे से कोई प्रशासनिक बदलाव की संभावना है?
सूत्रों के अनुसार, मंत्री का यह आकस्मिक दौरा रणथंभौर में प्रशासनिक बदलाव की ओर इशारा करता है। यह दौरा संभावित रूप से वन विभाग में कुछ बड़े फेरबदल की तैयारी हो सकता है।

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