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Photograph: (TheSootr)
Jhunjhunu.राजस्थान के झुंझुनूं जिले में सूदखोरों की क्रूरता ने एक हंसते-खेलते परिवार को तबाह कर दिया। प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं महिला अधिकारिता विभाग में सहायक प्रशासनिक अधिकारी सुरेश सैन ने सूदखोरों की निरंतर प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली। 12 अक्टूबर 2025 को कोतवाली क्षेत्र के बीरबल मार्केट स्थित बेसमेंट में उनका शव फंदे से लटका हुआ मिला। पुलिस ने मौके से उनका 4 पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया, जिसमें सुरेश ने 8 सूदखोरों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। बता दें, राजस्थान में सूदखोरी का जाल गहराई तक फैला हुआ है। कई लोग सूदखोरों के आतंक से परेशान हो जान दे चुके हैं।
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सुसाइड नोट में छलकती दर्द और लाचारी
सुसाइड नोट में सुरेश सैन ने अपने दर्द और उस व्यवस्था के खिलाफ अपनी चीख को व्यक्त किया, जो उनकी मदद करने में नाकाम रही। उन्होंने अपनी मौत के लिए जिम्मेदार 8 नामजद लोगों का उल्लेख किया, जिनकी गतिविधियों ने उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया। सुरेश ने यह भी लिखा कि उन्होंने इन सूदखोरों से बचने के लिए कई बार पुलिस और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई।
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झुंझुनूं में सूदखोरों की क्रूरता: सुसाइड नोट में उठाए गए आरोप
सुरेश सैन आत्महत्या मामला : सुरेश सैन के 4 पेज के सुसाइड नोट में सूदखोरों द्वारा की गई क्रूरता का विस्तार से उल्लेख किया गया है। सुरेश ने लिखा कि ये लोग उनके और उनके परिवार के खिलाफ साजिशें रचते रहे और लगातार आर्थिक, मानसिक, और शारीरिक रूप से परेशान करते रहे। उन्होंने इन व्यक्तियों के नाम लेते हुए उनके द्वारा किए गए अत्याचारों का जिक्र किया।
1. सुधीर कटारिया
सुरेश ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि सुधीर कटारिया ने उनकी पत्नी के नाम की संपत्ति को साजिश करके 45 लाख में हड़प लिया था। इसके बदले उसने सुरेश और उनकी पत्नी से पांच-पांच खाली चेक और कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए थे। सुरेश ने कहा कि उनकी पत्नी के अनपढ़ होने का फायदा उठाकर कटारिया ने उन्हें मानसिक तौर पर परेशान किया।
2. सुरेंद्र कुमार आनंदपुरिया
सुरेश ने आरोप लगाया कि सुरेंद्र कुमार ने बीस लाख रुपए के लेन-देन में उनकी दुकान और ऑफिस पर कब्जा कर लिया था। सुरेश ने सुरेंद्र को पहले 5 लाख और फिर 8 लाख रुपए दिए, लेकिन वह अपनी दुकान नहीं खाली कर रहा था और अब 15 लाख रुपए की अतिरिक्त मांग कर रहा था।
3. देवकरण फगेड़िया
सुरेश ने देवकरण फगेड़िया पर 40 लाख रुपए उधार लेने का आरोप लगाया। सुरेश का कहना था कि उसने देवकरण को चेक, स्टांप और कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए थे, लेकिन पूरी राशि चुकता करने के बावजूद देवकरण ने चेक और गिरवी रजिस्ट्री वापस नहीं की।
4. ताराचंद मारिगसर
सुरेश ने लिखा कि ताराचंद से उधारी के पैसे लौटाने के बावजूद वह ब्याज की मांग कर रहा था। सुरेश का कहना था कि वह मानसिक दबाव में थे और उसे वापस लौटाने के बावजूद परेशान किया जा रहा था।
5. यूनुस ठेकेदार
सुरेश ने लिखा था कि यूनुस ने 35 लाख रुपए का चेक जबरदस्ती ले लिया और उसे कोर्ट में लगा दिया। वह अपने चेक को वापस पाने के लिए न्याय की गुहार कर रहे थे।
6. बीजू अणगासर
सुरेश ने लिखा कि बीजू अणगासर चाय वाले को उन्होंने पूरी रकम लौटा दी थी, लेकिन बीजू ने उनका एक चेक अपने पास रख लिया और उसे कोर्ट में 6 लाख रुपए के लिए लगा दिया।
7-8. ताराचंद कुंडली वाले और रामनिवास महला (जानी)
सुरेश ने लिखा कि ताराचंद कुंडली वाले से लिए 5 लाख रुपए का उधार चुकाया जाना था। रामनिवास महला के पास गिरवी रखी 4 बीघा जमीन की रजिस्ट्री 3 साल पहले कराई थी, लेकिन अब नियत खराब होने के कारण वह जमीन लौटाने से इनकार कर रहे थे।
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झुंझुनूं सूदखोरी मामला : पुलिस की कार्रवाई और परिवार की मांग
सुरेश सैन की आत्महत्या के बाद उनके परिवार ने इन सूदखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनकी पत्नी, बेटे-बेटी और माता-पिता सहित परिवार ने जालोर पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की अपील की है। पुलिस ने सुरेश के सुसाइड नोट को गंभीरता से लिया और कार्रवाई शुरू कर दी।
सुरेश की अंतिम कॉल का मलाल
सुरेश के जीजा महेंद्र ने बताया कि 11 अक्टूबर को सुरेश ने उन्हें फोन किया था, लेकिन वह फोन नहीं उठा पाए। महेंद्र का कहना था कि यदि वह उस कॉल को उठाते तो शायद सुरेश इस दर्दनाक कदम को उठाने से पहले अपनी समस्याओं को साझा कर पाते।
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आत्महत्या का विचार आने पर क्या करें?
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सुसाइड नोट में परिवार से माफी मांगी
सुरेश ने अपने परिवार से माफी मांगते हुए यह साफ लिखा था कि वह मानसिक उत्पीड़न को और सहन नहीं कर सकते थे। उनके शब्दों में दर्द, लाचारी और न्याय न मिलने की निराशा झलक रही थी। इस सुसाइड नोट ने प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं।
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