सरकारी शिविर में अव्यवस्था देख भड़के मदन दिलावर, अधिकारियों को सुनाई खरी-खोटी

राजस्थान में शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर का निरीक्षण करते हुए पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर ने अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई और कैंप तुरंत शुरू करवाया।

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Nitin Kumar Bhal
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Kota . राजस्थान में शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कई स्थानों पर यह शिविर अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ रहे हैं। शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 को शिक्षा एवं पंचायतराज मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) कोटा ग्रामीण के एक सेवा शिविर में निरीक्षण करने पहुंचे। मंत्री दिलावर को शिविर स्थल पर 3-4 विभाग के अधिकारी और कुछ ही कर्मचारी नजर आए, जो पंचायत कार्यालय के अंदर बैठे थे। यह देखकर मंत्री भड़क उठे। उन्होंने तुरंत उपखंड अधिकारी (SDM) गजेंद्र सिंह को फोन कर पूछा: "एसडीएम साहब- शिविर का समय क्या है?" मंत्री बोराबास के शिविर में सुबह 10 बजे पहुंचे, लेकिन तब भी कुर्सियां खाली थीं। उन्होंने थोड़ी देर कुर्सियों को देखा और फिर खुद एक कुर्सी पर बैठ गए।

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ग्रामीण सेवा शिविर में अधिकारियों की लापरवाही

मंत्री के आने की सूचना पर आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने मंच के पीछे कैंप का बैनर लगाया। इसके बाद पंचायत कार्यालय में बैठे नायब तहसीलदार लेखराज स्वामी मौके पर पहुंचे।

मंत्री ने नायब तहसीलदार से पूछा: "शिविर भवन के कमरे में आयोजित करने के निर्देश हैं क्या?"

नायब तहसीलदार ने उत्तर दिया कि ग्रामीणों के आने का इंतजार किया जा रहा था।

मंत्री ने उपस्थिति रजिस्टर मांगा। रजिस्टर देखकर पता चला कि सुबह 10.27 बजे तक कुछ ही कर्मचारी उपस्थित थे, वो भी कमरे के अंदर बैठे थे। मंत्री ने रजिस्टर पर नोट किया और अपना साइन कर समय दर्ज किया।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और नियमित निरीक्षण के जरिए सुधार सुनिश्चित किया जाएगा।

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मदन दिलावर ने किया एसडीएम को फोन

मंत्री ने एसडीएम गजेंद्र सिंह से फोन पर बात की:

मंत्री: "शिविर का समय क्या है?"
एसडीएम: "शिविर का समय 9.30 से 6 बजे तक का है।"
मंत्री: "अभी 10.15 बजे हैं। बोराबास में अभी तक शिविर शुरू नहीं हुआ है, कोई जिम्मेदार अधिकारी भी मौके पर नहीं है।"

इसके बाद मंत्री ने फोन काट दिया।

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आनन-फानन में पहुंचे अधिकारी

मंत्री के शिविर में पहुंचने की जानकारी के बाद सभी अधिकारी तुरंत बोराबास पहुंचे। इसके बाद शिविर की विधिवत शुरुआत हुई। पंचायत राज मंत्री करीब एक घंटे वहां मौजूद रहे और कार्यक्रम का निरीक्षण किया।

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शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर का महत्व

शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर (Urban and Rural Service Camp) का उद्देश्य नागरिकों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ सीधे तौर पर प्रदान करना है। ऐसे शिविरों में नागरिकों को पेंशन, प्रमाण पत्र, लाभ योजनाओं और अन्य सरकारी सेवाओं के लिए सुविधा दी जाती है। मंत्री की कड़ी निगरानी और अधिकारियों को फटकारने से यह स्पष्ट हो गया कि सेवा शिविर में कर्मचारियों और अधिकारियों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है।

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राजस्थान में शहरी सेवा शिविर व ग्रामीण सेवा शिविर क्या हैं?

  • शिविरों का उद्देश्य

    • जनता को राहत: सरकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को उनके जरूरी प्रशासनिक और सेवा संबंधी काम एक ही स्थान पर करने की सुविधा दे रही है।

    • सरकारी योजनाओं से जोड़ना: वंचित और पात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, और खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।

    • प्रशासन को जनसेवा से जोड़ना: यह पहल प्रशासन और आम नागरिकों के बीच दूरी को कम करती है, जिससे समस्याओं का तेजी से समाधान होता है।

  • प्रदान की जाने वाली सेवाएं

    • दस्तावेज़ संबंधित सेवाएं: जन्म-मृत्यु-विवाह प्रमाण पत्र जारी करना, मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, और नामांतरण।

    • भूमि संबंधित सेवाएं: पट्टे वितरण, रजिस्ट्री, भू-राजस्व से जुड़े कार्य।

    • अन्य सेवाएं: घर-घर कचरा संग्रहण, स्ट्रीट लाइट लगाना, और विभिन्न सरकारी योजनाओं के आवेदन लेना।

  • शिविरों के प्रकार और आयोजन

    • शहरी सेवा शिविर: ये शिविर नगर निगमों द्वारा शहरी क्षेत्रों में वार्डों के अनुसार आयोजित किए जाते हैं, जहां लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाता है।

    • ग्रामीण सेवा शिविर: यह हर ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित होते हैं, जिससे ग्रामीणों को प्रशासन से जुड़े कार्यों के लिए एक ही स्थान पर सुविधा मिलती है।

  • आयोजन का विवरण

    • यह शिविर 17 सितंबर 2025 से शुरू हुए थे और सेवा पखवाड़े के तहत आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।

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अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता

यह घटना केवल बोराबास शिविर तक सीमित नहीं है। कई अन्य जगहों पर भी अधिकारियों की लापरवाही और तैयारी में कमी देखी जाती है। सेवा शिविर में समय पर सभी अधिकारी उपस्थित नहीं होते, जिससे ग्रामीण और शहरी नागरिकों को योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई होती है। 

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FAQ

1. राजस्थान में शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर का उद्देश्य क्या है?
राजस्थान में शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर का उद्देश्य नागरिकों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ सीधे तौर पर प्रदान करना है।
2. मंत्री मदन दिलावर क्यों नाराज हुए?
मंत्री ने अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ी फटकार लगाई और उपस्थिति रजिस्टर देखकर नोट किया।
3. शहरी और ग्रामीण सेवा शिविर में अधिकारियों की लापरवाही क्यों हुई?
अधिकारियों और कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति न होना और तैयारी में कमी लापरवाही का मुख्य कारण था।
4. बोराबास ग्रामीण सेवा शिविर में कितने अधिकारी मौजूद थे?
बोराबास गांव में ग्रामीण सेवा शिविर में मंत्री दिलावर के पहुंचने पर सिर्फ 3-4 विभाग के अधिकारी और कुछ कर्मचारी उपस्थित थे।

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