जयपुर के SMS हॉस्पीटल में लगी आग, आठ मरीजों की मौत, देररात हुआ हादसा

राजस्थान के SMS अस्पताल जयपुर में ट्रॉमा ICU में आग से 8 मरीजों की मौत, शॉर्ट‑सर्किट आशंका; सुरक्षा और जांच की मांग। TheSootr में जानें पूरा मामला।

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Sanjay Dhiman
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Photograph: (TheSootr)

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राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS Hospital) के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार, 5 अक्टूबर 2025 को देर रात लगी आग ने पूरे राज्य को हिला दिया। इस हादसे में आठ मरीजों की मौत हो गई, जिनमें तीन महिलाएं भी थीं। आग न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर में लगी, जहां पेपर, मेडिकल उपकरण और ब्लड सैंपलर ट्यूब रखे थे।

एसएमएस आग हादसे में किसकी मौत हुई है?

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इस हादसे में कुल आठ मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल थीं। मृतकों की पहचान इस प्रकार है:

  • पिंटू (सीकर)

  • दिलीप (आंधी, जयपुर)

  • श्रीनाथ (भरतपुर)

  • रुक्मणि (भरतपुर)

  • कुसमा (भरतपुर)

  • सर्वेश (आगरा)

  • बहादुर (सांगानेर, जयपुर)

  • दिगंबर वर्मा (सवाई माधोपुर)

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एसएमएस हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार देर रात करीब 11:20 बजे आग लगी। Photograph: (TheSootr)

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एसएमएस अस्पताल में आग लगने का कारण क्या था?

सीनियर डॉक्टर और ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर के मुताबिक, आग शॉर्ट सर्किट से लगने की आशंका है। रात 11:20 बजे आग फैलने लगी, धुआं आईसीयू में भर गया और मरीजों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी। 11 मरीज सीधे प्रभावित हुए, जबकि बगल वाले आईसीयू में 13 मरीज थे।

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आग के कारण दम घुटने से भरतपुर निवासी मरीज रुकमणि की आईसीयू के बिस्तर पर ही मौत हो गई।
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मरीजों का सड़क पर किया गया इलाज

SMS हॉस्पीटल में आग हादसे के बाद परिजन मरीजों को बिस्तर सहित अस्पताल के बाहर ले गए। रात के अंधेरे में सड़क पर मरीजों के बिस्तर रख दिए गए और वहीं प्राथमिक उपचार शुरू किया गया। पिंटू (सीकर), दिलीप (जयपुर), श्रीनाथ (भरतपुर), रुकमणि (भरतपुर), कुसमा (भरतपुर), सर्वेश (आगरा), बहादुर (जयपुर) और दिगंबर वर्मा सवाई माधोपुर की जान चली गई।

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वार्ड में धुआं भरने से बचाव कार्य में देरी

दमकल कर्मियों के मुताबिक, अलार्म बजते ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, लेकिन पूरी वार्ड (sms hospital jaipur) में धुआं भर जाने के कारण अंदर जाना असंभव था। टीम ने बिल्डिंग के दूसरी ओर से खिड़की के कांच हटाए और पानी की बौछार शुरू की। आग पर काबू पाने में डेढ़ घंटे लग गए। ज़हरीली गैस के चलते बचाव दल को भी परेशानी हुई।

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आग लगने के बाद मरीजों को लेकर भागते परिजन। Photograph: (TheSootr)

मरीजों के परिजन का आरोप, स्टाफ की लापरवाही

भरतपुर निवासी शेरू ने बताया कि आग लगने से 20 मिनट पहले ही धुआं उठना शुरू हो गया था। उन्होंने तुरंत स्टाफ को जानकारी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। सामने मौजूद प्लास्टिक पाइप पिघलने लगे जिससे हालात और बिगड़ गए।

मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना, पूर्व सीएम ने की जांच की मांग

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना को ‘अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और चिकित्सकों व अधिकारियों से त्वरित राहत सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने मरीजों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की और कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने लिखा कि सुरक्षा मानकों की पुनर्समीक्षा जरूरी है।

FAQ

1. जयपुर SMS हॉस्पिटल ट्रॉमा सेंटर में आग कैसे लगी?
शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई गई है, लेकिन आधिकारिक जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
2. जयपुर के SMS हॉस्पिटल हादसे में कितने लोगों की मौत हुई?
कुल आठ मरीजों की मौत हुई, जिनमें तीन महिलाएं शामिल हैं।
3. क्या SMS हॉस्पिटल में आग से बचाव की व्यवस्था थी?
फायर अलार्म मौजूद था, लेकिन शुरुआती प्रतिक्रिया में देरी और धुआं भर जाने से बचाव में कठिनाई हुई।
4. SMS हॉस्पिटल हादसे के बाद प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
मुख्यमंत्री ने राहत कार्य और मरीजों की सुरक्षा के लिए निर्देश दिए हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
5. भविष्य में अस्पतालों में आग लगने के हादसों को कैसे रोका जा सकता है?
नियमित फायर ड्रिल, उपकरणों की जांच, वैकल्पिक बिजली व्यवस्था और स्टाफ प्रशिक्षण से ही रोकथाम संभव है।

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