राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं को झटका! एक ​अक्टूबर से बढ़ गईं दरें, नोटिफिकेशन जारी

राजस्थान में नई टैरिफ लागू होने से, अक्टूबर 2025 से मध्यम वर्ग और बड़े उद्योगों का बिजली बिल बढ़ेगा। रेगुलेटरी सरचार्ज और स्थायी शुल्क में वृद्धि से उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार।

author-image
Nitin Kumar Bhal
New Update
rajasthan-october-2025-new-tariff-electricity-bills-jaipur-jodhpur-ajmer-discom

Photograph: (TheSootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jaipur. राजस्थान के जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम के उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है। एक अक्टूबर 2025 से बिजली के बिल में वृद्धि हो गई है। राज्य के तीन प्रमुख डिस्कॉम (जयपुर डिस्कॉम, जोधपुर डिस्कॉम, अजमेर डिस्कॉम) ने नई टैरिफ के अनुसार बिल वसूलने का निर्णय लिया है, जिसका सीधा असर लाखों उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। अब से बिजली खपत पर एक नई टैरिफ लागू की जाएगी, जिसके तहत उपभोक्ताओं के बिल में 15 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है, खासकर मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए।

राजस्थान में वन विभाग के आला अधिकारियों ने अनसुनी की सीएम की बात, अब होगी कार्रवाई

नए टैरिफ की घोषणाएँ और संशोधन

इन टैरिफ संशोधनों का नोटिफिकेशन डिस्कॉम्स ने जारी किया। इसके तहत बिजली निगमों के सॉफ्टवेयर में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे ताकि स्पॉट बिलिंग सिस्टम के माध्यम से मीटर रीडिंग और नई टैरिफ के आधार पर बिल जारी किए जा सकें। इन बदलावों के कारण अगले 10 दिन तक बिलिंग का काम स्थगित रहेगा। इसके साथ ही राज्य की प्रमुख बिजली वितरण कंपनियों ने यह भी स्पष्ट किया कि इन बदलावों के बाद उपभोक्ताओं को उनके मीटर रीडिंग के आधार पर नई दरों के अनुसार बिल जारी किया जाएगा।

यह खबर भी देखें...

राजस्थान में पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, पाकिस्तानी महिला हैंडलर को भेजता था गुप्त सूचनाएं

राजस्थान में बिजली की दरें कितनी बढ़ी हैं?

मध्यम वर्ग के लिए 15 प्रतिशत अधिक भार

राजस्थान में नए बिजली टैरिफ के प्रभाव से सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। जो उपभोक्ता हर महीने औसतन 400 यूनिट बिजली की खपत करते हैं, उनके लिए बिजली बिल में लगभग 490 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है। यह बढ़ोतरी लगभग 15 प्रतिशत अतिरिक्त आर्थिक भार को दर्शाती है। नवंबर माह में आने वाले बिल में यह वृद्धि साफ तौर पर दिखाई देगी, जो उपभोक्ताओं के लिए आर्थिक रूप से बोझिल हो सकती है।

बड़े उद्योगों पर भी बढ़ेगा खर्च

बड़े उद्योगों की स्थिति भी खासकर नई टैरिफ के कारण बदलने वाली है। राजस्थान स्टील चैंबर के महासचिव सुदेश शर्मा के मुताबिक, बड़े उद्योगों को टैरिफ में पहली बार एक रुपए प्रति यूनिट का रेगुलेटरी सरचार्ज चुकाना होगा। इसके अलावा, स्थायी शुल्क को भी बढ़ाया गया है, जिससे बिजली के दाम में वृद्धि हुई है। पहले उद्योगों को 7.30 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती थी, जो अब घटकर 6.30 रुपए प्रति यूनिट हो गई है। हालांकि, इस कमी की भरपाई रेगुलेटरी सरचार्ज और स्थायी शुल्क वृद्धि के रूप में की गई है।

रेगुलेटरी सरचार्ज और स्थायी शुल्क में वृद्धि

राजस्थान के बिजली वितरण कंपनियों द्वारा लागू किए गए नए टैरिफ में एक रुपये प्रति यूनिट का रेगुलेटरी सरचार्ज भी शामिल किया गया है। यह सरचार्ज खासकर उन उपभोक्ताओं के लिए लागू होगा जिनकी खपत 100 यूनिट से कम नहीं है। 100 यूनिट से कम बिजली उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं पर 70 पैसे प्रति यूनिट तक रेगुलेटरी सरचार्ज वसूला जाएगा। हालांकि, डिस्कॉम ने दावा किया है कि 300 यूनिट तक खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं पर इसका असर नहीं होगा।

यह खबर भी देखें...

