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Photograph: (TheSootr)
राजस्थान के अंता विधानसभा उपचुनाव में एक बड़ी साइबर ठगी का मामला सामने आया है। भाजपा से टिकट दिलवाने के नाम पर बारां पंचायत समिति के प्रधान मोरपाल सुमन इस ठगी का शिकार बने। ठगों ने सुमन से 38 हजार रुपए ठग लिए। ठगों ने यह राशि भाजपा कार्यालय से फोन करके मांगी थी, जिसमें उन्होंने सुमन को बताया कि अंता सीट से उनका टिकट फाइनल हो चुका है और दस्तावेज तैयार करने के लिए पैसे देने होंगे। बता दें, अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। यहां कांग्रेस ने पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को फिर से प्रत्याशी बनाया है। जबकि, भाजपा की ओर से टिकट की घोषणा की जानी है। वहीं, नरेश मीणा ने निर्दलीय ताल ठोकी है।
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अंता उपचुनाव में ठगों ने कैसे किया ठगी?
इस ठगी को अंजाम देने के लिए ठगों ने मोरपाल सुमन के मोबाइल नंबर पर दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालय से फोन करने का दावा किया। ठग ने कहा कि अंता विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में उनका टिकट फाइनल हो गया है और दस्तावेज की तैयारी के लिए उन्हें 38 हजार रुपए जमा करने होंगे। यह कॉल रविवार को आई थी और ठग ने फोन करके सुमन के बेटे से संपर्क किया। फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि टिकट के फाइनल होने की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन दस्तावेज की प्रक्रिया पूरी करने के लिए पैसे की आवश्यकता होगी। इसके बाद सुमन के बेटे दीनू उर्फ पदम सुमन ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करके पैसे ठग के खाते में भेज दिए।
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भाजपा की टिकट के नाम पर ठगी साइबर ठगी का खुलासा
सुमन ने बाद में इस मामले को भाजपा के जिलाध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार से साझा किया। सिकरवार ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि यह एक साइबर ठगी का मामला था। सुमन ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और ठग के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सुमन ने यह भी बताया कि उनके बेटे ने ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए थे, लेकिन बाद में ठग के बैंक खाते में पैसे होल्ड कर दिए गए। इससे ठग के खाते में कुछ राशि फंसी हुई है, लेकिन फिर भी पूरी राशि की वापसी अभी तक नहीं हो पाई है।
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भाजपा जिलाध्यक्ष का बयान
भाजपा जिलाध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार ने बताया कि रविवार सुबह एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया था, जो दिल्ली भाजपा कार्यालय से होने का दावा कर रहा था। इस व्यक्ति ने कुछ संभावित उम्मीदवारों के फोन नंबर मांगे थे, और उन्होंने सुमन सहित अन्य उम्मीदवारों के मोबाइल नंबर दिए थे। बाद में, मोरपाल सुमन ने सिकरवार को फोन किया और बताया कि उसने पैसे डाल दिए हैं। सिकरवार ने कहा, "हमने तुरंत इस मामले की जांच की और पाया कि यह एक साइबर ठगी का मामला था। हम पुलिस से संपर्क कर रहे हैं, ताकि ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।"
साइबर ठगी होने पर क्या करें?साइबर ठगी का शिकार हो जाने पर घबराने की बजाय, इन बिंदुओं को ध्यान में रखें:
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साइबर ठगी से बचने के उपाय क्या हैं?
साइबर ठगों द्वारा किए जाने वाले ऐसे मामलों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए।
1. सुरक्षित संपर्क नंबर का उपयोग करें
यदि किसी वीआईपी या पार्टी कार्यालय से संपर्क किया जाता है, तो उसकी सत्यता की जांच करें। हमेशा सीधे कार्यालय से संपर्क करके जानकारी प्राप्त करें।
2. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में सावधानी बरतें
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते समय यह सुनिश्चित करें कि आप सही और सुरक्षित वेबसाइट या एप्लिकेशन का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। संदिग्ध लिंक या कॉल पर कभी भी पैसे ट्रांसफर न करें।
3. आधिकारिक प्रमाणपत्रों की जांच करें
यदि आपको किसी नौकरी, टिकट या किसी अन्य लाभ के लिए पैसे देने के लिए कहा जाता है, तो पहले संबंधित प्राधिकृत अधिकारी से इसकी पुष्टि करें।
4. साइबर पुलिस से संपर्क करें
अगर आपको लगता है कि आप ठगी का शिकार हो गए हैं, तो तुरंत साइबर पुलिस से संपर्क करें। पुलिस विभाग इन मामलों को जल्दी और प्रभावी तरीके से निपटाता है।
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अंता में उपचुनाव क्यों हो रहे हैं?
अंता के विधायक रहे कंवरलाल मीणा के एक आपराधिक मामले में तीन साल की सजा होने के बाद यह सीट रिक्त हुई है। भाजपा इस सीट पर जिताऊ कैंडिडेट उतरना चाहती है। राजे से चर्चा के बाद फाइनल नाम को अंतिम रूप देकर दिल्ली भेजा गया है। अंता सीट पर 11 नवम्बर को चुनाव है। 14 को रिजल्ट आएंगे। इससे पहले 13 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। पर्चा भरने की अंतिम तिथि 21 अक्टूबर है। 23 तक नामांकन की जांच होगी। इसके बाद 27 अक्टूबर तक नाम वापसी हो सकेंगे।
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