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Photograph: (the sootr)
राकेश कुमार शर्मा @ जयपुर
राजस्थान में कांग्रेस संगठन में जान फूंकने के लिए कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान चल रहा है। अभियान के प्रथम चरण में बीस जिलों में नए नेताओं को जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी जाएगी। जिलाध्यक्ष बनने के लिए कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं में होड़ सी लगी हुई है। कांग्रेस आलाकमान ने रायशुमारी के लिए दूसरे राज्यों के पर्यवेक्षक भेजे हैं। पर्यवेक्षक जिलों में रायशुमारी कर रहे हैं। हर जिले में दर्जनों दावेदार सामने आ रहे हैं।
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दावेदारों से भी बातचीत
जिलाध्यक्ष बनने के लिए पूर्व मंत्री, विधायक, विधायक प्रत्याशी और वरिष्ठ नेता लॉबिंग में लगे हुए हैं। वे जिले के सांसद, विधायक और वरिष्ठ नेताओं से मेल-मुलाकात करके पर्यवेक्षकों के समक्ष अपनी बात रखवा रहे हैं। पर्यवेक्षक भी सभी नेताओं से बातचीत करके जिलाध्यक्ष की राय ले रहे हैं। साथ ही दावेदारों से भी बातचीत कर रहे हैं। सबसे ज्यादा मारामारी जयपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर और शेखावाटी संभाग के जिलों में हो रही है।
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मिल रही है कड़ी चुनौती
कई जिलों में दावेदार भी ज्यादा हैं और दावेदारी जताने वाले नेता भी दमखम से अपना पक्ष रख रहे हैं। सबसे ज्यादा राजधानी जयपुर में जिलाध्यक्ष के लिए रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां पर निर्वाचित विधायक एक तरफ, तो दूसरी तरफ हारे हुए नेता हैं। पूर्व में जिलाध्यक्ष रहे पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी जिलाध्यक्ष की दौड़ में है। उनके सामने सांगानेर विधानसभा से दो बार विधायक प्रत्याशी रहे पुष्पेन्द्र भारद्वाज, वर्तमान जिलाध्यक्ष एवं हवामहल विधानसभा से विधायक प्रत्याशी रहे आरआर तिवाड़ी कड़ी चुनौती दे रहे हैं।
सभी गिना रहे अपने-अपने दावे
खाचारियावास अपने पूर्व कार्यकाल के दौरान किए गए आंदोलन, कार्यक्रमों की उपलब्धियों को आधार बताकर दावेदारी जता रहे हैं, तो आरआर तिवाड़ी व पुष्पेन्द्र भारद्वाज भी संगठन हित में किए गए कार्यों को गिना रहे हैं। इसके अलावा यहां से विप्र कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष महेश शर्मा, सुनीश शर्मा, तरुण शर्मा भारती, अवध शर्मा, मोहम्मद इकबाल, योगिता शर्मा, गिरिराज खंडेलवाल, गिरिराज गर्ग भी जिलाध्यक्ष की दौड़ में है। ये सभी निर्वाचित विधायकों, पूर्व विधायकों व विधायक प्रत्याशियों का समर्थन लेकर जिलाध्यक्ष बनने की राह में है। अपने-अपने समर्थक नेताओं, कार्यकर्ताओं व समाज नेताओं को भी पर्यवेक्षक के समक्ष अपनी बात रखवा रहे हैं।
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सभी से राय-मशविरा
पर्यवेक्षक सभी से राय-मशविरा कर रहे हैं। चर्चा है कि जयपुर शहर से सामान्य वर्ग से ही जिलाध्यक्ष बनने की पूरी संभावना है। हालांकि पर्यवेक्षक सभी वर्गों के नेताओं से चर्चा करके एससी, एसटी, ओबीसी एवं सामान्य वर्ग के दावेदारों में से एक-एक नाम का पैनल बनाकर पार्टी नेतृत्व को देंगे। पार्टी आलाकमान पैनल में आए नामों के आधार पर बीस जिलों के जिलाध्यक्ष की घोषणा करेगा।
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30 पर्यवेक्षक ले रहे फीडबैक
अभियान के तहत जिलाध्यक्षों की रायशुमारी के लिए पार्टी आलाकमान ने तीस पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। वे सभी अलग-अलग जिलों में रायशुमारी कर रहे हैं। इनकी मदद के लिए राजस्थान कांग्रेस ने भी 90 नेताओं को साथ लगाया है। जयपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर केंद्रीय पर्यवेक्षक जीआर राजू ने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में जाकर स्थानीय नेताओं-कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की है। विधायक रफीक खान व अमीन कागजी, पूर्व विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास, गंगा देवी व ब्रजकिशोर शर्मा, विधायक प्रत्याशी अर्चना शर्मा व पुष्पेंद्र भारद्वाज समेत अन्य नेता भी केन्द्रीय पर्यवेक्षक को अपनी राय बता चुके हैं।
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11 अक्टूबर तक लेंगे फीडबैक
11 अक्टूबर तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के बाद जयपुर में केन्द्रीय पर्यवेक्षक प्रोफेशनल, बुद्धिजीवी वर्ग और मीडिया से भी सुझाव लेंगे। दीपावली से पहले 20 अक्टूबर तक पूरी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंप दी जाएगी। जयपुर की तर्ज पर ही जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, भीलवाड़ा, सीकर, झुंझुनूं, दौसा, प्रतापगढ़, नागौर, श्रीगंगानगर, ब्यावर, कोटा, अलवर, चित्तौड़गढ़ आदि जिलों में जिलाध्यक्ष की रायशुमारी चल रही है। इन सभी जिलों में करीब एक हजार से कांग्रेस नेताओं ने जिलाध्यक्ष बनने के लिए दावेदारी जताई है।