दिवाली पर होंगे सज-धज कर तैयार राजस्थान के स्कूल, पर एक आदेश से उड़ी शिक्षकों की नींद

राजस्थान के सरकारी स्कूलों में दीपावली से पहले रंग-रोगन और मरम्मत कार्य होंगे। शिक्षा विभाग ने इस कार्य के लिए विद्यार्थी विकास कोष से राशि खर्च करने के निर्देश दिए हैं।

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Nitin Kumar Bhal
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Photograph: (TheSootr)

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Bikaner . राजस्थान में सरकारी स्कूलों की हालत एक बार फिर चर्चा में है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि दीपावली से पहले सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सफाई, रंग-रोगन, पेंटिंग और मरम्मत कार्य किए जाएंगे। पहली बार सरकारी स्कूलों में दीपावली से पहले मरम्मत, रंग-रोगन और लाइटिंग करने का फैसला किया है। इसके लिए प्रदेशभर में 11 अक्टूबर से लेकर 18 अक्टूबर तक सरकारी स्कूलों में मरम्मत और रंग-रोगन किया जाएगा। इसके बाद 18 अक्टूबर से दीपावली पर्व तक रोशनी की व्यवस्था की जाएगी, जिसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को आर्थिक मदद भी की जाएगी। 

नए आदेश ने उड़ाई शिक्षकों की नींद

हालांकि, शिक्षा विभाग के एक नए आदेश ने शिक्षकों की नींद उड़ा दी है। निदेशक सीताराम जाट ने आदेश जारी किया कि 18 अक्टूबर से दीपोत्सव अवधि तक सभी विद्यालयों में लाइटिंग की जाए, ताकि स्कूल आकर्षक व आलोकित नजर आएं। गौरतलब है कि शिविरा पंचांग के अनुसार इस बार स्कूलों में मध्यावधि अवकाश 13 से 24 अक्टूबर तक रहेगा। दीपोत्सव आदेश से पहले तक प्राचार्य व शिक्षक रंगरोगन और सफाई तक की तैयारी में जुटे थे। लेकिन अब सवाल यह है कि दीपोत्सव के दौरान स्कूलों में रोशनी करनी है, तो शिक्षक अपने घर कैसे जाएंगे? कई शिक्षक दूर-दराज जिलों में पदस्थापित है।

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शिक्षा निदेशक ने जारी किए निर्देश

माध्यमिक शिक्षा निदेशक IAS सीताराम जाट ने आदेश जारी करते हुए यह कहा कि जिन स्कूलों में विद्यार्थी विकास कोष (Student Development Fund) में पर्याप्त राशि उपलब्ध है, उन्हें इन कार्यों के लिए 15 हजार से 2 लाख रुपए तक खर्च करने की अनुमति दी गई है।

दीपावली से पहले यह आदेश केवल उन 20,250 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों पर लागू होगा जिनके पास विद्यार्थी विकास कोष में पर्याप्त राशि उपलब्ध है। यह कदम शिक्षा विभाग द्वारा इस क्षेत्र में सुधार करने और विद्यार्थियों के लिए बेहतर माहौल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

18 अक्टूबर से पहले पूरा करना होगा काम

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सभी 65 हजार सरकारी स्कूलों में मरम्मत और पेंटिंग के कार्य को 18 अक्टूबर से पहले पूरा करना होगा। इसके लिए राजस्थान लोक उपापन पारदर्शिता अधिनियम 2012 और 2013 सामान्य वित्तीय लेखा नियमों की पालन करना जरूरी होगा। इसके साथ ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को हल्के पीले कलर में पेंट करना होगा। जबकि राजकीय प्राथमिक विद्यालय को हल्के गुलाबी कलर से पेंट करना अनिवार्य होगा। ताकि स्कूलों की एकरूपता बनी रहे।

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यह रहेंगे स्कूलों पर रंग

स्कूल शिक्षा विभाग राजस्थान के आदेश के अनुसार दीवारों पर प्योर आइवरी यानी हल्का क्रीम कलर और छत पर सफेद रंग किया जाएगा। दरवाजे और खिड़कियों पर नट ब्राउन और मेन गेट पर आसमानी बेस पर लाल अक्षरों में स्कूल का नाम लिखा जाएगा।

दीपावली से पहले आदेश लागू करने का कारण

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का मानना है कि दीपावली एक महत्वपूर्ण त्योहार है और सरकार का उद्देश्य है कि स्कूलों का चेहरा इस सीजन में आकर्षक, स्वच्छ और व्यवस्थित दिखे। इसके तहत, सरकारी स्कूलों के दीवारों, नाम पट्ट, गेट और मुखमंडल (Front Facade) को एक समान रंग संयोजन में पेंट किया जाएगा, ताकि वे त्योहारी सीजन के माहौल के अनुरूप दिखाई दें। सभी प्रिंसीपल अपने स्कूल की वर्तमान व रंग-रोगन के बाद की फोटो भी भेजनी होगी। इसी के आधार पर विकास कार्य का आकलन होगा।

विद्यार्थियों के विकास कोष से खर्च

सभी सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों से विभिन्न शुल्क लिए जाते हैं, जैसे कि प्रवेश शुल्क, ट्रांसफर सर्टिफिकेट शुल्क और परीक्षा शुल्क। इन सभी शुल्कों की राशि विद्यार्थी विकास कोष में जमा की जाती है। इस कोष का उपयोग स्कूल के विकास कार्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि सफाई, मरम्मत, पेंटिंग और अन्य छोटे-मोटे विकास कार्य।

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राजस्थान लोक उपापन पारदर्शिता अधिनियम 2012 के तहत नियमों का पालन

राज्य सरकार ने राजस्थान के सरकारी स्कूलों में रंग-रोगन का यह आदेश राजस्थान लोक उपापन पारदर्शिता अधिनियम 2012 और नियम 2013 के तहत जारी किया है। इसके अंतर्गत सभी कार्यों का पालन सामान्य वित्तीय एवं लेखा नियमों के तहत सुनिश्चित किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि स्कूलों में किए गए सभी कार्यों की पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितताएं न हो।

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FAQ

1. राजस्थान में सरकारी स्कूलों में मरम्मत कार्य क्यों किया जा रहा है?
सरकारी स्कूलों में मरम्मत कार्य दीपावली के समय स्कूलों को स्वच्छ और आकर्षक बनाने के लिए किया जा रहा है। यह कदम विद्यार्थियों के मनोबल को बढ़ाने और स्कूलों का चेहरा सुधारने के लिए उठाया गया है।
2. विद्यार्थी विकास कोष (Student Development Fund) क्या है?
विद्यार्थी विकास कोष एक ऐसा कोष है जिसमें स्कूल से विद्यार्थियों द्वारा ली जाने वाली विभिन्न फीस जमा की जाती है। इस कोष से स्कूल के छोटे-मोटे विकास कार्य किए जाते हैं, जैसे कि सफाई, मरम्मत और पेंटिंग।
3. राजस्थान में सरकारी स्कूलों में मरम्मत का आदेश किस पर लागू होगा?
यह आदेश उन 20,250 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों पर लागू होगा जिनके पास विद्यार्थी विकास कोष में पर्याप्त राशि उपलब्ध है।
4. स्कूलों में रंग-रोगन और मरम्मत के लिए कितनी राशि निर्धारित की गई है?
इस कार्य के लिए 15 हजार से 2 लाख रुपए तक की राशि निर्धारित की गई है। यह राशि स्कूलों के विद्यार्थी विकास कोष से खर्च की जाएगी।

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