राजस्थान मौसम अपडेट : रातें सर्द, दिन में हल्की गर्मी, दो-तीन दिन ऐसा ​ही मौसम र​हने की संभावना

स्थायी शुल्क में वृद्धि और बदलाव

नई टैरिफ के तहत स्थायी शुल्क में भी वृद्धि की गई है। पहले यह शुल्क 300 रुपये प्रति केवीए था, जो अब बढ़कर 380 रुपये प्रति केवीए हो गया है। इसके अलावा, कुछ अन्य बदलाव भी किए गए हैं, जैसे कि कैप्टिव पावर प्लांट पर पैरलल ऑपरेशन चार्ज लगाना और लोड फैक्टर पर मिलने वाली छूट को समाप्त करना। ये सभी बदलाव उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त खर्च का कारण बनेंगे, जो उन्हें भविष्य में भुगतने होंगे।

यह खबर भी देखें...

दिवाली पर होंगे सज-धज कर तैयार राजस्थान के स्कूल, पर एक आदेश से उड़ी शिक्षकों की नींद

राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन क्या है?

  • कब और क्यों हुआ गठन

    • यह एक सरकारी निकाय है जो राजस्थान में बिजली के उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण को नियंत्रित करता है। इसकी स्थापना 2 जनवरी 2000 को हुई थी।

  • मुख्य कार्य

    • टैरिफ निर्धारण: उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें तय करना और समय-समय पर टैरिफ योजनाओं में बदलाव करना।

    • विवाद समाधान: बिजली वितरण कंपनियों और उपभोक्ताओं के बीच होने वाले विवादों का समाधान करना।

    • नीति निर्माण: विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 108 के तहत ऊर्जा क्षेत्र के लिए नीतियां बनाने में राज्य सरकार की मदद करना।

    • लाइसेंस देना: बिजली उत्पादन और वितरण के लिए लाइसेंसधारकों को लाइसेंस जारी करना।

    • नियामक कार्य: बिजली उत्पादन और वितरण से संबंधित अन्य नियामक कार्यों को करना, जैसे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को मंजूरी देना।

टाइम ऑफ डे (TOD) टैरिफ लागू किया

आरईआरसी (Rajasthan Electricity Regulatory Commission) के आदेश के बाद राजस्थान में टाइम ऑफ डे (TOD) टैरिफ को भी लागू किया गया है, जो उन उपभोक्ताओं पर लागू होगा जिनका लोड 10 किलोवॉट से ज्यादा है। इस नए नियम के तहत, सुबह 6 बजे से 8 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक बिजली की खपत पर ज्यादा शुल्क लिया जाएगा। खासतौर पर, शाम के समय बिजली खपत पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा। हालांकि, दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक की खपत पर 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

यह खबर भी देखें...

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बढ़ाई सियासी हलचल, समर्थकों को कहा-जैसा नहीं, जैसी सीएम!

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए नुकसान

TOD टैरिफ का सबसे ज्यादा असर घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जबकि अघरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को इसका कुछ लाभ हो सकता है। विशेषकर, कृषि उपभोक्ताओं को TOD के दायरे से बाहर रखा गया है, जिससे उन्हें इसका सीधा असर नहीं होगा।

यह खबर भी देखें...

मेंटल हेल्थ से पीड़ित है राजस्थान में 20 फीसदी से ज्यादा युवा, जानें समाधान के उपाय

जयपुर डिस्कॉम क्या है?

