/sootr/media/media_files/2025/10/11/rajasthan-cm-bhajanlal-sharma-ifs-officers-discipline-action-2025-10-11-11-18-46.jpg)
Photograph: (TheSootr)
राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने आदेशों के बावजूद दो सीनियर भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारियों द्वारा काम में लापरवाही बरतने के कारण नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री के बार-बार कहने के बावजूद अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब, मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद वन मंत्री संजय शर्मा ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक IFS शिखा मेहरा और अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) IFS राजेश गुप्ता पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर दी है।
यह खबर भी देखें...
राजस्थान में पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार, पाकिस्तानी महिला हैंडलर को भेजता था गुप्त सूचनाएं
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/10/11/rajasthan-cm-bhajanlal-sharma-ifs-officers-discipline-action-2025-10-11-11-26-37.jpg)
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/10/11/rajasthan-cm-bhajanlal-sharma-ifs-officers-discipline-action-2025-10-11-11-27-26.jpg)
आरोप: गेस्ट हाउस को पर्यटकों के लिए खोलने में देरी
यह मामला मुख्य रूप से वन विभाग (Rajasthan Forest Department) के गेस्ट हाउस को पर्यटकों के लिए खोलने से जुड़ा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कुछ महीने पहले एक बैठक में कहा था कि वन विभाग के गेस्ट हाउस को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाए और उनकी बुकिंग ऑनलाइन पोर्टल के जरिए की जाए। यह कदम पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए था, लेकिन अधिकारियों ने इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं की।
यह खबर भी देखें...
सीएम नाराजगी के बाद कार्रवाई की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश के बाद भी जब अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया, तो यह मामला फिर से मुख्यमंत्री के पास पहुंचा। इस बार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गंभीर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद वन मंत्री संजय शर्मा ने इस मुद्दे पर विशेष ध्यान दिया और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की।
यह खबर भी देखें...
दिवाली पर होंगे सज-धज कर तैयार राजस्थान के स्कूल, पर एक आदेश से उड़ी शिक्षकों की नींद
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की नाराजगी और उसकी वजह
राजस्थान के वन विभाग में राज्य के गेस्ट हाउसों को पर्यटकों के लिए खोलने का मुद्दा लंबे समय से चल रहा था। मुख्यमंत्री ने इसे पहले ही मंजूरी दे दी थी, लेकिन अधिकारियों ने इसे लागू नहीं किया। कई बैठकें हुईं, जहां अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, लेकिन यह प्रक्रिया लगातार टलती रही। मुख्यमंत्री ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों से इस पर कार्रवाई करने को कहा।
मुख्यमंत्री की नाराजगी के बावजूद, अगस्त में भी इस मुद्दे को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने खुद इस पर हस्तक्षेप किया और अधिकारियों को चेतावनी दी। लेकिन अधिकारियों की ओर से यह मामला लापरवाही का शिकार रहा।
यह खबर भी देखें...
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बढ़ाई सियासी हलचल, समर्थकों को कहा-जैसा नहीं, जैसी सीएम!
मुख्यमंत्री ऑफिस में आई शिकायतें
मुख्यमंत्री के पास मुख्यमंत्री ऑफिस से कई शिकायतें पहुंची थीं, जिसमें राजस्थान के टाइगर रिजर्व क्षेत्रों में पीने के पानी और शौचालय की सुविधा न होने की शिकायतें थीं। इन शिकायतों ने मुख्यमंत्री को इस पर और ध्यान देने को मजबूर किया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसे सुधारने के निर्देश दिए थे, लेकिन जब कार्रवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री ने इस पर सख्त कदम उठाने की योजना बनाई।
यह खबर भी देखें...
मेंटल हेल्थ से पीड़ित है राजस्थान में 20 फीसदी से ज्यादा युवा, जानें समाधान के उपाय
/filters:format(webp)/sootr/media/media_files/2025/10/11/rajasthan-cm-bhajanlal-sharma-ifs-officers-discipline-action-2025-10-11-11-25-47.jpg)
राजस्थान के वन मंत्री संजय शर्मा ने मुख्यमंत्री की नाराजगी और अधिकारियों की लापरवाही को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की सिफारिश की। संजय शर्मा ने कहा कि उन्होंने चार से पांच बार अधिकारियों को यह काम करने को कहा था, लेकिन अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज किया। उनके अनुसार, अधिकारियों की लापरवाही ने वन विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाया है और इसलिए कार्रवाई की आवश्यकता है।
अनुशासनात्मक कार्रवाई का महत्व और उसके प्रभाव
वन मंत्री संजय शर्मा ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश करते हुए कहा कि अधिकारियों के खिलाफ अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन एवं अपील) नियम 1969 के तहत कार्रवाई की जाएगी। यह नियम उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देता है, जो अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतते हैं। इस कानून के तहत, अधिकारियों को सजा मिल सकती है और उनकी सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
यह खबर भी देखें...
सांसद राजकुमार रोत को फेसबुक लाइव पर गोली मारने की धमकी, जानें पूरा मामला
प्रशासन में सुधार की आवश्यकता
यह मामला प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता को उजागर करता है। मुख्यमंत्री और वन मंत्री द्वारा की गई कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि राज्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों को लेकर गंभीर है और वह अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार चाहती है।
यह खबर भी देखें...
राजस्थान के थाने में घुस महिलाओं ने मचाया तांडव, तोड़फोड़ कर फाड़ी वर्दी, जानें पूरा मामला