कंपनी का परिचय

  • जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जयपुर डिस्कॉम) राजस्थान के 17 जिलों में बिजली वितरण और आपूर्ति का कार्य करता है। ये जिले हैं: जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावार, सवाई माधोपुर, डूंगरपुर, गंगापुर सिटी, डीग, कोटपुतली, भिवाड़ी, टोंक और करौली। (कोटा और भरतपुर शहर को छोड़कर)

मिशन (Mission)

  • सस्ती और गुणवत्ता वाली बिजली की आपूर्ति करना।

  • उत्कृष्ट उपभोक्ता देखभाल के लिए प्रयासरत रहना।

  • टीमवर्क, सीखने और नवाचार को बढ़ावा देना।

  • स्टेकहोल्डर्स की उम्मीदों को पूरा और पार करना

  • कार्यस्थल के माहौल की गुणवत्ता को बेहतर बनाना

  • संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग कर संचालन की दक्षता बढ़ाना।

गुणवत्ता नीति (Quality Policy)

  • JVVNL अपने ग्राहकों और स्टेकहोल्डर्स की अपेक्षाओं को संतुष्ट और बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, और इसके लिए हम लगातार निरंतर, सस्ती और गुणवत्ता वाली बिजली और सेवाओं का वितरण सुनिश्चित करते हैं।

  • यह सुनिश्चित किया जाता है कि बिजली की आवश्यकता की योजना बनाई जाए और वितरण नेटवर्क की इष्टतम रखरखाव, मानव क्षमता में वृद्धि, पारदर्शिता और प्रणालियों में निरंतर सुधार के माध्यम से इसे पूरा किया जाए।

गुणवत्ता उद्देश्य (Quality Objectives)

  1. वितरण नेटवर्क का निवारक रखरखाव निर्धारित समयसीमा के अनुसार करना।

  2. उपभोक्ता की शिकायतों का त्वरित समाधान

  3. सभी स्तरों पर सेवाओं के मानकों, नए और चल रहे प्रोजेक्ट्स के समय पर कार्यान्वयन की निगरानी करना।

  4. वितरण नेटवर्क का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण योजना के अनुसार करना।

  5. AT&C हानियों में कमी लाना।

  6. कर्मचारियों के कौशल और ज्ञान का उन्नयन अनुमोदित प्रशिक्षण कैलेंडर के अनुसार करना।

  7. कर्मचारियों की संतुष्टि स्तरों में सुधार

  8. नियमों, विनियमों और मैन्युअल्स का सरलीकरण और अद्यतन करना।

  9. संगठनात्मक संरचना का मानकीकरण

  10. प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (KPI) का कार्यान्वयन करना।

यह खबर भी देखें...

राजस्थान के थाने में घुस महिलाओं ने मचाया तांडव, तोड़फोड़ कर फाड़ी वर्दी, जानें पूरा मामला

कृषि क्षेत्र को TOD टैरिफ से बाहर रखा

राजस्थान के कृषि उपभोक्ताओं को TOD टैरिफ से बाहर रखा गया है, जिसका मतलब यह है कि उन्हें इन नए बदलावों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार ने कृषि क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है, ताकि किसानों को अपने कामकाजी समय में कोई परेशानी न हो।

यह खबर भी देखें...

सांसद राजकुमार रोत को फेसबुक लाइव पर गोली मारने की धमकी, जानें पूरा मामला

FAQ

1. राजस्थान में बिजली के बिल में बढ़ोतरी कब से होगी?
राजस्थान में एक अक्टूबर 2025 से बिजली के बिल में वृद्धि होगी, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा।
2. राजस्थान में बिजली की नई टैरिफ के तहत किस प्रकार की वृद्धि होगी?
राजस्थान में बिजली की नई टैरिफ के तहत, मध्यम वर्ग और बड़े उद्योगों का बिजली बिल लगभग 15 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इसके अलावा, रेगुलेटरी सरचार्ज और स्थायी शुल्क में भी वृद्धि की गई है।
3. क्या राजस्थान में TOD टैरिफ से घरेलू उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा?
जी हां, राजस्थान में TOD टैरिफ का सबसे ज्यादा असर घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, खासतौर पर शाम के समय बिजली की खपत पर।
4. क्या राजस्थान में कृषि उपभोक्ताओं पर TOD टैरिफ का असर पड़ेगा?
नहीं, राजस्थान में कृषि उपभोक्ताओं को TOD टैरिफ के दायरे से बाहर रखा गया है, उनका बिजली बिल नहीं बढ़ेगा।
5. राजस्थान में 100 यूनिट से कम खपत वाले उपभोक्ताओं को क्या असर होगा?
100 यूनिट से कम खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर 70 पैसे प्रति यूनिट का रेगुलेटरी सरचार्ज लगेगा।
राजस्थान में बिजली की दरें कितनी बढ़ी हैं? राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन राजस्थान इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन क्या है अजमेर डिस्कॉम जोधपुर डिस्कॉम जयपुर डिस्कॉम
Advertisment